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टेक्नोक्रेट्स देश को विश्व गुरु बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका बनाएं : रमेश पोखरियाल 'निशंक'

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 17वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे टेक्नोक्रेट्स देश को विश्व गुरु बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका बनाएंगे.

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Published : Dec 31, 2020, 7:35 PM IST

union education minister ramesh pokhriyal nishank
मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का 17वां वार्षिक दीक्षान्त समारोह.

प्रयागराज : मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का 17वां वार्षिक दीक्षान्त समारोह 2020 संस्थान के सेमिनार हॉल में वर्चुअल मोड में ऑनलाइन आयोजित किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने इस अवसर पर लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि प्रयागराज की पावन धरती की नई साधना के उपरान्त एक शक्ति पुन्ज के रूप में ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान को आगे ले जाने वाले योद्धा के रूप में हमारे टेक्नोक्रेट्स देश को विश्व गुरु बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका बनाएंगे.

union education minister ramesh pokhriyal nishank
दीक्षांत समारोह में शामिल केंद्रीय शिक्षा मंत्री.

'सीखने की सतत आजीवन प्रक्रिया होनी चाहिए'

अपने सम्बोधन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में सीखने की एक सतत आजीवन प्रक्रिया होनी चाहिए. इसलिए हमेशा नवीन ज्ञान एवं कौशल सीखने और प्राप्त करने के अवसरों को खोजने का प्रयास करना चाहिए. संस्थान ने उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करके आप लोगों में निवेश किया है. अब समय आ गया है अपनी जिम्मेदारी संभालने का, एक योद्धा के रूप में राष्ट्र निर्माण में भाग लेने का और देश को एक विकसित, उच्च शिक्षित, स्वस्थ, सुरक्षित तथा विश्व गुरु के रूप में बदलने में हमारे यशस्वी एवं दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने का.

'नई शिक्षा नीति से देश के विकास में महत्वूर्ण भूमिका निभाएंगे संस्थान'

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने संस्थान के पुराछात्रों को बधाई देते हुए कहा कि प्रयागराज की पवित्रता जीवन भर मन मस्तिष्क में छाई रहनी चाहिए. प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं अनुसंधान के संगम को विरासत के रूप में संजोकर रखने की जरूरत है. भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रमुख योगदान दे रहा है. भारतीय शिक्षा प्रणाली चरक, सुश्रुत, आर्यभट्ट, भास्कराचार्य, चाणक्य, पतंजलि और पाणिनी जैसे कई अन्य विद्धानों का उत्पादन किया है. उन्होंने गणित, खगोल विज्ञान, धातु विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान इन्जीनियरिंग इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में विश्व ज्ञान के लिए मौलिक योगदान दिया है. इसके बाद उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सहयोग से संस्थान देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. उक्त कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने हीरक जयन्ती भूमिगत पार्थ पथ का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया.

'युवा टेक्नोक्रेट्स से होकर गुजरती है आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना'

प्रो. डीपी सिंह, चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने सभी डिग्री प्राप्तकर्ताओं को अपनी हार्दिक बधाई दी और छात्रों से भारतीय लोकाचार का सही सार प्रस्तुत करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना भारत के युवा टेक्नोक्रेट्स से होकर गुजरती है. इसके बाद संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी ने कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए बताया कि संस्थान बुनियादी ढांचे के विकास में प्रमुख पहल के साथ-साथ शिक्षण एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता के शैक्षिक प्रयास में भी अग्रणी है.

union education minister ramesh pokhriyal nishank
केंद्रीय शिक्षा मंत्री.

निदेशक ने की पीएम मोदी और शिक्षा मंत्री की तारीफ

संस्थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में देश के दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' की दूरदर्शिता की सराहना की. उन्होंने कहा कि नवीन शिक्षा नीति के सहयोग से आत्मनिर्भर भारत जैसी महात्वकांक्षी योजनाओं से देश के पुनः निर्माण में बल मिलेगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को पूरा करने में तकनीकी संस्थान महत्वपूर्ण योगदान देकर अद्वितीय भूमिका निभाएंगे.

