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प्रयागराज: संतों ने लिया अखण्ड भारत के निर्माण का संकल्प

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद की ओर से संत सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में तमाम साधु और संत उपस्थित हुए. सभी एक साथ अयोध्या में भव्य राम मंदिर के जल्द से जल्द निर्माण की मांग की.

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संत सम्मेलन में जुटे साधु-संत.
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Published : Jan 22, 2020, 5:19 AM IST

प्रयागराज: माघ मेला क्षेत्र में स्थित विश्व हिंदू परिषद के शिविर में संत सम्मेलन का मंगलवार को समापन हुआ. इस दौरान अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण सहित अखंड भारत का निर्माण, भारतीय संस्कृत के मूल को बचाने का संकल्प संतों के द्वारा लिया गया. तीन घंटे तक संतों के ओजस्वी विचारों के बीच हुए मंथन के बाद सम्मेलन में साधु संतों ने एकजुट होकर राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी श्री राम जन्मभूमि न्यास को सौंपने और विहिप के मॉडल पर ही मंदिर निर्माण की मांग जोर-शोर से उठाई.

संत सम्मेलन में जुटे साधु-संत.

संत सम्मेलन की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद के बीच श्रीराम के चित्र के सामने हुए दीप प्रज्वलन के साथ हुई. विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने सम्मेलन की प्रस्तावना प्रस्तुत की और सोमवार को विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में पारित प्रस्तावों को भी आए हुए संतों के सामने रखा. सम्मेलन में संतों ने एक स्वर से कहा कि नागरिकता संशोधन कानून देश में हित में है, जो इसका विरोध कर रहे हैं वह देश विरोधी हैं. वह जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह कहीं और की है. वहीं धर्मांतरण को लेकर विहिप और साधु-संतों के बीच रणनीति तय की गई. इसके लिए साधु-संत और विहिप के पदाधिकारी परिवार संस्कार को लेकर के देशभर में जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक, इन 14 प्रस्तावों को मिली मंजूरी

इस संत सम्मेलन की अध्यक्षता न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने की, जबकि इसका संचालन विहिप के उपाध्यक्ष तथा केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्र और केंद्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया. इस दौरान स्वामी वासुदेवा सरस्वती ने संत सम्मेलन के दौरान कहा कि अयोध्या में अगर विहिप के मॉडल पर राम मंदिर का निर्माण हो, वरना वह रामलला का दर्शन नहीं करेंगे. जो मॉडल पिछले 30 वर्षों से राम भक्तों के सामने प्रदर्शित किया जा रहा है. यही मॉडल हिंदुओं के मन मस्तिक में भी अब बस चुका है.

प्रयागराज: माघ मेला क्षेत्र में स्थित विश्व हिंदू परिषद के शिविर में संत सम्मेलन का मंगलवार को समापन हुआ. इस दौरान अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण सहित अखंड भारत का निर्माण, भारतीय संस्कृत के मूल को बचाने का संकल्प संतों के द्वारा लिया गया. तीन घंटे तक संतों के ओजस्वी विचारों के बीच हुए मंथन के बाद सम्मेलन में साधु संतों ने एकजुट होकर राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी श्री राम जन्मभूमि न्यास को सौंपने और विहिप के मॉडल पर ही मंदिर निर्माण की मांग जोर-शोर से उठाई.

संत सम्मेलन में जुटे साधु-संत.

संत सम्मेलन की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद के बीच श्रीराम के चित्र के सामने हुए दीप प्रज्वलन के साथ हुई. विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने सम्मेलन की प्रस्तावना प्रस्तुत की और सोमवार को विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में पारित प्रस्तावों को भी आए हुए संतों के सामने रखा. सम्मेलन में संतों ने एक स्वर से कहा कि नागरिकता संशोधन कानून देश में हित में है, जो इसका विरोध कर रहे हैं वह देश विरोधी हैं. वह जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह कहीं और की है. वहीं धर्मांतरण को लेकर विहिप और साधु-संतों के बीच रणनीति तय की गई. इसके लिए साधु-संत और विहिप के पदाधिकारी परिवार संस्कार को लेकर के देशभर में जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे.

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इस संत सम्मेलन की अध्यक्षता न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने की, जबकि इसका संचालन विहिप के उपाध्यक्ष तथा केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्र और केंद्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया. इस दौरान स्वामी वासुदेवा सरस्वती ने संत सम्मेलन के दौरान कहा कि अयोध्या में अगर विहिप के मॉडल पर राम मंदिर का निर्माण हो, वरना वह रामलला का दर्शन नहीं करेंगे. जो मॉडल पिछले 30 वर्षों से राम भक्तों के सामने प्रदर्शित किया जा रहा है. यही मॉडल हिंदुओं के मन मस्तिक में भी अब बस चुका है.

Intro:प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र में स्थित विश्व हिंदू परिषद के शिविर में आज संपन्न हुए संत सम्मेलन में अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण सहित अखंड भारत का निर्माण भारतीय संस्कृत के मूल को बचाने का संकल्प संतो के द्वारा लिया गया सम्मेलन में शामिल साधु-संतों ने मंच के माध्यम से पड़ोसी देश पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि वह पीओके लेकर ही रहेंगे वह अब सिंध और बलूचिस्तान को बचाए।


Body:तीन घंटे तक संतों के ओजस्वी विचारों के बीच हुए मंथन के बाद सम्मेलन में साधु संतों ने एकजुट होकर राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी श्री राम जन्मभूमि न्यास को सौंपने और विहिप के मॉडल पर ही मंदिर निर्माण की मांग जोर-शोर से उठी।
संत सम्मेलन की शुरआत वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद के बीच राम के चित्र के सामने हुए दीप प्रज्वलन के साथ हुई विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने सम्मेलन की प्रस्तावना प्रस्तुत की और सोमवार को विहिप के हुए केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में पारित प्रस्तावों को भी आए हुए संतों के सामने रखा। सम्मेलन में संतों ने एक स्वर से कहा की नागरिकता संशोधन कानून सीए देश में हित में है जो इसका विरोध कर रहे हैं वह देश विरोधी हैं वह जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह कहीं और की है सही होगा कि वह वहीं पर चले जाएं नहीं तो उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाएगा। आज भी धर्मांतरण को लेकर चर्चा हुई और इसको लेकर के विहिप और साधु-संतों के बीच रणनीति तय की गई इसके लिए साधु संत और विहिप के पदाधिकारी परिवार संस्कार को लेकर के देशभर में जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे


Conclusion:आज हुए संत सम्मेलन की अध्यक्षता न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने की संचालन विहिप के उपाध्यक्ष तथा केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्र और केंद्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया इस दौरान स्वामी वासुदेवा सरस्वती ने संत सम्मेलन के दौरान कहा कि अयोध्या में अगर विहिप के मॉडल पर राम मंदिर का निर्माण हो वरना वह रामलला का दर्शन नहीं करेंगे जो मॉडल पिछले 30 वर्षों से राम भक्तों के सामने प्रदर्शित किया जा रहा है यही मॉडल हिंदुओं के मन मस्तिक में भी अब बस चुका है।

बाईट: महंत नृत्य गोपाल दास न्यास अध्यक्ष
बाईट: जीवेश्वर मिश्र विहिप के उपाध्यक्ष

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज
9044173173

नोट: नेटवर्क बार बाधित होने के चलते यह बार बार फेल्ड हो रहा था। इसलिए वीडियो LU smart से अपलोड किया हु।
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