प्रयागराजः पूर्व सैनिक सरदार रेशम सिंह और उनके परिवार की महिलाओं के साथ पुलिस अभद्रता और मारपीट की एफआईआर व पुलिस दुर्व्यवहार की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी गठित कर दी हैं. जिसकी प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी की जाएगी. फिलहाल उपनिरीक्षक सुनील कुमार शर्मा और विवेचनाधिकारी राम नरेश सिंह के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
मामले की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ के समक्ष डीजीपी ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी है. याचिका की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी. पूर्व सैनिक से पुलिस की बदसलूकी को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने यूपी के डीजीपी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था. जिस पर यह हलफनामा दाखिल किया गया है.
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पूर्व सैनिक ने पुलिस पर खुद और परिवार की महिलाओं की बेरहमी से पिटाई किए जाने का आरोप लगाया था. पुलिस पर कड़ी कार्रवाई किए जाने और इंसाफ दिलाए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. पूर्व सैनिक और परिवार से पुलिस के इस व्यवहार पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी और कहा था कि पुलिस पर इस तरह का आरोप प्रदेश की 'बहुत ही खेदजनक' स्थिति को दर्शाता है.
यह था मामला
रेशम सिंह अपनी मां और दो बहनों के साथ 3 मई को पीलीभीत से लखीमपुर खीरी अपने दिवंगत जीजा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे. आरोपा था कि इस पर पुलिस ने रोककर मारा-पीटा. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब प्रसारित हुआ था. सरकारी वकील ने विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा. अगली तारीख 16 जुलाई को महाधिवक्ता सरकार का पक्ष रखेंगे. कोर्ट ने याची अधिवक्ता को डीजीपी के हलफनामे का प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने को कहा है.