प्रयागराज: यूपी बार काउंसिल में अध्यक्ष और सदस्यों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. नए घटनाक्रम के तहत बार काउंसिल के चेयरमैन हरिशंकर सिंह ने तीन साल से निलंबित चल रहे सचिव डॉ. रामजीत यादव को क्लीन चिट देते हुए बहाल कर दिया है. वहीं 17 मई को आठ सदस्यों द्वारा बुलाई गई बैठक के दिन बार काउंसिल में अवकाश घोषित कर दिया है. इसके साथ ही बिना किसी प्रस्ताव के 21 मई को बैठक बुलाई है.
दूसरी ओर बैठक बुलाने वाले सदस्यों ने भी अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने अध्यक्ष के विरुद्ध प्रस्ताव बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी भेजा है. 17 मई को अध्यक्ष के खिलाफ एजेंडे पर विचार करने के लिए सभा बुलाई है.
हरिशंकर सिंह का कहना है कि उन्होंने डॉ. रामजीत यादव पर लगे आरोपों की गहनता से जांच की है. सभी पत्रावलियों का अवलोकन किया है. उन पर लगाया गया कोई भी आरोप साबित नहीं होता है. वह पिछले तीन वर्षों से निलंबित हैं. कोई भी आरोप सही न पाए जाने के कारण उनको बहाल कर दिया गया है. यह नहीं बताया गया कि किस जांच कमेटी ने निर्दोष करार दिया है.
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अध्यक्ष का कहना है कि प्रयागराज में संक्रमण बढ़ रहा है. यूपी बार काउंसिल को सैनिटाइज भी कराना है. इसे देखते हुए 17 मई को कार्यालय बंद रखने का निर्णय लिया गया है. वहीं बैठक बुलाने वाले सदस्यों अमरेंद्र नाथ सिंह, देवेंद्र मिश्र नगरहा, अब्दुल रज्जाक प्रशांत सिंह अटल, अंकज मिश्र, अखिलेश अवस्थी ने अध्यक्ष के इस कदम की भर्त्सना करते हुए प्रस्ताव किया है. जिस पर चर्चा होगी. पूर्व अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह का कहना है कि अध्यक्ष पर न्यायालय की अवमानना में क्षमा याचना का आरोप है. उन्होंने अपनी मर्जी से बैंक खाता खोलकर पंजीकरण की रकम उसमें जमा की और हाई कोर्ट के जज द्वारा की गई जांच में सचिव पर आरोप पाए जाने के बावजूद बिना सदन को विश्वास में लिए उनको बहाल कर दिया गया.