छात्रों को दी गई डिग्री

दीक्षान्त समारोह में 861 बीटेक, 304 एमटेक, 83 एमसीए, 39 एमबीए, 18 एमएससी और 92 पीएचडी छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों में डिग्री प्रदान की गई. इन डिग्री प्राप्त करने वाले स्नातकों में 82 विदेशी छात्र हैं, जिन्होंने डासा के माध्यम से संस्थान में प्रवेश प्राप्त किया था. इसके साथ ही संस्थान में भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद के माध्यम से प्रवेश प्राप्त 03 छात्रों को भी डिग्री प्रदान की गई है.

गरिमा गोयल को मिला इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल

दीक्षान्त समारोह में स्नातकोत्तर छात्रों को 30 स्वर्ण पदक, स्नातक छात्रों को 04 तथा 25 प्रायोजित स्वर्ण पदक विभिन्न कार्यक्रमों के श्रेष्ठ छात्रों को दिए गए. यह प्रायोजित पदक संकाय, पूर्व छात्रों एवं उद्योगों द्वारा प्रदान किए जाते हैं. इसी दौरान संस्थान में सभी ब्रान्च की टॉपर बीटेक इलेक्ट्रानिक्स एवं कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग की छात्रा गरिमा गोयल को इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल प्रदान किया गया. गरिमा गोयल को 5 गोल्ड मेडल दिए गए. तृतीय वर्ष के लिए अक्षत जैन (सिविल), द्वितीय वर्ष के लिए आर्यन मित्तल (सीएसई), प्रथम वर्ष क लिए अनुभव राजपूत (सीएसई) तथा दीपांश ठाकुर को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए.

छात्राओं को मिले 17 स्वर्ण पदक

कुल 1397 डिग्री प्राप्तकर्ताओं में से 248 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई तथा विभिन्न कार्यक्रमों के तहत 17 स्वर्ण पदक छात्राओं ने भी हासिल किए. उक्त कार्यक्रम में प्रो. आरके सिंह, अधिष्ठाता शैक्षणिक, डॉ. सर्वेश तिवारी, कुलसचिव और समस्त विभागाध्यक्ष, अधिष्ठाता एवं सिनेट सदस्य मौजूद थे. दीक्षान्त समारोह 2020 की अध्यक्षता चेयरमैन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स प्रोफेसर डीपी सिंह ने की.

प्रयागराज : मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का 17वां वार्षिक दीक्षान्त समारोह 2020 संस्थान के सेमिनार हॉल में वर्चुअल मोड में ऑनलाइन आयोजित किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने इस अवसर पर लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि प्रयागराज की पावन धरती की नई साधना के उपरान्त एक शक्ति पुन्ज के रूप में ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान को आगे ले जाने वाले योद्धा के रूप में हमारे टेक्नोक्रेट्स देश को विश्व गुरु बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका बनाएंगे.

union education minister ramesh pokhriyal nishank
दीक्षांत समारोह में शामिल केंद्रीय शिक्षा मंत्री.

'सीखने की सतत आजीवन प्रक्रिया होनी चाहिए'

अपने सम्बोधन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में सीखने की एक सतत आजीवन प्रक्रिया होनी चाहिए. इसलिए हमेशा नवीन ज्ञान एवं कौशल सीखने और प्राप्त करने के अवसरों को खोजने का प्रयास करना चाहिए. संस्थान ने उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करके आप लोगों में निवेश किया है. अब समय आ गया है अपनी जिम्मेदारी संभालने का, एक योद्धा के रूप में राष्ट्र निर्माण में भाग लेने का और देश को एक विकसित, उच्च शिक्षित, स्वस्थ, सुरक्षित तथा विश्व गुरु के रूप में बदलने में हमारे यशस्वी एवं दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने का.

