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प्रयागराज: भ्रष्टाचार के विरोध में उतरे शिक्षक, अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान

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Published : Aug 11, 2019, 1:38 PM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में निजी कॉलेज में हो रहे भ्रष्टाचार के विरोध में शनिवार को शिक्षक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. इसके अलावा अन्य निजी कॉलेजों के शिक्षकों ने भी धरने पर बैठने की बात कही है.

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे शिक्षक.

प्रयागराज: राजेंद्र प्रसाद विश्वविद्यालय से जुड़े निजी कॉलेज के शिक्षक विश्वविद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए शनिवार को अकले ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. इसके साथ ही अन्य निजी कॉलेजों के शिक्षकों नें भी इसमें उनका साथ देने की बात कही है, जिसके बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है.

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे शिक्षक.

जानें क्या बोले शिक्षक-

  • महाविद्यालय प्रबंधन के द्वारा शिक्षकों का शोषण किया जाता है.
  • कुछ भी बोलने पर प्रबंधन द्वारा उन्हें धमकी दी जाती है.
  • कभी भी उन्हें परीक्षा में परीक्षक नहीं बनाया जाता है.
  • हमें किसी तरह का नहीं ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया गया है.
  • परीक्षा के दौरान शिक्षकों पर परीक्षा में गड़बड़ी का काफी दबाव डाला जाता है.

क्या है शिक्षकों कि मांग

  • महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन किया जाए.
  • शिक्षकों से संबंधित जारी होने वाले शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जाए.
  • शिक्षकों को 80 प्रतिशत मानदेय दिया जाए.
  • सभी का सीपीएफ खाता खुलवाया जाए.
  • शिक्षकों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

हम निजी काॉलजों में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इसमें हमें पूरे प्रदेश के निजी महाविद्यालय के शिक्षक भी साथ में आ रहे हैं. सभी महाविद्यालयों में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने में आगे आएंगे, जिससे शिक्षा के बाजारीकरण को रोका जा सके और शिक्षकों को सही मानदेय मिल सके.
ख्वाजा शमशाद अहमद, शिक्षक

प्रयागराज: राजेंद्र प्रसाद विश्वविद्यालय से जुड़े निजी कॉलेज के शिक्षक विश्वविद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए शनिवार को अकले ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. इसके साथ ही अन्य निजी कॉलेजों के शिक्षकों नें भी इसमें उनका साथ देने की बात कही है, जिसके बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है.

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे शिक्षक.

जानें क्या बोले शिक्षक-

  • महाविद्यालय प्रबंधन के द्वारा शिक्षकों का शोषण किया जाता है.
  • कुछ भी बोलने पर प्रबंधन द्वारा उन्हें धमकी दी जाती है.
  • कभी भी उन्हें परीक्षा में परीक्षक नहीं बनाया जाता है.
  • हमें किसी तरह का नहीं ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया गया है.
  • परीक्षा के दौरान शिक्षकों पर परीक्षा में गड़बड़ी का काफी दबाव डाला जाता है.

क्या है शिक्षकों कि मांग

  • महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन किया जाए.
  • शिक्षकों से संबंधित जारी होने वाले शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जाए.
  • शिक्षकों को 80 प्रतिशत मानदेय दिया जाए.
  • सभी का सीपीएफ खाता खुलवाया जाए.
  • शिक्षकों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

हम निजी काॉलजों में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इसमें हमें पूरे प्रदेश के निजी महाविद्यालय के शिक्षक भी साथ में आ रहे हैं. सभी महाविद्यालयों में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने में आगे आएंगे, जिससे शिक्षा के बाजारीकरण को रोका जा सके और शिक्षकों को सही मानदेय मिल सके.
ख्वाजा शमशाद अहमद, शिक्षक

Intro:प्रयागराज में स्थित राजेंद्र प्रसाद राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में शिक्षकों के साथ हो रहे अत्याचार हुए जुल्म को लेकर कि आज स्ववित्तपोषित शिक्षक अकेले ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे शिक्षक को देखकर अन्य स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों से जुड़े शिक्षकों ने अपना सहयोग देने की बात कही है। इसको देखकर राज्य विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।


Body:अनिश्चित काल धरने पर बैठे यह शिक्षक महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन करने की मांग कर रहे हैं । इनकी मांग है कि शिक्षकों से संबंधित जारी होने वाले शासनादेश ओं का कड़ाई से पालन किया जाए और शुल्क का 80% वेतन के रूप में शिक्षकों को दिया जाए यही नहीं विश्वविद्यालयों से जुड़े संबंध महाविद्यालयों के शिक्षकों का डाटा योग्यता व अन्य के साथ ऑनलाइन किया जाए और इन सभी का सीपीएफ खाता खुलवाया जाए जिससे कार्य कर रहे शिक्षकों को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे शिक्षक का कहना है कि महाविद्यालय प्रबंधन के द्वारा शिक्षकों से अनैतिक कार्य उनका शोषण किया जाता है और बोलने पर उन्हें धमकी भी दी जाती है इनका कहना है कि उन्हें कभी भी समान शिक्षकों के रूप में प्रयोग इस परीक्षा में परीक्षक नहीं बनाया जाता नहीं इन्हें किसी तरह का जोइनिंग लेटर उपलब्ध कराया जाता है प्रबंधन के दबाव में परीक्षा के दौरान शिक्षकों पर परीक्षा में गड़बड़ी काफी दबाव डाला जाता है।


Conclusion:स्ववित्तपोषित शिक्षकों के उठाए गए इस कदम से प्रयागराज राज्य विश्वविद्यालय परिसर में सन्नाटा छाया हुआ है और प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि यह शिक्षक महाविद्यालय की कलई खोलने पर अब आजिज आ चुके हैं अनिश्चितकाल धरने पर बैठे शिक्षकों ने बताया है कि उनके इस समर्थन पूरे प्रदेश के स्ववित्तपोषित महाविद्यालय शिक्षक संघ से जुड़े लोग साथ में आ रहे हैं और सभी लोग महाविद्यालयों में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने में आगे आएंगे जिससे शिक्षा के बाजारीकरण को रोका जा सके और शिक्षकों को सही मानदेय मिल सके।

बाईट: ख्वाजा शमशाद अहमद शिक्षक

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज।
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