प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे माघ मेले में सोमवार को पंचकोसी परिक्रमा की शुरूआत हुई. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी की अगुवाई में संगम तट पर मां गंगा की विशेष आरती पूजा के बाद पंचकोसी परिक्रमा की शुरुआत की गयी. तीन दिनों तक चलने वाली इस परिक्रमा में साधु संतों के साथ ही भक्त प्राचीन और पौराणिक महत्व वाले मंदिरों का दर्शन पूजन करेंगे.
संगम नगरी में गंगा यमुना सरस्वती की पावन त्रिवेणी के तट पर लगे माघ मेले में श्रद्धालु जहां धर्म अध्यात्म की अलख जगा रहें हैं वहीं साधु संत पंचकोसी परिक्रमा के जरिए पुरानी सांस्कृतिक परंपरा को और मजबूत कर रहे हैं. इसके तहत सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी के नेतृत्व में अखाड़े के साथ ही अन्य मठ मंदिरों से जुड़े साधु संत पंचकोसी परिक्रमा में शामिल हुए. सोमवार को इस परिक्रमा को शुरू करने से पहले संगम तट पर मां गंगा की पूरे विधि विधान के साथ पूजन आरती की गई. तीन दिनों की इस परिक्रमा के दौरान द्वादश माधव मंदिर की परिक्रमा के साथ ही लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट, नाग बासुकि मंदिर समेत शहर के प्राचीन और पौराणिक महत्व वाले मंदिरों की परिक्रमा की जाएगी.
संगम तट पर पंचकोसी परिक्रमा की शुरूआत की गई. जब यात्रा संगम तट से आगे बढ़ी तो पूरा इलाका जयकारों से गूंज उठा और रास्ते में श्रद्धालुओं ने साधु संतों पर पुष्प वर्षा की. तीन दिनों तक चलने वाली यात्रा प्रयागराज के प्राचीन मंदिरों में पहुंचेगी जहां पर साधु संत दर्शन पूजन करेंगे. इस दौरान जूना अखाड़े के महामंत्री हरि गिरि ने कहा कि सनातन संस्कृति और सभ्यता को बचाने के लिए यह यात्रा शुरू की गयी है.
हरि गिरी ने कहाकि आदिकाल में यह परिक्रमा होती थी जो कालांतर में बंद हो चुकी थी. इसके बाद 2019 के कुम्भ से इस पंचकोसी परिक्रमा की शुरुआत की गयी है. इसके बाद से माघ मेले के दौरान पंचकोसी परिक्रमा की जा रही है. महंत हरि गिरी ने कहाकि इस यात्रा का उद्देश्य हमारे तीर्थों और पौराणिक मठ मंदिरों की रक्षा करना और सनातन धर्म को आगे बढ़ाना है.
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