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प्रयागराज: राकेशधर त्रिपाठी आय से अधिक संपत्ति मामले में विवेचकों पर उठे सवाल - rakeshdhar tripathi case next hearing

पूर्व शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज मामले में विवेचकों की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं. राकेशधर त्रिपाठी पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज था. इस मामले में सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलएम स्पेशल कोर्ट ने विवेचकों की तरफ से विरोधाभाषी तथ्यों के सामने आने पर स्पष्टीकरण की मांग की है.

विवेचकों पर उठे सवाल
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Published : May 16, 2019, 3:06 PM IST

प्रयागराज: पूर्व शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुनवाई हुई. एमपी/एमएलएम स्पेशल कोर्ट ने विवेचकों की तरफ से विरोधाभाषी तथ्यों के सामने आने पर सभी से स्पष्टीकरण मांगा है.

विवेचकों से कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

  • पूर्व शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज मामले में विवेचकों की भूमिका पर हुए सवाल खड़े हो गए हैं.
  • राकेशधर त्रिपाठी पर दर्ज था आय से अधिक संपत्ति का मामला .
  • मामले में सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलएम स्पेशल कोर्ट ने विवेचकों की तरफ से विरोधाभाषी तथ्यों के सामने आने पर मांगा स्पष्टीकरण.
  • मामले के आरोप पत्र में पहले शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी पाए गए थे दोषी, लेकिन विवेचना में नहीं पाए गए दोषी
  • 6 जून को की जाएगी मामले की अगली सुनवाई
  • कोर्ट ने आदेश दिया है कि 6 जून को विवेचक कोर्ट में पेश हों

क्या है पूरा मामला

18 जून 2013 में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान के इंस्पेक्टर राम सुभगराम ने भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया था. जांच करने के बाद विवेचक इंस्पेक्टर ने तथ्यों के मिलने से उन्हें दोषी करार दिया. बाद में पहले विवेचक भारत रत्न के सेवानिवृत्त होने के मामले की जिम्मेदारी प्रकाश सिंह को दी. उन्होंने ने भी आरोप पत्र पुलिस अधीक्षक रामपाल गौतम के जरिए आगे भेजा. बाद में शिक्षा मंत्री कोर्ट में हाजिर हुए और जमानत अर्जी खारिज हो गई.

  • 18 जून 2017 को हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली
  • कोर्ट में आरोप तय करने के लिए सुनवाई चली.
  • मामले में लगातार कोर्ट से अनुमति लेकर विवेचकों ने कई आधार पर विवेचना शुरू की.
  • जांच के बाद विवेचक की 30 मार्च 2019 को कोर्ट में अंतिम पेशी थी
  • पेशी के बाद राकेशधर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला.

इस रिपोर्ट को लेकर एमपीए/एमएलएम के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने इंस्पेक्टर भारत रत्न वैष्ण ने, प्रकाश सिंह, राम पाल गौतम आदि मामले से जुड़े सभी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है.

प्रयागराज: पूर्व शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुनवाई हुई. एमपी/एमएलएम स्पेशल कोर्ट ने विवेचकों की तरफ से विरोधाभाषी तथ्यों के सामने आने पर सभी से स्पष्टीकरण मांगा है.

विवेचकों से कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

  • पूर्व शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज मामले में विवेचकों की भूमिका पर हुए सवाल खड़े हो गए हैं.
  • राकेशधर त्रिपाठी पर दर्ज था आय से अधिक संपत्ति का मामला .
  • मामले में सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलएम स्पेशल कोर्ट ने विवेचकों की तरफ से विरोधाभाषी तथ्यों के सामने आने पर मांगा स्पष्टीकरण.
  • मामले के आरोप पत्र में पहले शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी पाए गए थे दोषी, लेकिन विवेचना में नहीं पाए गए दोषी
  • 6 जून को की जाएगी मामले की अगली सुनवाई
  • कोर्ट ने आदेश दिया है कि 6 जून को विवेचक कोर्ट में पेश हों

क्या है पूरा मामला

18 जून 2013 में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान के इंस्पेक्टर राम सुभगराम ने भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया था. जांच करने के बाद विवेचक इंस्पेक्टर ने तथ्यों के मिलने से उन्हें दोषी करार दिया. बाद में पहले विवेचक भारत रत्न के सेवानिवृत्त होने के मामले की जिम्मेदारी प्रकाश सिंह को दी. उन्होंने ने भी आरोप पत्र पुलिस अधीक्षक रामपाल गौतम के जरिए आगे भेजा. बाद में शिक्षा मंत्री कोर्ट में हाजिर हुए और जमानत अर्जी खारिज हो गई.

  • 18 जून 2017 को हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली
  • कोर्ट में आरोप तय करने के लिए सुनवाई चली.
  • मामले में लगातार कोर्ट से अनुमति लेकर विवेचकों ने कई आधार पर विवेचना शुरू की.
  • जांच के बाद विवेचक की 30 मार्च 2019 को कोर्ट में अंतिम पेशी थी
  • पेशी के बाद राकेशधर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला.

इस रिपोर्ट को लेकर एमपीए/एमएलएम के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने इंस्पेक्टर भारत रत्न वैष्ण ने, प्रकाश सिंह, राम पाल गौतम आदि मामले से जुड़े सभी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है.

Intro: शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के मामले में विवेचकों से कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

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प्रयागराज: पूर्व शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में विवेचकों की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं. मामले में सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलएम स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने विवेचकों की तरफ से विरोधाभाषी तथ्यों के सामने आने पर उन सभी से स्पष्टीकरण मांगा है. मामले के आरोप पत्र में पहले शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी दोषी पाए गए थे, लेकिन विवेचना में वह दोषी नही मिले. मामले की अगली सुनवाई 6 जून को की जाएगी. इसके साथ ही कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि इस दिन विवेचक कोर्ट में पेश होंगे.


Body:यह था पूरा मामला

18 जून 2013 में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के इंस्पेक्टर राम सुभगराम ने मुट्ठीगंज थाने में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. मामले में इंस्पेक्टर भारत रत्न वैष्णने ने इस मामले में जांच शुरू की. मामले की जांच करने के बाद विवेचक इंस्पेक्टर ने तथ्यों के मिलने से उन्हें दोषी करार दिया था. इसके बाद मामले में पहले विवेचक भारत रत्न के सेवानिवृत्त होने के बाद इस मामले की जिम्मेदारी प्रकाश सिंह की दी गई. उन्होंने ने भी मामले का आरोप पत्र पुलिस अधीक्षक रामपाल गौतम के जरिए अग्रसारित किया. इसके बाद कोर्ट में शिक्षा मंत्री हाजिर हुए और जमानत अर्जी खारिज हो गई.


Conclusion:
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 18 जून 1017 को हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली और कोर्ट में आरोप तय करने के बिंदु पर सुनवाई चल रही है. मामले में लगातार कोर्ट से अनुमति लेकर विवेचक कई स्टेप पर विवेचना शुरू की. मामले में।जांच के बाद विवेचक ने 30 मार्च 2019 को कोर्ट में अंतिम आख्या प्रस्तुत किया कि राकेशधर के खिलाफ भरष्टाचार का अपराध निवारण नहीं मिला. इसी रिपोर्ट को लेकर एमपीए/एमएलएम के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने इंस्पेक्टर भारत रत्न वैष्णने, प्रकाश सिंह, राम पाल गौतम आदि मामले से जुड़े सभी अधिकारी से स्पष्टीकरण और तलब किया है.
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