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माफिया अतीक ने जीशान से फोन पर कहा था, जमीन शाइस्ता के नाम करो या रंगदारी दो, नहीं तो गोली खाओ

उमेश पाल हत्याकांड के बाद अब जीशान से रंगदारी मांगने का मामला उठ गया है. जीशान से अतीक ने जेल में रहते हुए रंगदारी मांगी थी. नहीं देने पर उसके गुर्गों ने उस पर फायरिंग कर दी थी.

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Published : Apr 3, 2023, 7:10 PM IST

प्रयागराज के जीशान ने मीडिया को बताई अपनी कहानी

प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड के बाद बसपा विधायक राजूपाल की हत्या के गवाह काफी डरे हुए हैं और सहमे भी हैं. उनको लगता है कि जब उमेश पाल को दो गनर मिले थे, उसके बाद भी सरेआम उसको गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया गया तो वे कैसे बचेंगे. मामले के गवाह अब पुलिस प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगा रहे हैं. सिर्फ गवाह ही नहीं, माफिया अतीक अहमद के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे लोग भी काफी डरे और सहमे हुए हैं.

इन्हीं में से एक है प्रयागराज का जीशान. उससे माफिया अतीक ने दिसंबर 2021 में रंगदारी मांगी थी. जेल से ही अतीक ने जीशान से फोन पर बात की थी और कहा था कि अपनी जमीन मेरी पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम कर दो या फिर 5 करोड़ की रंगदारी दो. नहीं तो पूरे परिवार को खत्म कर दिया जाएगा. जीशान के आनाकानी करने पर अतीक ने अपने गुर्गे से कहा था कि मार दो इन्हें.

जीशान का कहना है कि 21 दिसंबर 2021 को अतीक का बेटा अली और असाद कालिया ने अपने साथियों संग तीन गाड़ियों से उसके घर पर धावा बोला था. अली ने अतीक अहमद से जेल से ही फोन पर उसकी बात कराई. जब उसने फोन पर बात की तो अतीक अहमद ने कहा कि 'तुमको ज्यादा नेतागिरी आ गई है, अपनी जमीन पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम कर दो या फिर 5 करोड़ की रंगदारी दो, नहीं तो तुम्हें पूरे परिवार के साथ खत्म कर दिया जाएगा.

उसने जब कोई जवाब नहीं दिया तो अतीक ने अली से कहा, इन्हें मार दो. इस पर अली ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर उसकी पिटाई कर दी. फिर उसने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई. आरोप है कि भागते वक्त अली की तरफ से कई राउंड गोलियां चलाई गईं. किसी तरह बचकर जब वह थाने पहुंचा और अपनी आपबीती बताई तो पुलिस उसके साथ मौके पर पहुंची. लेकिन, तब तक यह लोग वहां से भाग चुके थे.

जब थाने में कई दिनों तक मुकदमा नहीं लिखा गया तो आईजी राकेश सिंह से गुहार लगाई. उसके बाद अधिकारियों ने संज्ञान लिया और एफआईआर दर्ज हुई. एफआईआर के बाद अली जेल में है लेकिन, तब से पूरा परिवार डरा सहमा है. जीशान ने योगी सरकार से गुहार लगाई है कि उसको और सुरक्षा प्रदान की जाए. इस घटना के बाद जीशान को एक गनर उपलब्ध कराया गया था. उसका कहना है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद यह लग रहा है कि जब इतनी सुरक्षा होने के बावजूद दिनदहाड़े उमेश पाल और उसके गनर की हत्या कर दी गई तो हम लोग सुनसान इलाके में रहते हैं और अतीक अहमद के गुर्गे कम नहीं हुए हैं. मेरी हत्या कभी भी कराई जा सकती है. भले ही इस घटना में आरोपी अतीक अहमद का बेटा अली जेल में है लेकिन परिवार को डर सता रहा है.

ये भी पढ़ेंः Umesh Pal murder case में शामिल शूटर गुड्डू मुस्लिम का माफिया अतीक के जीजा के घर में स्वागत, VIDEO वायरल

प्रयागराज के जीशान ने मीडिया को बताई अपनी कहानी

प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड के बाद बसपा विधायक राजूपाल की हत्या के गवाह काफी डरे हुए हैं और सहमे भी हैं. उनको लगता है कि जब उमेश पाल को दो गनर मिले थे, उसके बाद भी सरेआम उसको गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया गया तो वे कैसे बचेंगे. मामले के गवाह अब पुलिस प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगा रहे हैं. सिर्फ गवाह ही नहीं, माफिया अतीक अहमद के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे लोग भी काफी डरे और सहमे हुए हैं.

इन्हीं में से एक है प्रयागराज का जीशान. उससे माफिया अतीक ने दिसंबर 2021 में रंगदारी मांगी थी. जेल से ही अतीक ने जीशान से फोन पर बात की थी और कहा था कि अपनी जमीन मेरी पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम कर दो या फिर 5 करोड़ की रंगदारी दो. नहीं तो पूरे परिवार को खत्म कर दिया जाएगा. जीशान के आनाकानी करने पर अतीक ने अपने गुर्गे से कहा था कि मार दो इन्हें.

जीशान का कहना है कि 21 दिसंबर 2021 को अतीक का बेटा अली और असाद कालिया ने अपने साथियों संग तीन गाड़ियों से उसके घर पर धावा बोला था. अली ने अतीक अहमद से जेल से ही फोन पर उसकी बात कराई. जब उसने फोन पर बात की तो अतीक अहमद ने कहा कि 'तुमको ज्यादा नेतागिरी आ गई है, अपनी जमीन पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम कर दो या फिर 5 करोड़ की रंगदारी दो, नहीं तो तुम्हें पूरे परिवार के साथ खत्म कर दिया जाएगा.

उसने जब कोई जवाब नहीं दिया तो अतीक ने अली से कहा, इन्हें मार दो. इस पर अली ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर उसकी पिटाई कर दी. फिर उसने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई. आरोप है कि भागते वक्त अली की तरफ से कई राउंड गोलियां चलाई गईं. किसी तरह बचकर जब वह थाने पहुंचा और अपनी आपबीती बताई तो पुलिस उसके साथ मौके पर पहुंची. लेकिन, तब तक यह लोग वहां से भाग चुके थे.

जब थाने में कई दिनों तक मुकदमा नहीं लिखा गया तो आईजी राकेश सिंह से गुहार लगाई. उसके बाद अधिकारियों ने संज्ञान लिया और एफआईआर दर्ज हुई. एफआईआर के बाद अली जेल में है लेकिन, तब से पूरा परिवार डरा सहमा है. जीशान ने योगी सरकार से गुहार लगाई है कि उसको और सुरक्षा प्रदान की जाए. इस घटना के बाद जीशान को एक गनर उपलब्ध कराया गया था. उसका कहना है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद यह लग रहा है कि जब इतनी सुरक्षा होने के बावजूद दिनदहाड़े उमेश पाल और उसके गनर की हत्या कर दी गई तो हम लोग सुनसान इलाके में रहते हैं और अतीक अहमद के गुर्गे कम नहीं हुए हैं. मेरी हत्या कभी भी कराई जा सकती है. भले ही इस घटना में आरोपी अतीक अहमद का बेटा अली जेल में है लेकिन परिवार को डर सता रहा है.

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