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प्रयागराज: जेल में कैदियों से नहीं मिल सकेंगे परिजन, फोन से करेंगे बात - कैदियों से नहीं मिलेंगे परिजन

यूपी के प्रयागराज स्थित नैनी सेंट्रल जेल में कोरोना का असर न दिखे इसके लिए कड़े इंतजाम किये गए हैं. कोरोना के चलते अब कैदियों से उनके परिजन नहीं मिल सकेंगें. अब कैदी अपने घर वाले से फोन के माध्यम से बात कर सकेंगे.

जेल में कैदियों से नहीं मिल सकेंगे परिजन
जेल में कैदियों से नहीं मिल सकेंगे परिजन
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Published : Mar 28, 2020, 6:56 PM IST

प्रयागराज: कोरोना का कहर भारत में तेजी से फैल रहा है. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई निर्देश दिए जा रहें है. देश के हर जिले में लॉकडाउन का असर देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में नैनी सेंट्रल जेल में कोरोना का असर न दिखे इसके लिए कड़े इंतजाम किये गए हैं. अब कैदी अपने घर वाले से फोन के माध्यम से बात कर सकेंगे.

कैदियों से मुलाकात पर पूरी तरह से बैन कर दिया गया
नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक एचबी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि नैनी जेल में अब कैदियों से मुलाकात पर पूरी तरह से बैन कर दिया गया है. एक कैदी अपने घर वाले से 3 बार से लेकर 4 बार तक बात कर सकेंगे. कैदियों के बात करने का समय निर्धारित भी किया गया है.


कैदियों के लिए बने सोशल डिस्टेंस का नियम
जिस तरह से यूपी में कोरोना का कहर जारी है, उसको ध्यान में रखते हुए नैनी सेंट्रल जेल में सारी सुविधाएं की गई है. कैदियों के हाथों को सुबह से लेकर शाम तक कई बार सेनेटाइज किया जाता है. इसके साथ ही महत्वपूर्ण स्थिति में कैदियों से मिलने आने वाले लोगों का बाहर गेट पर हाथ सेनिटाइज किया जाता है. कैदियों में कोरोना का कहर न फैले इसका पूरा ध्यान जेल प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है.

आइसोलेशन वार्ड किया है तैयार
कारागार के अंदर बने आइसोलेशन वार्ड में इलाज किया जाता है. अभी तक जेल के अंदर एक भी ऐसा केस देखने को नहीं मिला है. इसके बावजूद जेल प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. कारागार में दो मेडिकल अफसर, एक सुपीरियर मेडिकल अफसर, परामर्शदाता, तीन फार्मेसिस्ट और लैब तकनीशियन से लेकर लैब असिस्टेंट की तैनाती की गई है.

एक सफ्ताह में चार बार कैदी घर मे कर सकेंगे बात
लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए जेल के अंदर मुलाकातियों पर रोक लगा दी गई है. परिवारों से बंदियों की बात कराने की व्यवस्था लागू की गई है. एक हफ्ते में बंदी अपने परिवार के रजिस्टर्ड नंबर के माध्यम से एक सफ्ताह में चार दिन बात कर सकेंगे. एक बार बात करने की सीमा पांच मिनट निर्धारित की गई है.

कोरोना जैसे लक्षण अगर किसी भी कैदी में दिखते हैं तो उसे तत्काल कारागार के अंदर बने अस्पताल में शिफ्ट किया जाता है. एक कैदी अपने घर वाले से 3 बार से लेकर 4 बार तक बात कर सकेंगे.
-एचबी सिंह, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

प्रयागराज: कोरोना का कहर भारत में तेजी से फैल रहा है. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई निर्देश दिए जा रहें है. देश के हर जिले में लॉकडाउन का असर देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में नैनी सेंट्रल जेल में कोरोना का असर न दिखे इसके लिए कड़े इंतजाम किये गए हैं. अब कैदी अपने घर वाले से फोन के माध्यम से बात कर सकेंगे.

कैदियों से मुलाकात पर पूरी तरह से बैन कर दिया गया
नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक एचबी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि नैनी जेल में अब कैदियों से मुलाकात पर पूरी तरह से बैन कर दिया गया है. एक कैदी अपने घर वाले से 3 बार से लेकर 4 बार तक बात कर सकेंगे. कैदियों के बात करने का समय निर्धारित भी किया गया है.


कैदियों के लिए बने सोशल डिस्टेंस का नियम
जिस तरह से यूपी में कोरोना का कहर जारी है, उसको ध्यान में रखते हुए नैनी सेंट्रल जेल में सारी सुविधाएं की गई है. कैदियों के हाथों को सुबह से लेकर शाम तक कई बार सेनेटाइज किया जाता है. इसके साथ ही महत्वपूर्ण स्थिति में कैदियों से मिलने आने वाले लोगों का बाहर गेट पर हाथ सेनिटाइज किया जाता है. कैदियों में कोरोना का कहर न फैले इसका पूरा ध्यान जेल प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है.

आइसोलेशन वार्ड किया है तैयार
कारागार के अंदर बने आइसोलेशन वार्ड में इलाज किया जाता है. अभी तक जेल के अंदर एक भी ऐसा केस देखने को नहीं मिला है. इसके बावजूद जेल प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. कारागार में दो मेडिकल अफसर, एक सुपीरियर मेडिकल अफसर, परामर्शदाता, तीन फार्मेसिस्ट और लैब तकनीशियन से लेकर लैब असिस्टेंट की तैनाती की गई है.

एक सफ्ताह में चार बार कैदी घर मे कर सकेंगे बात
लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए जेल के अंदर मुलाकातियों पर रोक लगा दी गई है. परिवारों से बंदियों की बात कराने की व्यवस्था लागू की गई है. एक हफ्ते में बंदी अपने परिवार के रजिस्टर्ड नंबर के माध्यम से एक सफ्ताह में चार दिन बात कर सकेंगे. एक बार बात करने की सीमा पांच मिनट निर्धारित की गई है.

कोरोना जैसे लक्षण अगर किसी भी कैदी में दिखते हैं तो उसे तत्काल कारागार के अंदर बने अस्पताल में शिफ्ट किया जाता है. एक कैदी अपने घर वाले से 3 बार से लेकर 4 बार तक बात कर सकेंगे.
-एचबी सिंह, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

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