प्रयागराज : न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया लंबी होने के कारण जितने पद भरे जाते है, उससे अधिक पद खाली हो जाते हैं. इसके चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट में कभी भी सारे पद भरे नहीं जा सके. जजों की कमी से मुकद्दमों का बोझ कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है.
गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 217 के तहत हाईकोर्ट के न्यायाधीश नियुक्ति के लिए 10 वर्ष की वकालत या 10 वर्ष न्यायिक सेवा का अनुभव होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की नियुक्ति प्रक्रिया में अधिवक्ता के लिए 45 से 55 वर्ष एवं न्यायिक सेवा से 58.5 वर्ष अधिकतम आयु के भीतर के लोगों के नाम नियुक्ति के लिए भेजने का दिशा निर्देश है.
विगत वर्षों में देखा गया है कि 58 साल तक के अधिवक्ताओं व 60 साल में सेवा निवृत्त हो चुके न्यायिक सेवा के अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में अभी मार्च 2021 में न्यायिक सेवा से मात्र 9 माह के लिए नियुक्ति की गई है. कुछ ऐसे भी हैं जिनका कार्यकाल दो साल से कम बचा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 160 है. इसमें से 120 स्थायी व 40 अतिरिक्त न्यायाधीश के पद हैं.
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वर्तमान में हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सहित 82 स्थाई, 11 अस्थायी मिलाकर कुल 93 न्यायाधीश कार्यरत हैं. अभी भी 67 पद खाली हैं. इस प्रकार 40 फीसदी से अधिक जजों के पद खाली हैं. 60 फीसदी जजों पर साढ़े दस लाख मुकद्दमों के निपटारे का दबाव है.
प्रबुद्ध अधिवक्ता संघ का कहना है कि मुकद्दमों की भारी संख्या को देखते हुए जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने व योग्य नामों पर तकनीकी बाधाओं की अनदेखी कर पुनर्विचार करने की जरूरत है. जजों की कमी पूरी किए बगैर त्वरित न्याय का सपना अधूरा रहेगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के 6 जज अगले साल 2022 में रिटायर होंगे
24 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए 13 अधिवक्ताओं के नामों की सिफारिश की थी. इन वकीलों के अलावा 4 न्यायिक अधिकारियों के नाम की भी नियुक्ति के लिए अनुशंसा की गई थी.
इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 17 नामों की सिफारिश हाईकोर्ट में जज नियुक्त करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा. इसके अलावा एक और सिफारिश न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए अधिवक्ता मनु खरे के लिए 06 अक्टूबर को की गई. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुशंसित 18 नामों में से केवल 9 नामों को ही सूची में जगह दी गई. शेष 9 नामों पर केंद्र सरकार को अभी निर्णय लेना है.