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जानिए कैसे होता है एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति से बीमारियों का इलाज?

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 24, 2023, 8:08 PM IST

प्रयागराज में एक्यूप्रेशर शोध और प्रशिक्षण संस्थान में कई तरह के रोगों का इलाज एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति (diseases treated with acupressure therapy) से किया जा रहा है. इस इलाज में किसी प्रकार की दवा या इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाता. इस पद्धति की दूसरे देशों में लोकप्रियता बढ़ रही है.

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एक्यूप्रेशर शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के अध्यक्ष जे .पी अग्रवाल ने ईटीवी भारत से साझा की जानकारी

प्रयागराज: जिले में एक्यूप्रेशर शोध और प्रशिक्षण संस्थान की तरफ से शुक्रवार को तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिसमें देश भर के एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति के जानकारों का जमावड़ा लगा हुआ है. एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति के जानकारों ने इस विधा के जरिये किये गए इलाज अनुभवों को एक दूसरे से साझा कर रहे हैं. तीन दिन के इस सेमिनार में भारत के अलग - अलग राज्यों के साथ ही दूसरे देश से आये एक्यूप्रेशर के विशेषज्ञ शामिल हुए हैं. एक्यूप्रेशर विधि से मरीजों का इलाज करने और इसका प्रशिक्षण देने के लिए संस्थान की शुरुआत 25 साल पहले की गयी थी.

बिना दवा और इंजेक्शन से मिलती है राहत: प्रयागराज के एक्यूप्रेशर शोध और प्रशिक्षण संस्थान के अध्यक्ष जेपी अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए रीढ़ की हड्डी से लेकर कंधा, कमर, सिर दर्द, माइग्रेन जैसे तकलीफों से राहत किस प्रकार से पाया जा सकता है उस बारे में बताया. उन्होंने बताया कि मेथी या मैग्नेट के दाने लगाकर इलाज किया जाता है. एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति से इलाज में किसी प्रकार की दवा या सूई का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. यही नहीं इस पद्धति के जरिये पुराने और असाध्य रोगों से राहत मिल जाती है. इस इलाज से शरीर पर किसी तरह का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है, और न ही एलर्जी या रिएक्शन होता है. सिर्फ शरीर के प्वाइंट पर मेथी या मैग्नेट या कुछ अनाज के दाने लगाकर उपचार किया जाता है.

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दूसरे देशों में भी पहुंच चुकी है एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति: एक्यूप्रेशर से इलाज पद्धति की दूसरे देशों में बढ़ रही लोकप्रियता की वजह से विदेशों में रहने वाले भारतीय लोग भी इसका प्रशिक्षण प्रयागराज की इस संस्थान से ले रहे हैं. एक्यूप्रेशर शोध और प्रशिक्षण संस्थान से देश भर के 400 सेंटर भी खुल गए हैं, जहां से जुड़कर हजारों लोग एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति का प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में दूसरे देश से आये लोग भी अपने अनुभव साझा कर रहे हैं.
जे पी अग्रवाल का कहना है कि एक्यूप्रेशर विधि के द्वारा हर प्रकार के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इस विधि के द्वारा छोटी तकलीफों के साथ ही बड़े असाध्य रोग के मरीजों का भी उपचार किया जाता है. जिससे सभी मरीजों को राहत मिलती है. जे पी अग्रवाल ने सरदर्द माइग्रेन समेत कई बीमारियों को एक्यूप्रेशर विधि से उपचार करके तत्काल राहत पाने का तरीका बताया है. जे पी अग्रवाल ने बताया कि एक्यूप्रेशर विधि को देश के कोने कोने तक पहुंचाने के लिए लोगों को ट्रेनिंग भी दी जाती है. जिससे कि इस विधा को सीखने के बाद लोग दूसरों का भी इलाज कर सकें.


उंगलियों के प्वाइं से किया जाता है बीमारी का इलाज: प्रयागराज के इस केंद्र में आने वाले मरीजों को उनके हाथ की उंगलियों और अन्य पॉइंट्स पर मेथी के दाने लगाकर उपचार किया जाता है. इसके साथ ही कुछ पॉइंट्स पर अलग अलग रंग लगाकर बीमारियों से निजात दिलाया जा सकता है. जे पी अग्रवाल के मुताबिक शरीर में होने वाली सभी तकलीफ को सही करने के लिए एक पॉइंट है. एक्यूप्रेशर के जरिये उसी पॉइंट पर मेथी या मैग्नेट लगाया जाता है.सिर्फ टेप और मेथी के दाने मैग्नेट या कुछ मामलों में चना, सोयाबीन और राजमा के दाने लगाकर उपचार किया जाता है.

