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पुलिस की मददगार बनी C-Plan App, अपराधियों तक ऐसी पहुंचती है खाकी - prayagraj police used c plan app

प्रयागराज पुलिस ‘सी-प्लान’ ऐप के जरिए अपराध पर लगाम लगाएगी. सी प्लान ऐप की मदद से छिपकर रहने वाले अपराधियों और अवैध शराब के कारोबार की जानकारी जुटाई जा रही है.

प्रयागराज पुलिस का सी ऐप प्लान
प्रयागराज पुलिस का सी ऐप प्लान
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Published : Aug 28, 2021, 3:18 PM IST

प्रयागराज: पुलिस अपराध को काबू करने के लिए डिजिटल तरीके अपना रही है. पुलिस सरकार द्वारा लांच किए गए सी प्लान C-Plan ऐप की मदद से अपराधियों तक पहुंच रही है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी जुटा रही है. सी प्लान ऐप की मदद से छिपकर रहने वाले अपराधियों के साथ ही अवैध शराब और नशे के अन्य कारोबार की जानकारी जुटाने में मदद मिलती है.


प्रयागराज पुलिस सी प्लान ऐप में शहर से लेकर दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में सभ्रांत और बुद्धजीवी लोगों को इस ऐप की मदद से अपने साथ जोड़ चुकी है. इस ऐप में नाम जोड़ने से पहले संबंधित व्यक्ति का चरित्र सत्यापन करने के बाद ही उसका नाम नंबर जोड़ा जाता है. इस ऐप में जुड़ने वाले का नाम पता मोबाइल नंबर के साथ ही उसकी डिटेल रहती है, जिसके जरिए पुलिस अधिकारी दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में हुई घटनाओं के बारे में भी संबंधित गांव के लोगों से सीधे संपर्क करके उसकी जानकारी हासिल कर लेते हैं, जिससे कई बार घटनाओं की सत्यता सीधे अफसरों तक पहुंच जाती है. ऐप को डाउनलोड करने के बाद उसे चालू करने के लिए उसमें पुलिस का सीयूजी नंबर डालना पड़ता है. उसी नंबर पर भेजे गए वेरिफिकेशन कोड को डालने के बाद ही कोई व्यक्ति इस ऐप को इस्तेमाल कर सकता है. ऐप चालू होने के बाद उसमें जुड़े लोग अपने इलाके की समस्याओं सूचनाओं की न सिर्फ जानकारी दे सकते हैं, बल्कि फोटो वीडियो भी अपलोड कर सकते हैं.


सी प्लान ऐप पर सूबे के मुखिया और पुलिस प्रमुख भी जुड़े हुए हैं. सी प्लान के जरिए किसी घटना की सूचना या प्रदेश के किसी भी गांव के लोगों से सीधे मुख्यमंत्री और डीजीपी स्तर के अधिकारी भी ऐप में दिए गए मोबाइल नम्बर के जरिये संपर्क कर सकते हैं. इस तकनीक के जरिये जनता के बीच से सीधे सरकार व अफसरों के कार्यों के बारे में फीडबैक भी लिया जा सकता है. इसके लिए अफसरों को किसी नंबर को तलाशने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि ऐप में दर्ज मोबाइल नंबर के जरिये सीधे दूर दराज के ग्रामीण इलाकों तक के लोगों से सीधे संपर्क किया जा सकता है.

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इस ऐसे में जुड़े अलग-अलग इलाकों के लोगों का व्हाट्सअप ग्रुप भी बनाया जाता है, जिसमें ये लोग अपने इलाके की सूचनाएं व जानकारी अपडेट करते हैं. इसके साथ ही ये लोग इलाके में होने वाली संदिग्ध व अन्य आपत्तिजनक गतिविधियों की सूचना पुलिस तक पहुंचाते हैं. इस तरह के ग्रुप थाने से लेकर सीओ स्तर तक बनाये जाते हैं, जिसके जरिये कई बार पुलिस को सही समय घटनाओं की जानकारी व सत्यता पता चल जाती है, जिससे जिले में न सिर्फ अपराध पर अंकुश लगता है, बल्कि कई बार अपराध करने वाले अपराधी भी सही सूचना मिलने पर पुलिस की गिरफ्त में आ जाते हैं.

इसे भी पढ़ें-फ़िरोज़ाबाद में पसरा मौत का फीवर : 25 से ज्यादा लोगों की मौत, डीएम ने की 15 की पुष्टि


इस ऐप में जुड़ने वाले लोगों को पुलिस अधिकारियों के मोबाइल और व्हाट्सएप नंबर भी दिए जाते हैं, जिसके जरिये इसमें जुड़े लोग अपने इलाके में कानून व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं को सीधे अफसरों तक पहुंचा सकते हैं, जिसका अधिकारी अपने स्तर से जांच पड़ताल करवाकर निस्तारण करवाते हैं. इस ऐप में समस्या की जानकारी देने के साथ ही संबंधित समस्त से जुड़े फोटो वीडियो भेजने की भी सुविधा है.

प्रयागराज: पुलिस अपराध को काबू करने के लिए डिजिटल तरीके अपना रही है. पुलिस सरकार द्वारा लांच किए गए सी प्लान C-Plan ऐप की मदद से अपराधियों तक पहुंच रही है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी जुटा रही है. सी प्लान ऐप की मदद से छिपकर रहने वाले अपराधियों के साथ ही अवैध शराब और नशे के अन्य कारोबार की जानकारी जुटाने में मदद मिलती है.


प्रयागराज पुलिस सी प्लान ऐप में शहर से लेकर दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में सभ्रांत और बुद्धजीवी लोगों को इस ऐप की मदद से अपने साथ जोड़ चुकी है. इस ऐप में नाम जोड़ने से पहले संबंधित व्यक्ति का चरित्र सत्यापन करने के बाद ही उसका नाम नंबर जोड़ा जाता है. इस ऐप में जुड़ने वाले का नाम पता मोबाइल नंबर के साथ ही उसकी डिटेल रहती है, जिसके जरिए पुलिस अधिकारी दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में हुई घटनाओं के बारे में भी संबंधित गांव के लोगों से सीधे संपर्क करके उसकी जानकारी हासिल कर लेते हैं, जिससे कई बार घटनाओं की सत्यता सीधे अफसरों तक पहुंच जाती है. ऐप को डाउनलोड करने के बाद उसे चालू करने के लिए उसमें पुलिस का सीयूजी नंबर डालना पड़ता है. उसी नंबर पर भेजे गए वेरिफिकेशन कोड को डालने के बाद ही कोई व्यक्ति इस ऐप को इस्तेमाल कर सकता है. ऐप चालू होने के बाद उसमें जुड़े लोग अपने इलाके की समस्याओं सूचनाओं की न सिर्फ जानकारी दे सकते हैं, बल्कि फोटो वीडियो भी अपलोड कर सकते हैं.


सी प्लान ऐप पर सूबे के मुखिया और पुलिस प्रमुख भी जुड़े हुए हैं. सी प्लान के जरिए किसी घटना की सूचना या प्रदेश के किसी भी गांव के लोगों से सीधे मुख्यमंत्री और डीजीपी स्तर के अधिकारी भी ऐप में दिए गए मोबाइल नम्बर के जरिये संपर्क कर सकते हैं. इस तकनीक के जरिये जनता के बीच से सीधे सरकार व अफसरों के कार्यों के बारे में फीडबैक भी लिया जा सकता है. इसके लिए अफसरों को किसी नंबर को तलाशने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि ऐप में दर्ज मोबाइल नंबर के जरिये सीधे दूर दराज के ग्रामीण इलाकों तक के लोगों से सीधे संपर्क किया जा सकता है.

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इस ऐसे में जुड़े अलग-अलग इलाकों के लोगों का व्हाट्सअप ग्रुप भी बनाया जाता है, जिसमें ये लोग अपने इलाके की सूचनाएं व जानकारी अपडेट करते हैं. इसके साथ ही ये लोग इलाके में होने वाली संदिग्ध व अन्य आपत्तिजनक गतिविधियों की सूचना पुलिस तक पहुंचाते हैं. इस तरह के ग्रुप थाने से लेकर सीओ स्तर तक बनाये जाते हैं, जिसके जरिये कई बार पुलिस को सही समय घटनाओं की जानकारी व सत्यता पता चल जाती है, जिससे जिले में न सिर्फ अपराध पर अंकुश लगता है, बल्कि कई बार अपराध करने वाले अपराधी भी सही सूचना मिलने पर पुलिस की गिरफ्त में आ जाते हैं.

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इस ऐप में जुड़ने वाले लोगों को पुलिस अधिकारियों के मोबाइल और व्हाट्सएप नंबर भी दिए जाते हैं, जिसके जरिये इसमें जुड़े लोग अपने इलाके में कानून व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं को सीधे अफसरों तक पहुंचा सकते हैं, जिसका अधिकारी अपने स्तर से जांच पड़ताल करवाकर निस्तारण करवाते हैं. इस ऐप में समस्या की जानकारी देने के साथ ही संबंधित समस्त से जुड़े फोटो वीडियो भेजने की भी सुविधा है.

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