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UP Board Exam: यूपी बोर्ड ने रचा इतिहास, 30 साल में पहली बार पेपर नहीं हुआ आउट

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा (2022- 23) की परीक्षा में बिना नकल कराए इतिहास रच दिया है. 30 साल बाद प्रदेश की किसी भी परीक्षा केंद्र से पेपर आउट होने की शिकायत नहीं दर्ज कराई गई.

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल
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Published : Mar 4, 2023, 10:24 PM IST

लखनऊः यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षाएं शनिवार को समाप्त हो गई. यूपी बोर्ड ने इतिहास रचते हुए करीब 3 दशक बाद प्रदेश के किसी भी केंद्र पर गलत प्रश्नपत्र खुलने की शिकायत दर्ज नहीं हुई है. साथ ही प्रदेश में कहीं भी पेपर आउट नहीं हुआ है. ऐसा बोर्ड की प्रश्नपत्र की फुलप्रूफ व्यवस्था की वजह से हुआ है. पूरी परीक्षा शुचारू रूप से शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई. कुल 133 पॉक्सी परीक्षार्थियों (मुन्नाभाई) को पकड़ा गया है. सभी को जेल भेजा जा चुका है.

माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के सचिव दिव्यकांत शुक्ला के अनुसार यह सब कुछ बोर्ड की खास रणनीति का परिणाम है. शनिवार को इंटर रसायन शास्त्र एवं समाजशास्त्र के पर्चे के साथ बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त हो गई. हाईस्कूल की परीक्षाएं शुक्रवार को ही खत्म हो गई थी. इंटर की परीक्षाएं 14 एवं हाईस्कूल की परीक्षाएं 12 दिन चली. हाईस्कूल में 31,16,487 एवं इंटर में 27,69,258 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे. कुल 58,85,745 परीक्षार्थियों को लेकर शुचितापूर्ण माहौल परीक्षा कराना हर बार बोर्ड के लिए चुनौती रहता है. लेकिन इस बार परीक्षा को लेकर यूपी बोर्ड की नई रणनीति कामयाब रही है. इसकी वजह से नकल माफियाओं के मंसूबे सफल नहीं हो पाए. नकल माफियाओं ने इस बार विभिन्न स्कूलों से प्रॉक्सी परीक्षार्थियों को भी काफी संख्या में फार्म भरवाया था. बोर्ड की इस रणनीति में नकल माफिया फंस गए. उन्होंने बताया कि फर्जी परीक्षार्थी सलाखों के पीछे हैं. साथ ही जहां से इन मुन्ना भाइयों को फार्म भरवाया गया है. उन कॉलेजों को काली सूची में डालकर उनकी मान्यता वापस लेने की कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है.


नहीं हुई यूपी बोर्ड की किरकिरीः सचिव दिव्य कांत शुक्ला के अनुसार इस बार प्रश्न पत्रों को चार लेयर वाले मजबूत बंधन रखा गया था. इसका परिणाम यह रहा कि कहीं से भी गलत प्रश्नपत्र का लिफाफा भी नहीं खुला. इसकी वजह से दोबारा परीक्षा कराने के झंझट से बोर्ड बचा और राजस्व का नुकसान नहीं हुआ. साथ ही बोर्ड की इसको लेकर किरकिरी भी नहीं हुई.


यूपी बोर्ड का पेपर नहीं हुआ आउटः पेपर आउट की घटना भी प्रदेश भर में कहीं नहीं हुई. जबकि बीते वर्षों में ऐसी घटना बोर्ड परीक्षा में होती रही है. बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा कि सभी के सहयोग से ऐसा हुआ. स्ट्रांगरूमों की लगातार जांच, क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिवों की सर्तकता एवं जिले के शिक्षाधिकारियों की सक्रियता से इतने अच्छे तरीके से परीक्षा हो पाई.


प्रदेश भर में 81 नकलची पकड़े गए- यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस बार नकल पर भी लगाम रही. इस बार सामूहिक नकल की सूचना कहीं से नहीं मिली. इस वर्ष मात्र 81 नकलची ही पकड़े गए. बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि केंद्र के बाहर भी निगरानी रखी गई थी. किसी बाहरी आदमी को केंद्र के अंदर जाने नहीं दिया गया था.

