प्रयागराज : अतीक अहमद और अशरफ को मारने वाले तीनों आरोपियों को बुधवार को प्रयागराज के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया. आरोपियों की कोर्ट में पेशी के दौरान कचहरी परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था. वहां सुरक्षा की अभूतपूर्व व्यवस्था की गई थी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अतीक-अशरफ के हत्यारोपियों की जान का खतरा हो सकता है, इसलिए पेशी के दौरान चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी. रिमांड पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में उनके वकीलों को ही आने की इजाजत दी गई. इसके अलावा किसी अन्य अधिवक्ता को भी कोर्ट में एंट्री नहीं दी गई.
बुधवार को ह्त्या के तीनों आरोपी सनी, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या को जिला अदालत में लाया गया. उनके आने की खबर आते ही कोर्ट परिसर में मौजूद वकील और कर्मचारियों में उन्हें देखने की होड़ लग गई. हालांकि पुलिस तीनों आरोपियों को शील्ड से कवर रखा था. हथियारों से लैस पुलिसकर्मी भी सुरक्षा में तैनात रहे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पुलिस को इनपुट मिला था कि पेशी के दौरान हत्या के आरोपियों पर हमला हो सकता है. जब सनी, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या को पुलिस की गाड़ी से कोर्ट तक लाया गया तो वहां 100 से अधिक पुलिसकर्मी मौजूद रहे. आरोपियों को शील्ड से भी कवर किया गया. बुधवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपियों को पुलिस रिमांड में भेज दिया. एसआईटी आरोपियों को कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ करेगी.
बता दें कि 15 अप्रैल की रात अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की कॉल्विव हॉस्पिटल के पास उस समय हत्या कर दी गई थी, जब उसे मेडिकल जांच के लिए लाया जा रहा था. वारदात के बाद तीनों आरोपियों ने खुद को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. पहले तीनों आरोपियों को नैनी जेल में रखा गया था. मगर वहां अतीक के बेटे और गुर्गे भी बंद हैं. आशंका जताई गई कि वहां तीनों शूटरों पर जानलेवा हमला हो सकता है इसलिए उन्हें प्रतापगढ़ जेल भेज दिया गया. एसआईटी ने तीनों से रिमांड पर पूछताछ करने की मांग की थी. बुधवार को उन्हें प्रतापगढ़ से प्रयागराज लाया गया था.