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69 हजार अध्यापक भर्ती मामला: आनलाइन आवेदन भरने में गलती को मानवीय भूल मानने से हाईकोर्ट का इंकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में आनलाइन आवेदन भरने में मानवीय भूल सुधार करने की अनुमति देने की मांग को लेकर दाखिल 17 याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 26, 2022, 9:12 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में आनलाइन आवेदन भरने में मानवीय भूल सुधार करने की अनुमति देने की मांग को लेकर दाखिल 17 याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि चेतावनी दिए जाने के बावजूद व्यक्तिगत और शैक्षिक जानकारी भरने में लापरवाही बरती गई, जिसे सामान्य मानवीय भूल नहीं कहा जा सकता. कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने रूखसार खान सहित 17 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है.

इसे भी पढ़ेंः श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा में सेंध, गर्भगृह में वीडियो कॉलिंग करते देखा गया शख्स

कोर्ट ने अलेक्जेंडर पोप के कथन का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि मानव की गलती भगवान माफ करते हैं. परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज की तरफ से जारी भर्ती में चेतावनी के साथ आवेदक को घोषणा करनी होती है. लिखित परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया और चयन किया गया. कुल 4,31,466 आवेदन आए, 4,09,530 ने परीक्षा दी. 1,46,060 सफल हुए, जिन्हें काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया.

याचियों का कहना था कि आनलाइन आवेदन भरने में मानवीय भूल हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय भूल सुधार का मौका देने का आदेश दिया है. सरकार की तरफ से विज्ञापन शर्तों और पद की गरिमा का हवाला दिया और कहा कि आवेदन भरने में व्यापक गलती को मानवीय भूल नहीं कहा सकते. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में आनलाइन आवेदन भरने में मानवीय भूल सुधार करने की अनुमति देने की मांग को लेकर दाखिल 17 याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि चेतावनी दिए जाने के बावजूद व्यक्तिगत और शैक्षिक जानकारी भरने में लापरवाही बरती गई, जिसे सामान्य मानवीय भूल नहीं कहा जा सकता. कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने रूखसार खान सहित 17 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है.

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कोर्ट ने अलेक्जेंडर पोप के कथन का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि मानव की गलती भगवान माफ करते हैं. परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज की तरफ से जारी भर्ती में चेतावनी के साथ आवेदक को घोषणा करनी होती है. लिखित परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया और चयन किया गया. कुल 4,31,466 आवेदन आए, 4,09,530 ने परीक्षा दी. 1,46,060 सफल हुए, जिन्हें काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया.

याचियों का कहना था कि आनलाइन आवेदन भरने में मानवीय भूल हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय भूल सुधार का मौका देने का आदेश दिया है. सरकार की तरफ से विज्ञापन शर्तों और पद की गरिमा का हवाला दिया और कहा कि आवेदन भरने में व्यापक गलती को मानवीय भूल नहीं कहा सकते. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.

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