प्रयागराज: जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते और लॉकडाउन के उल्लंघन की वजह से 21 अप्रैल को शाहगंज थाने से 7 विदेशियों सहित 18 लोगों को जेल भेजा गया था. इस मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर समेत 9 लोगों की जमानत मंजूर कर ली गई है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के ऊपर जमातियों को पनाह देने और प्रशासन से छुपाने आरोप लगा है.
अपर जिला जज-10 वीर भद्र सिंह ने जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि और 8 आरोपियों के अधिवक्ता एस ए नसीम (गुड्डू) को और प्रोफेसर के वकील प्रमोद कुमार और रविन्द्र यादव को सुनकर सभी की जमानत स्वीकार कर ली है.
सभी 8 आरोपियों पर धारा 188, 269, 270, 271, 120 बी आईपीसी और 3 महामारी अधिनियम, धारा 14 बी, 14 सी फॉरेनर्स एक्ट में आरोप पत्र दाखिल हुआ और इन्ही धाराओं में जमानत स्वीकार हुई है. वहीं प्रोफेसर के विरुद्ध केवल 120 बी में आरोप पत्र दाखिल हुआ है.
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जिला अधिवक्ता एस. ए. नसीम ने अपनी बहस में कहा कि उनके मुवक्किलों के विरुद्ध फॉरेनर्स एक्ट नहीं लागू होता, क्योंकि सभी भारतीय नागरिक हैं. साथ ही न तो वो स्वयं संक्रमित थे और न ही उनके द्वारा किसी भी तरह से संक्रमण फैलाया गया. जिला जज ने अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद जमानत मंजूर करते हुए जेल से रिहा करने का आदेश दिया है.