प्रयागराज: पूर्व शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुनवाई हुई. एमपी/एमएलएम स्पेशल कोर्ट ने विवेचकों की तरफ से विरोधाभाषी तथ्यों के सामने आने पर सभी से स्पष्टीकरण मांगा है.
विवेचकों से कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण
- पूर्व शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज मामले में विवेचकों की भूमिका पर हुए सवाल खड़े हो गए हैं.
- राकेशधर त्रिपाठी पर दर्ज था आय से अधिक संपत्ति का मामला .
- मामले में सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलएम स्पेशल कोर्ट ने विवेचकों की तरफ से विरोधाभाषी तथ्यों के सामने आने पर मांगा स्पष्टीकरण.
- मामले के आरोप पत्र में पहले शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी पाए गए थे दोषी, लेकिन विवेचना में नहीं पाए गए दोषी
- 6 जून को की जाएगी मामले की अगली सुनवाई
- कोर्ट ने आदेश दिया है कि 6 जून को विवेचक कोर्ट में पेश हों
क्या है पूरा मामला
18 जून 2013 में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान के इंस्पेक्टर राम सुभगराम ने भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया था. जांच करने के बाद विवेचक इंस्पेक्टर ने तथ्यों के मिलने से उन्हें दोषी करार दिया. बाद में पहले विवेचक भारत रत्न के सेवानिवृत्त होने के मामले की जिम्मेदारी प्रकाश सिंह को दी. उन्होंने ने भी आरोप पत्र पुलिस अधीक्षक रामपाल गौतम के जरिए आगे भेजा. बाद में शिक्षा मंत्री कोर्ट में हाजिर हुए और जमानत अर्जी खारिज हो गई.
- 18 जून 2017 को हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली
- कोर्ट में आरोप तय करने के लिए सुनवाई चली.
- मामले में लगातार कोर्ट से अनुमति लेकर विवेचकों ने कई आधार पर विवेचना शुरू की.
- जांच के बाद विवेचक की 30 मार्च 2019 को कोर्ट में अंतिम पेशी थी
- पेशी के बाद राकेशधर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला.
इस रिपोर्ट को लेकर एमपीए/एमएलएम के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने इंस्पेक्टर भारत रत्न वैष्ण ने, प्रकाश सिंह, राम पाल गौतम आदि मामले से जुड़े सभी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है.