प्रयागराजः तीन वर्षीय मासूम खुशी की डॉक्टरों की लापरवाही के चलते हुई मौत पर चल रही जांच में प्रशाशन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीड़ित को न्याय न मिल पाने से एक और जहां परिजन आहत है, वहीं राजनीतिक पार्टियों में भी रोष व्याप्त है. सपा लीडर व इविवि की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रिचा सिंह ने नेशनल मेडिकल काउंसिल, राष्ट्रीय मानवाधिकार और पीएमओ को पत्र लिखकर कठोरतम कार्रवाई की मांग की है.
रिचा सिंह ने बताया कि खुशी डॉक्टरों व अस्पताल प्रबंधन के द्वारा किए गए अमानवीय व्यवहार व लापरवाही के चलते मासूम की जान गई है. इसको लेकर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन दोनों मौन हैं. जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है. बच्ची को न्याय मिले इसको लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार और पीएमओ को पत्र लिखकर मांग की है कि मामले को संज्ञान में लेकर अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाए. पत्र में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कठोर कार्रवाई और बच्ची के परिजनों को न्याय के साथ यूनाइटेड मेडीसिटी अस्पताल को तत्काल सील करने की मांग.
अस्पताल प्रबंधन को बचा रहा जिला प्रशासन
रिचा सिंह ने बताया कि अगर अस्पताल प्रबंधन पर कठोर कार्यवाही नहीं होती तो वह चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भी पत्र लिखकर इस मामले को संज्ञान में लाएंगी. उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो जनहित याचिका भी न्यायालय में दाखिल की जाएगी. उन्होंने जिला प्रशासन पर अस्पताल प्रबंधन को बचाने का आरोप लगाया है. रिचा सिंह ने कहा कि इसमें भारतीय जनता पार्टी के के एक मंत्री का हिस्सा होने के चलते जिला प्रशासन इस पर कार्रवाई करने से पीछे हट रहा है.