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प्रयागराजः छात्र अब चौसठ योगिनियों के रहस्य को जान सकेंगे

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चौसठ योगिनी से संबंधित एक पुस्तक 'एक्सप्रेसिंग द गॉडेस ऑन द ट्रायल ऑफ योगिनी' लिखी गई है. इसका विमोचन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में किया गया.

एक्सप्रेसिंग द गॉडेस आन द ट्रायल ऑफ योगिनी का विमोचन
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Published : Aug 23, 2019, 9:39 AM IST

प्रयागराजः प्राचीन भारतीय इतिहास में वर्णित देवी देवताओं की कथाओं से संबंधित चौसठ योगिनी की कथाओं और उनसे जुड़े तंत्र विद्या के बारे में अब छात्रों को पूरी जानकारी हो सकेगी. चौसठ योगिनी से संबंधित इसी तरह की एक पुस्तक लिखी गई है. चौसठ योगिनीयों के मंदिर का व्यक्तित्व पूरे भारत में विशेषकर बंगाल एवं कश्मीर में साहित्य ग्रंथों में मिलता है. वर्तमान में इसके भौतिक और शेष नहीं मिलता, जिसके बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया.

एक्सप्रेसिंग द गॉडेस आन द ट्रायल ऑफ योगिनी का विमोचन.

इसे भी पढ़ें- 13 साल की छात्रा द्वारा लिखी पुस्तक 'डोंट रीड' का हुआ विमोचन

तंत्र विद्या से जुड़ी देवी-देवताओं की कहानी है संग्रहित
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और अमेरिका की धूल इतिहासकारों ने इस पुस्तक को लिखने में भारतीय धर्म ग्रंथ, ऐतिहासिक स्थलों, देवी देवताओं के मंदिर से संबंधित जुड़े रहस्य पर अध्ययन के बाद इसे लिपिबद्ध करने में सफलता पाई है. इसका विमोचन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतनलाल हांगलू ने किया. इस पुस्तक में तंत्र विद्या से जुड़ी देवी-देवताओं की कहानी को संग्रहित किया गया है, जिसका शीर्षक 'एक्सप्रेसिंग द गॉडेस आन द ट्रायल ऑफ योगिनी' है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने अपनी पुस्तक का किया विमोचन

प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हवाओं ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों के पुनर्मूल्यांकन से 64 देवी देवताओं की कहानी और तंत्र मंत्र से जुड़े विषयों को जानने में यह पुस्तक काफी मददगार होगी. उन्होंने पुस्तक लिखने वाली पांचों लेखिकाओं को इस प्रयास के लिए बधाई दी. इन पांचों लेखिकाओं के द्वारा लिखी गई पुस्तक चौसठ योगिनी के इतिहास धार्मिक सांस्कृतिक महत्व पर केंद्रित है.

प्रयागराजः प्राचीन भारतीय इतिहास में वर्णित देवी देवताओं की कथाओं से संबंधित चौसठ योगिनी की कथाओं और उनसे जुड़े तंत्र विद्या के बारे में अब छात्रों को पूरी जानकारी हो सकेगी. चौसठ योगिनी से संबंधित इसी तरह की एक पुस्तक लिखी गई है. चौसठ योगिनीयों के मंदिर का व्यक्तित्व पूरे भारत में विशेषकर बंगाल एवं कश्मीर में साहित्य ग्रंथों में मिलता है. वर्तमान में इसके भौतिक और शेष नहीं मिलता, जिसके बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया.

एक्सप्रेसिंग द गॉडेस आन द ट्रायल ऑफ योगिनी का विमोचन.

