प्रयागराज: संगम नगरी में 15 जनवरी से शुरू होने वाले धर्म और आस्था के सबसे बड़े माघ मेले की शुरुआत हो जाएगी. 2024 के माघ मेले को 2025 में लगने वाले कुम्भ मेले का रिहर्सल माना जा रहा है. इसको लेकर अन्य विभागों की तरह बिजली विभाग भी अपनी तैयारियां कर रहा है. पूरे माघ मेला क्षेत्र में रोशनी से जगमगाने के लिए 340 किलोमीटर से ज्यादा लंबे तार बिजली के खंभों पर लगाये जाएंगे. इसके जरिए पूरा माघ मेला क्षेत्र रात के समय रोशनी से जगमगाता रहेगा. माघ मेले में तारों के जाल को बिछाने के लिए खम्भे गाड़ने के साथ ही उन पर तारों का जाल बिछाने का काम तेजी से किया जा रहा है. इसी के साथ मेला क्षेत्र में चौराहों पर हाईमास्ट और शिविरों में कैम्प कनेक्शन करने के लिए भी पूरी तैयारियां कर ली गयी हैं.
माघ मेला 2024 को प्रदेश सरकार कुम्भ 2025 के रिहर्सल के रूप में मानकर चल रही है. इसको लेकर मेला क्षेत्र में सभी विभाग की तरफ से तैयारियां की जा रही हैं. इसी कड़ी में माघ मेला को रात में भी दिन जैसी रोशनी से रोशन करने वाले बिजली विभाग की तैयारियां तेज गति से पूरी की जा रही हैं. माघ मेला 2024 का पहला स्नान पर्व 15 जनवरी को पड़ेगा. सभी विभाग अपने कार्यों को पूरा करने में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में बिजली विभाग की तरफ से भी खम्भे लगाकर तारों का जाल बिछाने के साथ ही स्ट्रीट लाइट्स लगाने का काम कर रहे हैं. जैसे-जैसे मेला क्षेत्र में शिविर लगाए जाएंगे, वैसे-वैसे ही कैम्प कनेक्शन का कार्य भी किया जाएगा.
बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि पूरे मेला क्षेत्र में 340 किलोमीटर लंबी एलटी लाइन बिछायी जा रही है. इसी के साथ मेला क्षेत्र में बेगैर किसी बाधा के बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 21 सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं. जिसके जरिए पूरे मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे को रोशनी से जगमग किया जाएगा. इसके अलावा मेला क्षेत्र में के साथ ही सड़कों चौराहों और पांटून पुलों और गाटा मार्गो पर रोशनी करने के लिए 18 हजार स्ट्रीट लाइट्स लगायी जाएंगी. इसके अलावा मेला क्षेत्र में आने वाले साधु, संतों, कल्पवासियों और संस्थाओं के शिविरों में रोशनी करने के लिए 65 हजार कैम्प कनेक्शन किया जाएगा.
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पहली बार मेला सोलर हाइब्रिड लाइट्स का होगा इस्तेमाल: माघ मेला क्षेत्र में लगायी जाने वाली स्ट्रीट लाइट्स में पहली बार सोलर हाइब्रिड लाइट्स का इस्तेमाल किया जाएगा.ये स्ट्रीट ऐसी होंगी, जो रोशनी से चार्ज होकर जलेंगी और अगर मौसम या किसी अन्य गड़बड़ी की वजह से वो चार्ज नहीं हो सकेंगी, तो बिजली से जलेंगी. इस तरह की सोलर हाइब्रिड लाइट्स का इस्तेमाल इस मेले में किया जाएगा और इसका परिणाम देखकर 2025 के कुम्भ मेले का इसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा.फिलहाल, इस माघ मेले में इन लाइट्स का इस्तेमाल माघ मेला के चौराहों और पांटून पुलों पर इस साल ट्रायल करने की तैयारी है.
ट्रांसफॉर्मर पर एमसीसी स्टार्टर: यही नहीं इस बार के माघ मेले में बिजली विभाग ट्रांफॉर्मर पर परंपरागत तरीके से लगने वाले फ्यूज के साथ ही आधुनिक एमसीसी स्टार्टर लगाए जाएंगे.जिससे किसी भी क्षेत्र में आने वाली तकनीकी खराबी का आसानी से पता चल जाएगा. स्टार्टर लगे हुए एमसीसी की मदद से तत्काल खराबी का पता लगाकर, उसे सुधार लिया जाएगा. जिससे अभी तक फाल्ट तलाशने में लगने वाले समय की बचत होगी. इस तकनीक का इस्तेमाल भी माघ मेला में पहली बार किया जाने वाला है, जिससे बिजली से जुड़ी समस्याएं कम होंगी.
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