प्रयागराजः प्राचीन भारतीय इतिहास में वर्णित देवी देवताओं की कथाओं से संबंधित चौसठ योगिनी की कथाओं और उनसे जुड़े तंत्र विद्या के बारे में अब छात्रों को पूरी जानकारी हो सकेगी. चौसठ योगिनी से संबंधित इसी तरह की एक पुस्तक लिखी गई है. चौसठ योगिनीयों के मंदिर का व्यक्तित्व पूरे भारत में विशेषकर बंगाल एवं कश्मीर में साहित्य ग्रंथों में मिलता है. वर्तमान में इसके भौतिक और शेष नहीं मिलता, जिसके बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया.
इसे भी पढ़ें- 13 साल की छात्रा द्वारा लिखी पुस्तक 'डोंट रीड' का हुआ विमोचन
तंत्र विद्या से जुड़ी देवी-देवताओं की कहानी है संग्रहित
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और अमेरिका की धूल इतिहासकारों ने इस पुस्तक को लिखने में भारतीय धर्म ग्रंथ, ऐतिहासिक स्थलों, देवी देवताओं के मंदिर से संबंधित जुड़े रहस्य पर अध्ययन के बाद इसे लिपिबद्ध करने में सफलता पाई है. इसका विमोचन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतनलाल हांगलू ने किया. इस पुस्तक में तंत्र विद्या से जुड़ी देवी-देवताओं की कहानी को संग्रहित किया गया है, जिसका शीर्षक 'एक्सप्रेसिंग द गॉडेस आन द ट्रायल ऑफ योगिनी' है.
इसे भी पढ़ें- लखनऊ: वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने अपनी पुस्तक का किया विमोचन
प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हवाओं ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों के पुनर्मूल्यांकन से 64 देवी देवताओं की कहानी और तंत्र मंत्र से जुड़े विषयों को जानने में यह पुस्तक काफी मददगार होगी. उन्होंने पुस्तक लिखने वाली पांचों लेखिकाओं को इस प्रयास के लिए बधाई दी. इन पांचों लेखिकाओं के द्वारा लिखी गई पुस्तक चौसठ योगिनी के इतिहास धार्मिक सांस्कृतिक महत्व पर केंद्रित है.