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तंत्र विद्या से जुड़ी देवी-देवताओं की कहानी है संग्रहित
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और अमेरिका की धूल इतिहासकारों ने इस पुस्तक को लिखने में भारतीय धर्म ग्रंथ, ऐतिहासिक स्थलों, देवी देवताओं के मंदिर से संबंधित जुड़े रहस्य पर अध्ययन के बाद इसे लिपिबद्ध करने में सफलता पाई है. इसका विमोचन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतनलाल हांगलू ने किया. इस पुस्तक में तंत्र विद्या से जुड़ी देवी-देवताओं की कहानी को संग्रहित किया गया है, जिसका शीर्षक 'एक्सप्रेसिंग द गॉडेस आन द ट्रायल ऑफ योगिनी' है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने अपनी पुस्तक का किया विमोचन

प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हवाओं ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों के पुनर्मूल्यांकन से 64 देवी देवताओं की कहानी और तंत्र मंत्र से जुड़े विषयों को जानने में यह पुस्तक काफी मददगार होगी. उन्होंने पुस्तक लिखने वाली पांचों लेखिकाओं को इस प्रयास के लिए बधाई दी. इन पांचों लेखिकाओं के द्वारा लिखी गई पुस्तक चौसठ योगिनी के इतिहास धार्मिक सांस्कृतिक महत्व पर केंद्रित है.

Intro:प्राचीन भारतीय इतिहास में वर्णित देवी देवताओं की कथा और भारतीय हिंदू धर्म ग्रंथ में वर्णित देवियों की कथाओं से संबंधित चौसठ योगिनी की कथाओं उनसे जुड़े तंत्र विद्या के बारे में अब छात्रों को पूरी जानकारी हो सकेगी ऐसा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के प्रोफेसर और दो विदेशी महिला प्रोफेसरों ने संभव कर दिखाया है चौसठ योगिनी से संबंधित इसी तरह की एक पुस्तक लिखी गई है जिसका विमोचन आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नार्थ हाल में किया गया।


Body:इलाहाबाद विश्वविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय और अमेरिका की धूल इतिहासकारों ने इस पुस्तक को लिखने में भारतीय धर्म ग्रंथ ऐतिहासिक स्थलों देवी देवताओं के मंदिर से संबंधित जुड़े रहस्य पर अध्ययन के पश्चात इसे लिपिबद्ध करने में सफलता पाई है। जिसका विमोचन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतनलाल हांगलू ने आज किया। इस पुस्तक में तंत्र विद्या से जुड़ी देवी-देवताओं की कहानी को संग्रहित किया गया है। जिसका शिर्षक एक्सप्रेसिंग द गॉडेस आन द ट्रायल आफ योगिनी है। इस अवसर पर सम्बोधित करते इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हवाओं ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों के पुनर्मूल्यांकन से 64 देवी देवताओं की कहानी और तंत्र मंत्र से जुड़े विषयों को जानने में यह पुस्तक काफी मददगार होगी । इलाहाबाद विश्वविद्यालय शायद पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जो इस तरह के विषयों को सामने लाया है। इस तरह के विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उन्होंने पुस्तक लिखने वाली पांचों लेखिकाओ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग की प्रोफेसर अनामिका राय , स्विट्जरलैंड की स्टेला डुपुसिस, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की जेनेट चावला,U दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सीमा कोहली एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नीलिमा चिरगोपिकर के इस प्रयास को बधाई दी। इन पांचो लेखिकाओं के द्वारा लिखी गई पुस्तक चौसठ योगिनी के इतिहास धार्मिक सांस्कृतिक महत्व पर केंद्रित है।


Conclusion: सघन पुरातात्विक सर्वेक्षण ऐतिहासिक वैज्ञानिक विधि द्वारा लिखी गई पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में इसकी लेखिका अनामिका राय ने पुस्तक में नूतन बोध के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि चौसठ योगिनीयों के मंदिर का व्यक्तित्व पूरे भारत में विशेषकर बंगाल एवं कश्मीर में साहित्य ग्रंथों में मिलता है परंतु वर्तमान में इसके भौतिक और शेष नहीं मिलता, जिसमे बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम में स्विट्जरलैंड की स्टेल डुपुसिस ने अपने सम्बोधन में भारतीय संस्कृत में चौसठ योगिनी के मंदिर के महत्व के एवं तंत्र दर्शन इन के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।

बाईट : प्रो रतनलाल हंगलू कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय
बाईट: स्टेला डुपुसिस लेखिका

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज।
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