प्रयागराजः नेपाल सीमा पर पुलिस वसूली और वीडियो रिकार्डिंग करने पर गैंगस्टर एक्ट में फंसाने के आरोपों पर राज्य सरकार की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है. कोर्ट ने याची अधिवक्ता को सरकारी हलफनामे का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी.
हाईकोर्ट ने भारत-नेपाल बार्डर पर पुलिस द्वारा जाम लगाकर वसूली करने का वीडियो रिकार्डिंग करने पर गैंगस्टर एक्ट में फंसाने के आरोपों का गृह सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था. इसके साथ ही पुलिस कानून का दुरुपयोग न करें इसकी गाइडलाइन भी मांगी थी.
याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने किया. महाराजगंज, सोनौली, कुन्सेरवा गांव के निवासी कृष्ण गुप्ता और अन्य की याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस नेपाल सीमा पर ट्रकों से जबरन वसूली करती है. विरोध करने और वीडियो रिकार्डिंग करने पर गैंगस्टर एक्ट में याचियों को फंसाया गया है. याचियों के खिलाफ 21 मार्च 2021 को गैंग चार्ट बना और 30 मार्च 2021 को एफआईआर दर्ज कराई गई.
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याचियों का कहना है कि सीमा पर बाईपास पर उनकी जनरल स्टोर, मोबाइल फोन की दूकान है. पुलिस वसूली की वजह से अक्सर जाम से लोगों को परेशानी होती है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों और ड्राइवरों से विवाद हुआ. याची इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़ा है. उसने पुलिस के घूस लेते वीडियो रिकार्डिंग कर ली. जिससे याची को गैंग लीडर, उसके परिवार के लोगों और उसके दो ड्राइवरों को गैंग सदस्य घोषित कर गैंग चार्ट बनाया गया है. पुलिस दुर्भावना ग्रस्त होकर कार्रवाई कर रही है. इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामा मांगा था.
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