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नकली नेहरू बनकर मकान हड़पने की थी तैयारी, हाईकोर्ट ने भेजा जेल

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Published : Mar 24, 2021, 10:05 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने कोर्ट में हाजिर नकली अजय यशवंत नेहरू को गिरफ्तार करवा कर नैनी जेल भेज दिया है. इसके साथ ही उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का निर्देश भी दिया है.

नकली नेहरू बनकर मकान हड़पने की थी तैयारी, कोर्ट ने भेजा जेल
नकली नेहरू बनकर मकान हड़पने की थी तैयारी, कोर्ट ने भेजा जेल

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने कोर्ट में हाजिर नकली अजय यशवंत नेहरू को गिरफ्तार करवा कर जेल भेज दिया है. इसके साथ ही उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का निर्देश भी दिया है. ये शख्स अपने के प्रयागराज के 52/38 मकान का मालिक बता रहा था. कोर्ट ने जिलाधिकारी और एसएसपी को इस मकान को सील करने का आदेश भी दिया है.

असली नेहरू के वारिस को 7 अप्रैल को हाजिर होने का निर्देश

जानकारी के मुताबिक दो साल पहले लंदन में मर चुके अजय यशवंत नेहरू की जमीन हड़पने की नीयत से उनके नाम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी. जानमाल की रक्षा की गुहार लगाई गयी. नोटिस जारी होने पर विपक्षियों ने कहा नेहरू जिंदा ही नहीं हैं. इस पर याची अधिवक्ताओं ने कहा बीमार हैं. सतना के अस्पताल मे भर्ती हैं. कोर्ट ने पुलिस सुरक्षा मे उन्हें पेश करने का आदेश दिया. जो व्यक्ति अदालत मे पेश हुआ, विपक्षी ने दावा किया कि वो नेहरू नहीं, बल्कि गौहनिया का प्रेम चंद साहू है. इस पर कोर्ट ने दोनों को हाजिर करने का एसएसपी को निर्देश दिया. उधर सतना के जिला जज के मार्फत प्रेम नर्सिंग होम सतना की सीसीटीवी फुटेज और जांच रिपोर्ट मगा ली. जमीन की पूरी जानकारी के साथ एडीएम नजूल और नगर निगम के अधिकारी भी साथ आये.

हाजिर नेहरू से कोर्ट ने पूछताछ की तो याची ने बताया कि वो 30×90 वर्गमीटर जमीन का मालिक है. लेकिन ये नहीं बता सका कि जमीन उसे कैसे मिली. कोर्ट में हाजिर नेहरू अनपढ़ है, और असली नेहरू उच्च शिक्षा प्राप्त थे. नेहरू के बारे मे बताया गया कि वो प्रेम नर्सिंग होम सतना में भर्ती थे. सीसीटीवी फुटेज और फोटोग्राफ में वो नहीं वहां कोई और भर्ती था. कोर्ट में मौजूद और अस्पताल मे भर्ती व्यक्ति अलग थे. याची ने फर्जी दस्तावेज दाखिल किये और स्वयं को नेहरू बताया. कोर्ट को झासा दिया और न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग किया. जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया और नकली नेहरू को गिरफ्तार कराकर जेल भेज दिया. जिसे कल मजिस्ट्रेट की अदालत मे पेश किया जायेगा. कोर्ट ने महानिबंधक को इसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है. झूठा साक्ष्य देने, पहचान छिपाकर कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग करने का केस चलेगा.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने कोर्ट में हाजिर नकली अजय यशवंत नेहरू को गिरफ्तार करवा कर जेल भेज दिया है. इसके साथ ही उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का निर्देश भी दिया है. ये शख्स अपने के प्रयागराज के 52/38 मकान का मालिक बता रहा था. कोर्ट ने जिलाधिकारी और एसएसपी को इस मकान को सील करने का आदेश भी दिया है.

असली नेहरू के वारिस को 7 अप्रैल को हाजिर होने का निर्देश

जानकारी के मुताबिक दो साल पहले लंदन में मर चुके अजय यशवंत नेहरू की जमीन हड़पने की नीयत से उनके नाम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी. जानमाल की रक्षा की गुहार लगाई गयी. नोटिस जारी होने पर विपक्षियों ने कहा नेहरू जिंदा ही नहीं हैं. इस पर याची अधिवक्ताओं ने कहा बीमार हैं. सतना के अस्पताल मे भर्ती हैं. कोर्ट ने पुलिस सुरक्षा मे उन्हें पेश करने का आदेश दिया. जो व्यक्ति अदालत मे पेश हुआ, विपक्षी ने दावा किया कि वो नेहरू नहीं, बल्कि गौहनिया का प्रेम चंद साहू है. इस पर कोर्ट ने दोनों को हाजिर करने का एसएसपी को निर्देश दिया. उधर सतना के जिला जज के मार्फत प्रेम नर्सिंग होम सतना की सीसीटीवी फुटेज और जांच रिपोर्ट मगा ली. जमीन की पूरी जानकारी के साथ एडीएम नजूल और नगर निगम के अधिकारी भी साथ आये.

हाजिर नेहरू से कोर्ट ने पूछताछ की तो याची ने बताया कि वो 30×90 वर्गमीटर जमीन का मालिक है. लेकिन ये नहीं बता सका कि जमीन उसे कैसे मिली. कोर्ट में हाजिर नेहरू अनपढ़ है, और असली नेहरू उच्च शिक्षा प्राप्त थे. नेहरू के बारे मे बताया गया कि वो प्रेम नर्सिंग होम सतना में भर्ती थे. सीसीटीवी फुटेज और फोटोग्राफ में वो नहीं वहां कोई और भर्ती था. कोर्ट में मौजूद और अस्पताल मे भर्ती व्यक्ति अलग थे. याची ने फर्जी दस्तावेज दाखिल किये और स्वयं को नेहरू बताया. कोर्ट को झासा दिया और न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग किया. जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया और नकली नेहरू को गिरफ्तार कराकर जेल भेज दिया. जिसे कल मजिस्ट्रेट की अदालत मे पेश किया जायेगा. कोर्ट ने महानिबंधक को इसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है. झूठा साक्ष्य देने, पहचान छिपाकर कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग करने का केस चलेगा.

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