यह भी पढ़ें- UP Board Exam 2023 : बिना कोर्स पूरा हुए ही हो रही यूपी बोर्ड की परीक्षा, हेल्पलाइन नंबर पर आ रहीं शिकायतें

लखनऊः यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षाएं शनिवार को समाप्त हो गई. यूपी बोर्ड ने इतिहास रचते हुए करीब 3 दशक बाद प्रदेश के किसी भी केंद्र पर गलत प्रश्नपत्र खुलने की शिकायत दर्ज नहीं हुई है. साथ ही प्रदेश में कहीं भी पेपर आउट नहीं हुआ है. ऐसा बोर्ड की प्रश्नपत्र की फुलप्रूफ व्यवस्था की वजह से हुआ है. पूरी परीक्षा शुचारू रूप से शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई. कुल 133 पॉक्सी परीक्षार्थियों (मुन्नाभाई) को पकड़ा गया है. सभी को जेल भेजा जा चुका है.

माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के सचिव दिव्यकांत शुक्ला के अनुसार यह सब कुछ बोर्ड की खास रणनीति का परिणाम है. शनिवार को इंटर रसायन शास्त्र एवं समाजशास्त्र के पर्चे के साथ बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त हो गई. हाईस्कूल की परीक्षाएं शुक्रवार को ही खत्म हो गई थी. इंटर की परीक्षाएं 14 एवं हाईस्कूल की परीक्षाएं 12 दिन चली. हाईस्कूल में 31,16,487 एवं इंटर में 27,69,258 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे. कुल 58,85,745 परीक्षार्थियों को लेकर शुचितापूर्ण माहौल परीक्षा कराना हर बार बोर्ड के लिए चुनौती रहता है. लेकिन इस बार परीक्षा को लेकर यूपी बोर्ड की नई रणनीति कामयाब रही है. इसकी वजह से नकल माफियाओं के मंसूबे सफल नहीं हो पाए. नकल माफियाओं ने इस बार विभिन्न स्कूलों से प्रॉक्सी परीक्षार्थियों को भी काफी संख्या में फार्म भरवाया था. बोर्ड की इस रणनीति में नकल माफिया फंस गए. उन्होंने बताया कि फर्जी परीक्षार्थी सलाखों के पीछे हैं. साथ ही जहां से इन मुन्ना भाइयों को फार्म भरवाया गया है. उन कॉलेजों को काली सूची में डालकर उनकी मान्यता वापस लेने की कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है.


नहीं हुई यूपी बोर्ड की किरकिरीः सचिव दिव्य कांत शुक्ला के अनुसार इस बार प्रश्न पत्रों को चार लेयर वाले मजबूत बंधन रखा गया था. इसका परिणाम यह रहा कि कहीं से भी गलत प्रश्नपत्र का लिफाफा भी नहीं खुला. इसकी वजह से दोबारा परीक्षा कराने के झंझट से बोर्ड बचा और राजस्व का नुकसान नहीं हुआ. साथ ही बोर्ड की इसको लेकर किरकिरी भी नहीं हुई.


यूपी बोर्ड का पेपर नहीं हुआ आउटः पेपर आउट की घटना भी प्रदेश भर में कहीं नहीं हुई. जबकि बीते वर्षों में ऐसी घटना बोर्ड परीक्षा में होती रही है. बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा कि सभी के सहयोग से ऐसा हुआ. स्ट्रांगरूमों की लगातार जांच, क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिवों की सर्तकता एवं जिले के शिक्षाधिकारियों की सक्रियता से इतने अच्छे तरीके से परीक्षा हो पाई.


प्रदेश भर में 81 नकलची पकड़े गए- यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस बार नकल पर भी लगाम रही. इस बार सामूहिक नकल की सूचना कहीं से नहीं मिली. इस वर्ष मात्र 81 नकलची ही पकड़े गए. बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि केंद्र के बाहर भी निगरानी रखी गई थी. किसी बाहरी आदमी को केंद्र के अंदर जाने नहीं दिया गया था.

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