प्रयागराज: संगम नगरी की 37 वर्ष पुरानी राम बारात इस बार कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नहीं निकाली गई. राम बरात कमेटी के अध्यक्ष कौशल कुशवाहा ने बताया कि नयापुरा करैली की राम बारात 37 वर्ष से निरंतर उसी जगह से उठती चली आ रही है. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को सजा धजा कर विधि विधान से पूजा अर्चना करके राम बारात निकाली जाती थी. राम बारात में आगे भगवान राम की सवारी पीछे उनके सेवक चलते थे. बारात करेली जीटीबी नगर रामलीला पार्क में पहुंच कर राम मंचन के बाद समाप्त की जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना का ग्रहण लगने से भक्तों पर मायूसी छा गई गई.
स्थानी पार्षद राजेश कुशवाहा ने बताया कि सदियों पुरानी राम बारात की परंपरा को वैश्विक महामारी के कारण जिला प्रशासन ने कोई आदेश जारी नहीं किया. कमेटी ने भी इस वर्ष रामबारात न निकालने का निर्णय लिया है. परंपरा सुचारू रूप से चलती रहे इसलिए कमेटी ने भव्य राम दरबार लगा कर पूजा अर्चना की. कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश का पालन किया गया. हनुमान विराज मंदिर के प्रांगण में रात को भव्य राम दरबार लगाया गया. कमेटी द्वारा प्रयागराज की महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी और एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज आराधना कुशवाहा के द्वारा भगवान की पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इस दौरान कलाकारों ने भगवान श्रीराम जी के अवलौकिक जीवन पर सुंदर कलात्मक झाकियां प्रस्तुत की. इसके बाद देर रात कार्यक्रम का समापन किया गया.