प्रयागराज: जिले में अस्पतालों के द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण न करने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फटकार लगाई है. जिले में ऐसे 73 अस्पतालों को चिन्हित किया है, जिन्होंने बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण में लापरवाही बरती है. अब उनके ऊपर कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है. पिछले दिनों अस्पतालों में बायोमेडिकल निस्तारण को लेकर के हुई जांच में यह बातें सामने आईं थी, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद यह कार्रवाई की जा रही है.
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
जिले के ऐसे 73 अस्पताल हैं, जिन पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच रिपोर्ट और नोटिस के बाद सीएमओ को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे सभी चयनित अस्पतालों को सीएमओ के द्वारा नोटिस भेजकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. साथ ही उचित कदम न उठाने पर आने वाले 31 मार्च के बाद उनका नवीनीकरण भी नहीं किया जाएगा.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इस संबंध में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जानकारी मांगी गई थी. इसमें प्रयागराज में चिन्हित अस्पतालों के संचालकों को नोटिस जारी कर 15 दिन में ईटीपी और एसटीपीएस स्थापना के संबंध में जानकारी भी मांगी है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शुरू की कार्रवाई
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अस्पतालों नर्सिंग होम और पैथोलॉजी सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. जांच के दौरान जिले के 16 बड़े और नामचीन अस्पतालों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने मेडिकल कचरे के निस्तारण में लापरवाही बरती है.
जांच के दौरान सबसे अधिक अस्पताल सिटी एरिया में पाए गए हैं, जिन्होंने बायोमेडिकल बेस्ट के निस्तारण को लेकर के शिथिलता बरती है, जबकि सबसे अधिक खतरा घनी आबादी वाले क्षेत्रों में ही रहता है. ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्त कदम उठाए हैं.
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश के बाद जिले में 73 ऐसे अस्पताल हैं, जिन्होंने बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण में लापरवाही बरती थी. ऐसे अस्पतालों के मालिकों को नोटिस भेजी गई है और इसके निस्तारण के संबंध में जानकारी मांगी गई है.
-मेजर कर्नल डॉ. गिरिजा शंकर बाजपेयी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी