प्रयागराज: गंगा और यमुना के डेंजर लेवल पार करने के साथ ही सहायक नदी टोंस ने भी विकराल रूप धारण कर लिया है. टोंस के रौद्र रूप धारण करने की वजह से मध्य प्रदेश जाने वाली एक मुख्य सड़क पानी में डूब गई. इस वजह से दो ट्रक भी पानी में डूब गए और अब इस सड़क से सिर्फ नाव के जरिए ही आना-जाना हो रहा है. मुख्य मार्ग के डूबने से मध्य प्रदेश तक जाने वालों का सफर और लंबा व मुश्किलों भरा हो गया है.
गंगा और यमुना विकराल रूप धारण कर चुकी हैं. रविवार रात दस बजे गंगा खतरे के निशान को पार कर गई तो वहीं यमुना भी पीछे नहीं है. यमुना का पानी भी खतरे के निशान तक पहुंच गया है. जहां गंगा नदी का जलस्तर 6 सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ता हुआ रविवार रात दस बजे तक खतरे के निशान 84.73 मीटर को पार कर गया. वहीं, 5 सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ती हुई यमुना 84.68 मीटर तक पहुंच गई है.
गंगा-यमुना के साथ सहायक नदी टोंस भी परेशानी का सबब बन गई है. टोंस के बढ़े हुए जलस्तर की प्रयागराज से मध्य प्रदेश तक जाने वाली एक मुख्य सड़क पानी में डूब गई है. मध्य प्रदेश जाने वाली सबसे नजदीकी सड़क के जलमग्न होने की वजह से दो ट्रक पानी में डूब गए. एक ट्रक जहां पानी के अंदर समा चुका है, वहीं दूसरा भी आधे से ज्यादा पानी में समा चुका है. इसके साथ ही इस सड़क से आने-जाने वाले दोपहिया वाहन चालकों और ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.
मध्य प्रदेश के अलावा जिले के कोरांव विधानसभा क्षेत्र में जाने के लिए भी इस सड़क का इस्तेमाल किया जाता है जो इस वक्त जलमग्न हो चुका है. लोग दोपहिया वाहनों के साथ नाव की मदद से आवागमन करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार इस रास्ते पर फ्लाईओवर नहीं बनवा रही है, जिस वजह से उन्हें जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है.
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प्रयागराज में सिर्फ गंगा-यमुना ही नहीं बल्कि उनकी सहायक नदियां और नहरों में भी पानी लबालब भरा हुआ है. यमुनापार के मेजा कोरांव करछना इलाकों में टोंस नदी का प्रकोप भी ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है. टोंस नदी के बढ़े हुए जलस्तर की वजह से सैकड़ों बीघे फसल जहां पानी में डूब गई है, वहीं गांव भी टापू बन गए हैं. ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.