'नई शिक्षा नीति से देश के विकास में महत्वूर्ण भूमिका निभाएंगे संस्थान'

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने संस्थान के पुराछात्रों को बधाई देते हुए कहा कि प्रयागराज की पवित्रता जीवन भर मन मस्तिष्क में छाई रहनी चाहिए. प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं अनुसंधान के संगम को विरासत के रूप में संजोकर रखने की जरूरत है. भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रमुख योगदान दे रहा है. भारतीय शिक्षा प्रणाली चरक, सुश्रुत, आर्यभट्ट, भास्कराचार्य, चाणक्य, पतंजलि और पाणिनी जैसे कई अन्य विद्धानों का उत्पादन किया है. उन्होंने गणित, खगोल विज्ञान, धातु विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान इन्जीनियरिंग इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में विश्व ज्ञान के लिए मौलिक योगदान दिया है. इसके बाद उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सहयोग से संस्थान देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. उक्त कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने हीरक जयन्ती भूमिगत पार्थ पथ का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया.

'युवा टेक्नोक्रेट्स से होकर गुजरती है आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना'

प्रो. डीपी सिंह, चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने सभी डिग्री प्राप्तकर्ताओं को अपनी हार्दिक बधाई दी और छात्रों से भारतीय लोकाचार का सही सार प्रस्तुत करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना भारत के युवा टेक्नोक्रेट्स से होकर गुजरती है. इसके बाद संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी ने कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए बताया कि संस्थान बुनियादी ढांचे के विकास में प्रमुख पहल के साथ-साथ शिक्षण एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता के शैक्षिक प्रयास में भी अग्रणी है.

union education minister ramesh pokhriyal nishank
केंद्रीय शिक्षा मंत्री.

निदेशक ने की पीएम मोदी और शिक्षा मंत्री की तारीफ

संस्थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में देश के दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' की दूरदर्शिता की सराहना की. उन्होंने कहा कि नवीन शिक्षा नीति के सहयोग से आत्मनिर्भर भारत जैसी महात्वकांक्षी योजनाओं से देश के पुनः निर्माण में बल मिलेगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को पूरा करने में तकनीकी संस्थान महत्वपूर्ण योगदान देकर अद्वितीय भूमिका निभाएंगे.

छात्रों को दी गई डिग्री

दीक्षान्त समारोह में 861 बीटेक, 304 एमटेक, 83 एमसीए, 39 एमबीए, 18 एमएससी और 92 पीएचडी छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों में डिग्री प्रदान की गई. इन डिग्री प्राप्त करने वाले स्नातकों में 82 विदेशी छात्र हैं, जिन्होंने डासा के माध्यम से संस्थान में प्रवेश प्राप्त किया था. इसके साथ ही संस्थान में भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद के माध्यम से प्रवेश प्राप्त 03 छात्रों को भी डिग्री प्रदान की गई है.

गरिमा गोयल को मिला इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल

दीक्षान्त समारोह में स्नातकोत्तर छात्रों को 30 स्वर्ण पदक, स्नातक छात्रों को 04 तथा 25 प्रायोजित स्वर्ण पदक विभिन्न कार्यक्रमों के श्रेष्ठ छात्रों को दिए गए. यह प्रायोजित पदक संकाय, पूर्व छात्रों एवं उद्योगों द्वारा प्रदान किए जाते हैं. इसी दौरान संस्थान में सभी ब्रान्च की टॉपर बीटेक इलेक्ट्रानिक्स एवं कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग की छात्रा गरिमा गोयल को इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल प्रदान किया गया. गरिमा गोयल को 5 गोल्ड मेडल दिए गए. तृतीय वर्ष के लिए अक्षत जैन (सिविल), द्वितीय वर्ष के लिए आर्यन मित्तल (सीएसई), प्रथम वर्ष क लिए अनुभव राजपूत (सीएसई) तथा दीपांश ठाकुर को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए.

छात्राओं को मिले 17 स्वर्ण पदक

कुल 1397 डिग्री प्राप्तकर्ताओं में से 248 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई तथा विभिन्न कार्यक्रमों के तहत 17 स्वर्ण पदक छात्राओं ने भी हासिल किए. उक्त कार्यक्रम में प्रो. आरके सिंह, अधिष्ठाता शैक्षणिक, डॉ. सर्वेश तिवारी, कुलसचिव और समस्त विभागाध्यक्ष, अधिष्ठाता एवं सिनेट सदस्य मौजूद थे. दीक्षान्त समारोह 2020 की अध्यक्षता चेयरमैन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स प्रोफेसर डीपी सिंह ने की.

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