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रेलवे की विभागीय इंजीनियरिंग परीक्षा के परिणाम पर रोक, कैट ने रेलवे से मांगा जवाब

उत्तर प्रदेश के केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (Prayagraj Central Administrative Tribunal) ने रेलवे की विभागीय जूनियर इंजीनियर परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी है. साथ ही इस मामले में रेलवे से 6 सप्ताह में जवाब तलब किया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2023, 10:01 PM IST

प्रयागराज: केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) ने रेलवे की विभागीय जूनियर इंजीनियर परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही कैट ने परिणाम के आधार पर किसी को भी पोस्टिंग आदेश जारी नहीं करने का निर्देश दिया है. कैट ने इस मामले में रेलवे से 6 सप्ताह में जवाब तलब किया है.

बता दें कि रेलवे के विभागीय परीक्षा में शामिल दर्जनों अभ्यर्थियों ने 6 दिसंबर 2023 को जारी परिणाम को कैट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी. अभ्यर्थियों के अधिवक्ता राकेश कुमार दीक्षित ने बताया कि परीक्षा का आयोजन गलत तरीके से किया गया था. परीक्षा के आयोजन में रेलवे भर्ती बोर्ड के मानकों का पालन नहीं किया गया. इसके साथ ही प्रोन्नति परीक्षा 110 प्रश्नों की थी, जिसमें से 100 प्रश्न करने थे. जहां मूल्यांकन के समय प्रश्न संख्या एक और 90 को जांच की परिधि से बाहर कर दिया गया. अंतिम उत्तर कुंजी में प्रश्न संख्या 7 का उत्तर भी भ्रामक है. इस पूरे मामले को लेकर याचिका दाखिल की थी.

अधिवक्ता राकेश कुमार दीक्षित ने कहा कि इससे अभ्यर्थियों के अधिकार का हनन हुआ है. इस मामले को गंभीरत से लेते हुए कैट ने 6 दिसंबर 2023 को जारी परिणाम के तहत किसी को भी पोस्टिंग आर्डर जारी करने पर रोक लगाते हुए रेलवे से जवाब तलब किया है.

प्रयागराज: केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) ने रेलवे की विभागीय जूनियर इंजीनियर परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही कैट ने परिणाम के आधार पर किसी को भी पोस्टिंग आदेश जारी नहीं करने का निर्देश दिया है. कैट ने इस मामले में रेलवे से 6 सप्ताह में जवाब तलब किया है.

बता दें कि रेलवे के विभागीय परीक्षा में शामिल दर्जनों अभ्यर्थियों ने 6 दिसंबर 2023 को जारी परिणाम को कैट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी. अभ्यर्थियों के अधिवक्ता राकेश कुमार दीक्षित ने बताया कि परीक्षा का आयोजन गलत तरीके से किया गया था. परीक्षा के आयोजन में रेलवे भर्ती बोर्ड के मानकों का पालन नहीं किया गया. इसके साथ ही प्रोन्नति परीक्षा 110 प्रश्नों की थी, जिसमें से 100 प्रश्न करने थे. जहां मूल्यांकन के समय प्रश्न संख्या एक और 90 को जांच की परिधि से बाहर कर दिया गया. अंतिम उत्तर कुंजी में प्रश्न संख्या 7 का उत्तर भी भ्रामक है. इस पूरे मामले को लेकर याचिका दाखिल की थी.

अधिवक्ता राकेश कुमार दीक्षित ने कहा कि इससे अभ्यर्थियों के अधिकार का हनन हुआ है. इस मामले को गंभीरत से लेते हुए कैट ने 6 दिसंबर 2023 को जारी परिणाम के तहत किसी को भी पोस्टिंग आर्डर जारी करने पर रोक लगाते हुए रेलवे से जवाब तलब किया है.

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