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प्रयागराज: बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया को कंधा देने के लिए उमड़ा हुजूम

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मोहर्रम की दसवीं तारीख को बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया का जुलूस निकाला गया है. इस दौरान ताजिया को कंधा देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया का जुलूस निकाला गया .
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Published : Sep 11, 2019, 2:28 AM IST

प्रयागराज: मोहर्रम की दसवीं तारीख को मुस्लिम संप्रदाय के लोगों 'या अली या हुसैन' की मातम के बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया निकाला है. हकीकत के साथ मासूम अली असगर का झूला उठा तो कंधा देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. यह मातमी त्यौहार शहादत के उद्देश्य मनाया जाता है.

बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया का जुलूस निकाला गया .

बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया का जुलूस-

  • मोहर्रम की दसवीं तारीख को बड़ा ताजिया बुड्ढा ताजिया का जुलूस जैसे ही सड़कों पर निकला तो देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी.
  • सड़कों पर तिल रखने तक की जगह नहीं बची पूरा इलाका 'या हुसैन या अली' के नारों से गूंज उठा.
  • बुड्ढा ताजिया को कंधा देने की होड़ मची रही हर आदमी की यही ख्वाहिश थी कि किस तरह झूले के पास जाकर कंधा लगाएं.
  • बड़ा ताजिया इमामबाड़े पर जियारत को जायरीन उमड़े बड़ा ताजिया अकीदत और एहतराम के साथ इमामबाड़े से उठाया गया.
  • यह मातमी त्यौहार शहादत के उद्देश्य मनाया जाता है.
  • इसमें प्रयागराज की गंगा-जमुनी तहजीब को ध्यान में रखते हुए सभी धर्म के लोग इसमें शामिल होते हैं.
  • ये लोग हिंदुस्तान के अमन-चैन की दुआ करते हैं.

इसे भी पढ़ें-आजादी के पहले से प्रयागराज में चल रहा दाधिकांदो मेला, जानें इतिहास

प्रयागराज: मोहर्रम की दसवीं तारीख को मुस्लिम संप्रदाय के लोगों 'या अली या हुसैन' की मातम के बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया निकाला है. हकीकत के साथ मासूम अली असगर का झूला उठा तो कंधा देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. यह मातमी त्यौहार शहादत के उद्देश्य मनाया जाता है.

बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया का जुलूस निकाला गया .

बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया का जुलूस-

  • मोहर्रम की दसवीं तारीख को बड़ा ताजिया बुड्ढा ताजिया का जुलूस जैसे ही सड़कों पर निकला तो देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी.
  • सड़कों पर तिल रखने तक की जगह नहीं बची पूरा इलाका 'या हुसैन या अली' के नारों से गूंज उठा.
  • बुड्ढा ताजिया को कंधा देने की होड़ मची रही हर आदमी की यही ख्वाहिश थी कि किस तरह झूले के पास जाकर कंधा लगाएं.
  • बड़ा ताजिया इमामबाड़े पर जियारत को जायरीन उमड़े बड़ा ताजिया अकीदत और एहतराम के साथ इमामबाड़े से उठाया गया.
  • यह मातमी त्यौहार शहादत के उद्देश्य मनाया जाता है.
  • इसमें प्रयागराज की गंगा-जमुनी तहजीब को ध्यान में रखते हुए सभी धर्म के लोग इसमें शामिल होते हैं.
  • ये लोग हिंदुस्तान के अमन-चैन की दुआ करते हैं.

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बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया को कंधा देने उमड़ा हुजूम गूंजी या अली हुसैन की सदाएं

मोहर्रम की दसवीं तारीख को मुस्लिम संप्रदाय के लोगों या अली या हुसैन की मातम के बड़ा ताजिया और बुड्ढा ताजिया निकाला गया हकीकत के साथ मासूम अली असगर का झूला उठा तो देखने वाली की भीड़ देखने लायक थी कहां से बड़ा ताजिया बुड्ढा ताजिया झूले को कंधा देने के लिए का हुजूम उमड़ पड़ा


Body: मोहर्रम की दसवीं तारीख को बड़ा ताजिया बुड्ढा ताजिया का जुलूस जैसे ही सड़कों पर निकला देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी सड़कों पर तिल रखने तक की जगह नहीं बची पूरा इलाका या हुसैन या अली के नारों से गूंज उठा बता दिया अब बुड्ढा ताजिया को कंधा देने की होड़ मची रही हर आदमी की यही ख्वाहिश थी कि किस तरह के झूले के पास जाकर कंधा लगाएं बड़ा ताजिया इमामबाड़े पर जियारत को जायरीन उमड़े बड़ा ताजिया अकीदत और एहतराम के साथ इमामबाड़े से उठाया गया वाह कमेटी को लोगों का कहना था कि कि हमारा यह मातमी त्यौहार शहादत के उद्देश्य मनाया जाता है जिसमें प्रयागराज की गंगा जमुनी तहजीब को ध्यान में रखते हुए सभी धर्म के लोग इसमें शामिल होते हैं और हिंदुस्तान के अमन-चैन की दुआ करते हैं

बाइट --- अबरार
बाइट --- गुफरान


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