प्रयागराज: करीब 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होने से साधु-संतों में खुशी की लहर है. इसके साथ ही अब काशी और मथुरा के मंदिरों को भी मुक्त कराने की मांग उठने लगी है. साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काशी में स्थित विश्वनाथ मंदिर से ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा के शाही मस्जिद से मुक्त कराने की मांग की है. इस मांग पर चर्चा के लिए सोमवार को सुबह 11 बजे एक बैठक होगी. इस बैठक में 13 अखाड़ों के महंत शामिल होंगे. बैठक की अध्यक्षता अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी करेंगे.
खबर से जुड़े तथ्य:-
- सोमवार को 11 बजे प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक होगी.
- बैठक में काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर और मथुरा के मंदिर के बारे में चर्चा होगी.
- इस बैठक में जनवरी 2021 में होने वाले माघ मेले की तैयारियों पर भी चर्चा होगी.
- महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में होने वाली इस अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
बैठक में लिए जाएंगे महत्वपूर्ण निर्णय
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने जानकारी देते हुए बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में मौजूद ज्ञानवापी मस्जिद से मंदिर को मुक्त कराने की रणनीति तैयार करने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सोमवार सात सितंबर को 11 बजे एक अहम बैठक बुलाई है.
माघ मेले की तैयारियों को लेकर भी होगी चर्चा
कोरोना की वैश्विक महामारी के बढ़ रहे संक्रमण के चलते जनवरी 2021 में संगम की रेती पर लगने वाले माघ मेले की तैयारियों पर भी इसका असर पड़ सकता है. कोरोना काल में प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन कैसे होगा, इस पर भी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में साधु संतों से विचार-विमर्श किया जाएगा.
तेरह अखाड़ों के पदाधिकारी रहेंगे मौजूद
अखाड़ा परिषद की बैठक में प्रयागराज में हर साल लगने वाले माघ मेले और प्रयागराज परिक्रमा मार्ग के मुद्दे पर भी चर्चा होगी. इसके साथ ही इस बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे.
मुगलों ने काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण कराया था. आज जब वहां पर खुदाई हो रही है तो वहां पर सुरंग और मंदिर के दूसरे अवशेष मिल रहे हैं. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि वहां पर मंदिर ही है.
-महंत नरेंद्र गिरि, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद्