प्रयागराज: संगम शहर एक धार्मिक नगरी है. यहां आम दिन हो या फिर सावन का महीना भारी संख्या में श्रद्धालु और कांवड़िए गंगाजल लेने आते हैं. इसके बाद यहां से गंगाजल लेकर काशी विश्वनाथ या फिर अन्य भगवान शिव के मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाते हैं. ऐसे में यहां तीनों नदियां गंगा, यमुना और सरस्वती का अद्भुत संगम है. वहीं, देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं और गंगाजल ले जाते हैं, लेकिंग बीते कई दिनों से तेज गति से केमिकलयुक्त पानी गंगा नदी में गिर रहा है. ऐसे में साधु-संत और श्रद्धालुओं में गुस्सा है.
प्रयागराज के संगम क्षेत्र से हैरान कर देनी वाली तस्वीर और नमामि गंगे व स्वच्छ भारत मिशन की असल सच्चाई सामने आई है. ऐसे में तो यही कहा जा सकता है कि गंगा नदी अब बदहाली के आंसू बहा रही है. संगम तट से सटे दारागंज इलाके में नाले से केमिकलयुक्त पानी तेज गति से गंगा नदी में गिर रहा है, जिससे स्थानीय और श्रद्धालुओं में काफी रोष है. हालांकि केमिकलयुक्त गंदा पानी दिन में तो थोड़ा धारा-धीरे बहता है, लेकिन जैसे ही शाम होने लगती है वैसे ही तेज गति से गंदा पानी गंगा की तरफ गिरने लगता है. गंगा नदी में केमिकलयुक्त गंदा पानी गिरते देख आम श्रद्धालु और स्थानीय लोग भी सरकार और प्रशासन की इस लापरवाही से काफी गुस्से में है.
हैरानी की बात यह है कि इसी जगह पर देश-दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माघ मेला, कुंभ मेला भी लगता है. सावन के महीने में प्रदेश और देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं. कांवड़िए इसी गंगाजल से अपनी कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी करते हैं. श्रद्धालु अभिषेक मिश्रा का कहना है संगम एक पवित्र जगह है और उसी जगह पर कई साधु-सन्यासी का अखाड़ा है. उसी जगह पर गंदा केमिकलयुक्त पानी छोड़ा जा रहा है. उनका यह भी कहना है कि गंगा नदी का जल साफ रहे इसके लिए पीएम मोदी व सीएम योगी ने कई स्कीम भी चलाईं हैं, लेकिन संबंधित अधिकारी की लापरवाही की वजह से ऐसी पवित्र जगह से दुर्गन्थ आ रही है. उन्होंने कहा कि इस समय तो गंगा जी को और साफ होना चाहिए. अभिषेक का मानना है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने इसका संज्ञान नहीं लिया तो गंगा जी मैली हो जाएंगी.
संगम क्षेत्र से सटे इलाकों में कई अखाड़े और मठ भी हैं. पास में ही कई मंदिर भी स्थापित हैं. अखाड़े के महंत की बात मानें तो उनका कहना है कि पिछले कई दिनों से लगातार केमिकलयुक्त पानी नाले से सीधा गंगा नदी में गिर रहा है. इसकी शिकायत भी कई बार अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई. अखाड़े के महंत का ये भी कहना है कि केमिकलयुक्त पानी की वजह से पूरे इलाके में इतनी बदबू रहती है कि कोई भी श्रद्धालु अखाड़े में प्रसाद ग्रहण करने नहीं आता है. यह समस्या आए दिन बनी रहती है. केमिकलयुक्त पानी गंगा नदी में जा रहा है, जो सरकार के तमाम दावों की पोल भी खोल रहा है.
उधर संगम तट पर श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं. लगातार गंगा नदी में गिर रहे इस गंदे पानी को देखकर वे खुद ही हैरान हैं. वहीं, स्थानीय श्रद्धालु सौरभ पांडे ने बताया कि ऐसी पवित्र जगह पर केमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है. इसको लेकर कई बार शिकायत की गई. पूरे देश में संगम विश्व प्रसिद्ध और आस्था के लिए पवित्र जगह है. केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत अभियान चला रही है, लेकिन उसका कोई असर यहां नहीं दिख रहा है.
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निर्मोही अखाड़े के महंत राकेश दास का कहना है कि गंगा जी में नाले से सीधा गंदा पानी जा रहा है. ऐसे में गंगा जी भी मैली हो रही हैं. सबसे बड़ी समस्या हम साधु-संतों को गंदे पानी की दुर्गंध से है. कई साधु-सन्यासी बीमार पड़ चुके हैं. श्रद्धालु प्रसाद लेने नहीं आ पाते और साथ ही गंगाजल भी नहीं ले जा पाते. निर्मोही अखाड़े के महंत का कहना है कि सरकार की तमाम योजनाएं प्रयागराज में सब फेल हो चुकी हैं. स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ-सफाई कर दी जाती है, लेकिन गंदा पानी जो सीधा गंगा जी में जा रहा ऐसे में श्रद्धालु गंगाजल कैसे ले जाएंगे. निर्मोही अखाड़े के महंत ने सरकार से मांग की कि नाले का गंदा पानी गंगा जी में न जाए इसके लिए सरकार की परियोजना के तहत जो भी प्लांट लगाया गया है उससे गंदे पानी की सफाई करके तब ही गंगा में छोड़ा जाए.