प्रयागराज: राजेंद्र प्रसाद विश्वविद्यालय से जुड़े निजी कॉलेज के शिक्षक विश्वविद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए शनिवार को अकले ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. इसके साथ ही अन्य निजी कॉलेजों के शिक्षकों नें भी इसमें उनका साथ देने की बात कही है, जिसके बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
जानें क्या बोले शिक्षक-
- महाविद्यालय प्रबंधन के द्वारा शिक्षकों का शोषण किया जाता है.
- कुछ भी बोलने पर प्रबंधन द्वारा उन्हें धमकी दी जाती है.
- कभी भी उन्हें परीक्षा में परीक्षक नहीं बनाया जाता है.
- हमें किसी तरह का नहीं ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया गया है.
- परीक्षा के दौरान शिक्षकों पर परीक्षा में गड़बड़ी का काफी दबाव डाला जाता है.
क्या है शिक्षकों कि मांग
- महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन किया जाए.
- शिक्षकों से संबंधित जारी होने वाले शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जाए.
- शिक्षकों को 80 प्रतिशत मानदेय दिया जाए.
- सभी का सीपीएफ खाता खुलवाया जाए.
- शिक्षकों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
हम निजी काॉलजों में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इसमें हमें पूरे प्रदेश के निजी महाविद्यालय के शिक्षक भी साथ में आ रहे हैं. सभी महाविद्यालयों में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने में आगे आएंगे, जिससे शिक्षा के बाजारीकरण को रोका जा सके और शिक्षकों को सही मानदेय मिल सके.
ख्वाजा शमशाद अहमद, शिक्षक