प्रयागराजः साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले जमुई और जामताड़ा गैंग के एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है. यह कार्रवाई एक महिला की शिकायत पर हुई है. पिछले दिनों एक महिला ने 10 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी की शिकायत की थी, जिसके साइबर पुलिस ने बिहार प्रांत के जमुई जिला के रहने वाले एक ठग को गिरफ्तार किया है.
महिला ने मामले की जानकारी देते बताया कि ठगों ने उनसे ओटोपी पूछकर खाते से 10 लाख रुपये साफ कर दिए. महिला की शिकायत के बाद साइबर क्राइम पुलिस ठगों को पकड़ने में जुट गई, जहां पुलिस ने बिहार प्रांत के जमुई जिला के रहने वाले एक ठग को गिरफ्तार किया.
साइबर पुलिस ने बताया कि यह गिरोह 50 की संख्या में चैन बनाकर काम करते हैं. इनका पूरा गिरोह बिहार के जिला जमुई और झारखंड के जिला जामताड़ा और साहिबगंज में है, जो साइबर क्राइम का संगठित अपराध करता है.
पकड़े गए ठग ने बताया कि उनका गिरोह अन्य राज्यों के लोगों से संपर्क कर उनका मोबाइल नंबर, बैंक खाते की जानकारी निकालते हैं. वहीं उनकी जानकारी को हैक करके उनका मोबाइल नंबर अपडेट कराने के नाम पर एटीएम कार्ड, डेबिट क्रेडिट कार्ड की वैलिडिटी बढ़ाने के बारे में बताते हैं. इसी दौरान गोपनीय जानकारी जैसे ओटीपी मैसेज, सिम स्वैप, कंप्यूटर और मोबाइल हैक कर लेते हैं. इस बीच लोगों को भरोसा दिलाते हुए ऑनलाइन ठगी करते हैं.
ठग के मुताबिक जिला जमुई और जामताड़ा झारखंड में 15 से 20 सक्रिय गैंग है, जिनके लगभग हर बैंकों में खाते हैं. इस शातिर अपराधी ने बताया कि हमारे गैंग के सदस्य तकनीकी में माहिर हैं. इसमें आईटी से जुड़े छात्र भी हैं. ऑनलाइन बैंकिंग द्वारा अलग-अलग खातों में पैसा लगातार भेजते रहते हैं. इन सक्रिय सदस्यों को पर्सेंट के हिसाब से पैसा दिया जाता है.
आरोपी के मुताबिक एटीएम के माध्यम से पैसे की निकासी की जाती है. कुछ पैसा नक्सली टीम को भेजा जाता है. पकड़ा गया आरोपी रूपेश सिंह जमुई बिहार का रहने वाला है. पुलिस महानिरीक्षक केपी सिंह ने बताया कि इतने बड़े गिरोह का सदस्य पकड़े जाने से साइबर क्राइम की कुछ घटनाओं में कमी आएगी.