प्रयागराज: देश में लॉकडाउन के कारण जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए हर कोई किसी न किसी तरह की मदद करने में जुटा है. ऐसे में नैनी की रहने वाली डीपीएस नैनी की कक्षा 12 की छात्रा सौम्या यादव ने कई वर्षों से गुल्लक में जमा कर रहे पैसों को मदर टेरेसा फाउंडेशन को सौंपा. सौम्या ने फाउंडेशन के सदस्यों से कहा कि जब पूरा देश इस महामारी से लड़ रहा है तो हमें गरीबों और मजदूरों की मदद करनी चाहिए.
छात्रा सौम्या ने बताया कि कई साल से थोड़ा-थोड़ा कर पैसा जमा किया था, जिसे मैं अपने मम्मी-पापा की शादी की 25वीं वर्षगांठ पर उन्हें कुछ खास गिफ्ट देना चाहती थीं, लेकिन जब लॉकडाउन और लोगों की परेशानी की बारे मैं अखबारों और टीवी पर देखीं तो मेरे मन में जरूरतमंदों की मदद करने का ख्याल आया. फिर मैंने अपने मम्मी-पापा से इस बारे में अपनी इच्छा जताई तो और फिर गुल्लक के सारे पैसे गरीबों और बेसहारा के लिए दान किया.
छात्रा ने बताया कि मम्मी-पापा और परिवारजनों के सामने जब गुल्लक तोड़ा तो उसमें कुल 3 हजार 3 सौ रुपये निकले. फिर मैंने अपने सेवा भाव से मदर टेरेसा फाउण्डेशन के महानगर चेयरमैन सै. मो. अस्करी को जरूतमन्दों की मदद करने को सौंप दिया. इसी तरह मैं लोगों से यह अपील करती हूं कि हर व्यक्ति को मदद के आगे आना चाहिए.
प्रयागराज: गुल्लक में जमा पैसों को जरूरतमंदों के लिए 12वीं की छात्रा ने दिया दान - जरूरतमंदों के लिए गुल्लक दान
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने के लिए बारहवीं की छात्रा ने अपना गुल्लक तोड़ दिया, जिसमें कुल तीन हजार तीन सौ रुपये निकले. इन पैसों को मदद के लिए मदर टेरेसा फाउंडेशन को सौंप दिया.
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प्रयागराज: देश में लॉकडाउन के कारण जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए हर कोई किसी न किसी तरह की मदद करने में जुटा है. ऐसे में नैनी की रहने वाली डीपीएस नैनी की कक्षा 12 की छात्रा सौम्या यादव ने कई वर्षों से गुल्लक में जमा कर रहे पैसों को मदर टेरेसा फाउंडेशन को सौंपा. सौम्या ने फाउंडेशन के सदस्यों से कहा कि जब पूरा देश इस महामारी से लड़ रहा है तो हमें गरीबों और मजदूरों की मदद करनी चाहिए.
छात्रा सौम्या ने बताया कि कई साल से थोड़ा-थोड़ा कर पैसा जमा किया था, जिसे मैं अपने मम्मी-पापा की शादी की 25वीं वर्षगांठ पर उन्हें कुछ खास गिफ्ट देना चाहती थीं, लेकिन जब लॉकडाउन और लोगों की परेशानी की बारे मैं अखबारों और टीवी पर देखीं तो मेरे मन में जरूरतमंदों की मदद करने का ख्याल आया. फिर मैंने अपने मम्मी-पापा से इस बारे में अपनी इच्छा जताई तो और फिर गुल्लक के सारे पैसे गरीबों और बेसहारा के लिए दान किया.
छात्रा ने बताया कि मम्मी-पापा और परिवारजनों के सामने जब गुल्लक तोड़ा तो उसमें कुल 3 हजार 3 सौ रुपये निकले. फिर मैंने अपने सेवा भाव से मदर टेरेसा फाउण्डेशन के महानगर चेयरमैन सै. मो. अस्करी को जरूतमन्दों की मदद करने को सौंप दिया. इसी तरह मैं लोगों से यह अपील करती हूं कि हर व्यक्ति को मदद के आगे आना चाहिए.