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प्रयागराज से लाई गई लेटे हनुमान जी की प्रतिमा, नगरवासियों में उत्साह

राजस्थान के भीलवाड़ा से शुक्रवार को विशालकाय हनुमान जी की लेटे हुई मूर्ति प्रयागराज लाई गयी. पूर्व से सूचना होने के कारण दर्शन के लिए नगरवासियों जमावड़ा लग गया. मूर्ति के साथ आए महंत ने बताया कि त्रिवेणी में स्नान के बाद मूर्ति को भीलवाड़ा में स्थापित किया जाएगा.

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Published : Feb 29, 2020, 10:04 AM IST

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लेटे हुए हनुमान जी.

प्रयागराजः भीलवाड़ा से 28 फीट लंबी, 12 फीट चौड़ी और 64 टन वजनी हनुमान जी की लेटे हुई प्रतिमा को संगमनगरी लाया गया. हनुमान जी की इस प्रतिमा को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ संगम छेत्र में उमड़ पड़ी. अभी तक लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा केवल पूरे देश मे प्रयागराज में ही थी. दूसरी हनुमान जी की लेटे हुए मूर्ति की सूचना पर नगरवासियों ने भारी संख्या में दर्शन किया.

लेटे हुए हनुमान जी की मूर्ति पहुंची प्रयागराज.

भीलवाड़ा में लेटे हुए हनुमान की मूर्ति होगी स्थापित
मूर्ति के साथ आए महंत ने बताया कि उनके गुरु महंत श्री बाबू महराज के सानिध्य में मूर्ति को प्रयागराज में स्नान के लिए लाया गया है. इसी दौरान भारी संख्या में लोग भगवान का दर्शन भी कर रहे हैं. यह मूर्ति पुनः यहां से भीलवाड़ा जाएगी और वहीं स्थापित होगी. वहीं प्रयागराज में स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंहत नरेंद्र गिरि महराज ने भीलवाड़ा से आए साधुओं का भव्य स्वागत किया.

यह भी पढ़ेंः-कल प्रयागराज आएंगे पीएम मोदी, ईविवि के छात्र दिखाएंगे अपनी प्रतिभा

बता दें कि इस प्रतिमा को देखने के बाद नगरवासियों में काफी उत्साह है. यह हनुमान की विशाल प्रतिमा भले ही कुछ पलों के लिए दर्शन देने के लिए प्रयागराज आई है, लेकिन प्रयागराज वासियों के लिए यह भव्य नजारा किसी ऐतिहासिक पल से कम नहीं है.

प्रयागराजः भीलवाड़ा से 28 फीट लंबी, 12 फीट चौड़ी और 64 टन वजनी हनुमान जी की लेटे हुई प्रतिमा को संगमनगरी लाया गया. हनुमान जी की इस प्रतिमा को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ संगम छेत्र में उमड़ पड़ी. अभी तक लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा केवल पूरे देश मे प्रयागराज में ही थी. दूसरी हनुमान जी की लेटे हुए मूर्ति की सूचना पर नगरवासियों ने भारी संख्या में दर्शन किया.

लेटे हुए हनुमान जी की मूर्ति पहुंची प्रयागराज.

भीलवाड़ा में लेटे हुए हनुमान की मूर्ति होगी स्थापित
मूर्ति के साथ आए महंत ने बताया कि उनके गुरु महंत श्री बाबू महराज के सानिध्य में मूर्ति को प्रयागराज में स्नान के लिए लाया गया है. इसी दौरान भारी संख्या में लोग भगवान का दर्शन भी कर रहे हैं. यह मूर्ति पुनः यहां से भीलवाड़ा जाएगी और वहीं स्थापित होगी. वहीं प्रयागराज में स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंहत नरेंद्र गिरि महराज ने भीलवाड़ा से आए साधुओं का भव्य स्वागत किया.

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बता दें कि इस प्रतिमा को देखने के बाद नगरवासियों में काफी उत्साह है. यह हनुमान की विशाल प्रतिमा भले ही कुछ पलों के लिए दर्शन देने के लिए प्रयागराज आई है, लेकिन प्रयागराज वासियों के लिए यह भव्य नजारा किसी ऐतिहासिक पल से कम नहीं है.

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