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दो हड़ताली बिजली कर्मचारियों ने कोर्ट में मांगी बिना शर्त माफी, 22 मई को होगी अगली सुनवाई

22 मई को होगी मामले की अगली सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में हड़ताल करने वाले दो बिजली कर्मचारियों ने बिना शर्त के मांफी मांगी है. मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी.

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Published : Apr 24, 2023, 10:08 PM IST

प्रयागराजः बीते महीने बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से पूरे प्रदेश में जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाने के मामले में 2 हड़ताली बिजली कर्मचारी नेताओं शंभूनाथ दीक्षित और पवन कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी है. दोनों की ओर से उनके अधिवक्ता ने इस आशय का शपथ पत्र सोमवार को हाईकोर्ट में दाखिल किया.

दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से भी हाईकोर्ट के निर्देशानुसार हलफनामा दाखिल कर हड़ताल से हुए नुकसान की जानकारी दी गई. कोर्ट ने इस हलफनामे की प्रति याचिकाकर्ता अधिवक्ता विभू राय और हड़ताली कर्मचारी नेताओं के अधिवक्ता राहुल अग्रवाल को देने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने की.

उल्लेखनीय है कि गत दिनों प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश व्यापी हड़ताल की घोषणा कर दी थी. हड़ताल से पूरे राज्य में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया तथा कारोबार बुरी तरीके से प्रभावित हुआ. जबकि गत वर्ष दिसंबर में हुई हड़ताल के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले का स्वत संज्ञान लेते हुए हड़ताल को अवैधानिक करार दिया था और कर्मचारी नेताओं को तलब किया था. इसके बाद से बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त कर दी. मगर, कोई भी कर्मचारी नेता अदालत में उपस्थित नहीं हुआ.

दोबारा हड़ताल किए जाने पर अधिवक्ता विभू राय ने यह मामला अदालत के समक्ष उठाते हुए हड़ताल से हो रही परेशानी से न्यायालय को अवगत कराया, जिस पर कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के 28 पदाधिकारियों को वारंट जारी कर तलब कर लिया था. इनमें से 2 कर्मचारी नेताओं ने सोमवार को बिना शर्त माफी मांगते हुए हलफनामा कोर्ट में दाखिल किया. मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी.

पढ़ेंः UP Electricity Strike: आईटीआई और पॉलिटेक्निक के छात्र संभालेंगे बिजली आपूर्ति की कमान, 21 जिलों में सूची तैयार

प्रयागराजः बीते महीने बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से पूरे प्रदेश में जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाने के मामले में 2 हड़ताली बिजली कर्मचारी नेताओं शंभूनाथ दीक्षित और पवन कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी है. दोनों की ओर से उनके अधिवक्ता ने इस आशय का शपथ पत्र सोमवार को हाईकोर्ट में दाखिल किया.

दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से भी हाईकोर्ट के निर्देशानुसार हलफनामा दाखिल कर हड़ताल से हुए नुकसान की जानकारी दी गई. कोर्ट ने इस हलफनामे की प्रति याचिकाकर्ता अधिवक्ता विभू राय और हड़ताली कर्मचारी नेताओं के अधिवक्ता राहुल अग्रवाल को देने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने की.

उल्लेखनीय है कि गत दिनों प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश व्यापी हड़ताल की घोषणा कर दी थी. हड़ताल से पूरे राज्य में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया तथा कारोबार बुरी तरीके से प्रभावित हुआ. जबकि गत वर्ष दिसंबर में हुई हड़ताल के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले का स्वत संज्ञान लेते हुए हड़ताल को अवैधानिक करार दिया था और कर्मचारी नेताओं को तलब किया था. इसके बाद से बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त कर दी. मगर, कोई भी कर्मचारी नेता अदालत में उपस्थित नहीं हुआ.

दोबारा हड़ताल किए जाने पर अधिवक्ता विभू राय ने यह मामला अदालत के समक्ष उठाते हुए हड़ताल से हो रही परेशानी से न्यायालय को अवगत कराया, जिस पर कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के 28 पदाधिकारियों को वारंट जारी कर तलब कर लिया था. इनमें से 2 कर्मचारी नेताओं ने सोमवार को बिना शर्त माफी मांगते हुए हलफनामा कोर्ट में दाखिल किया. मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी.

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