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एक्यूप्रेशर शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के अध्यक्ष जे .पी अग्रवाल ने ईटीवी भारत से साझा की जानकारी

प्रयागराज: जिले में एक्यूप्रेशर शोध और प्रशिक्षण संस्थान की तरफ से शुक्रवार को तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिसमें देश भर के एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति के जानकारों का जमावड़ा लगा हुआ है. एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति के जानकारों ने इस विधा के जरिये किये गए इलाज अनुभवों को एक दूसरे से साझा कर रहे हैं. तीन दिन के इस सेमिनार में भारत के अलग - अलग राज्यों के साथ ही दूसरे देश से आये एक्यूप्रेशर के विशेषज्ञ शामिल हुए हैं. एक्यूप्रेशर विधि से मरीजों का इलाज करने और इसका प्रशिक्षण देने के लिए संस्थान की शुरुआत 25 साल पहले की गयी थी.

बिना दवा और इंजेक्शन से मिलती है राहत: प्रयागराज के एक्यूप्रेशर शोध और प्रशिक्षण संस्थान के अध्यक्ष जेपी अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए रीढ़ की हड्डी से लेकर कंधा, कमर, सिर दर्द, माइग्रेन जैसे तकलीफों से राहत किस प्रकार से पाया जा सकता है उस बारे में बताया. उन्होंने बताया कि मेथी या मैग्नेट के दाने लगाकर इलाज किया जाता है. एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति से इलाज में किसी प्रकार की दवा या सूई का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. यही नहीं इस पद्धति के जरिये पुराने और असाध्य रोगों से राहत मिल जाती है. इस इलाज से शरीर पर किसी तरह का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है, और न ही एलर्जी या रिएक्शन होता है. सिर्फ शरीर के प्वाइंट पर मेथी या मैग्नेट या कुछ अनाज के दाने लगाकर उपचार किया जाता है.

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दूसरे देशों में भी पहुंच चुकी है एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति: एक्यूप्रेशर से इलाज पद्धति की दूसरे देशों में बढ़ रही लोकप्रियता की वजह से विदेशों में रहने वाले भारतीय लोग भी इसका प्रशिक्षण प्रयागराज की इस संस्थान से ले रहे हैं. एक्यूप्रेशर शोध और प्रशिक्षण संस्थान से देश भर के 400 सेंटर भी खुल गए हैं, जहां से जुड़कर हजारों लोग एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति का प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में दूसरे देश से आये लोग भी अपने अनुभव साझा कर रहे हैं.
जे पी अग्रवाल का कहना है कि एक्यूप्रेशर विधि के द्वारा हर प्रकार के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इस विधि के द्वारा छोटी तकलीफों के साथ ही बड़े असाध्य रोग के मरीजों का भी उपचार किया जाता है. जिससे सभी मरीजों को राहत मिलती है. जे पी अग्रवाल ने सरदर्द माइग्रेन समेत कई बीमारियों को एक्यूप्रेशर विधि से उपचार करके तत्काल राहत पाने का तरीका बताया है. जे पी अग्रवाल ने बताया कि एक्यूप्रेशर विधि को देश के कोने कोने तक पहुंचाने के लिए लोगों को ट्रेनिंग भी दी जाती है. जिससे कि इस विधा को सीखने के बाद लोग दूसरों का भी इलाज कर सकें.


उंगलियों के प्वाइं से किया जाता है बीमारी का इलाज: प्रयागराज के इस केंद्र में आने वाले मरीजों को उनके हाथ की उंगलियों और अन्य पॉइंट्स पर मेथी के दाने लगाकर उपचार किया जाता है. इसके साथ ही कुछ पॉइंट्स पर अलग अलग रंग लगाकर बीमारियों से निजात दिलाया जा सकता है. जे पी अग्रवाल के मुताबिक शरीर में होने वाली सभी तकलीफ को सही करने के लिए एक पॉइंट है. एक्यूप्रेशर के जरिये उसी पॉइंट पर मेथी या मैग्नेट लगाया जाता है.सिर्फ टेप और मेथी के दाने मैग्नेट या कुछ मामलों में चना, सोयाबीन और राजमा के दाने लगाकर उपचार किया जाता है.

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