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शादी कराने वाली फर्जी वेबसाइट का खुलासा, पुलिस ने अनोखे ढंग से की छापेमारी

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में पुलिस ने शादी कराने वाली फर्जा वेबसाइट का खुलासा किया है. पुलिस ने वेबसाइट के ऑफिस में छापेमारी कर कई दस्तावेज, कम्प्यूटर और लैपटॉप आदि बरामद किया है. पुलिस ने ऑफिस से 7 महिलाकर्मियों से भी पूछताछ की है. फिलहाल इस पूरे गिरोह के मास्टरमाइंड वीरेंद्र कुमार की तलाश में पुलिस जुटी हुई है.

फर्जी वेबसाइट का खुलासा
फर्जी वेबसाइट का खुलासा
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Published : Dec 7, 2020, 9:15 AM IST

प्रयागराज: पुलिस ने फर्जी तरीके से चलाई जा रही एक मेट्रोमोनियल साइट का खुलासा किया है. महिला थाने की पुलिस टीम ने शादी कराने वाली फर्जी वेबसाइट के दफ्तर पर छापा मारा. पुलिस टीम मैट्रिमोनी लाइफ पार्टनर नाम की इस वेबसाइट के दफ्तर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की. इसके बाद ऑफिस के लैपटॉप और कम्प्यूटर को कब्जे में लेकर दफ्तर को सील कर दिया गया. साथ ही पुलिस टीम ने ऑफिस में काम करने वाली सात महिलाकर्मियों से भी पूछताछ की.

जानकारी देते एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह.

पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि इस कंपनी को वीरेंद्र कुमार नामक व्यक्ति चला रहा है, जो छत्तीसगढ़ का रहने वाला है. फिलहाल पुलिस फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों को ठगने वाले मास्टरमाइंड वीरेंद्र कुमार की तलाश में जुट गई है. इसके साथ ही पुलिस इस गिरोह में शामिल लोगों का भी पता लगा रही है.

महिला पुलिस ने किया खुलासा

अफसरों के निर्देश पर महिला थाने की इंस्पेक्टर अपनी एक महिला सिपाही को लेकर शादी कराने वाली इस वेबसाइट के ऑफिस पहुंची. यहां महिला सिपाही को अपनी बेटी बताकर उसके लिए एक अच्छे रिश्ते की डिटेल्स और फोटो मांगी. इसके बाद साइट में रजिस्ट्रेशन के नाम पर उनसे 6 हजार रुपये लिए गए. रजिस्ट्रेशन के बाद पुलिस टीम को उनकी पसंद के मुताबिक लड़के वालों का संपर्क नंबर दिया गया. इस नंबर पर शुरुआती बातचीत के बाद लड़के की तरफ से शादी से इंकार करते हुए नंबर को बंद कर दिया गया.

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मैट्रिमोनी लाइफ पार्टनर नाम से हो रहा था वेबसाइट का संचालन.

चोरी की फोटो पर चलाते थे वेबसाइट

पुलिस को जांच में यह जानकारी मिली कि मैट्रिमोनी लाइफ पार्टनर नाम की यह वेबसाइट शादी के दूसरे वेबसाइट से लड़के-लड़कियों की फोटो और डिटेल्स चोरी कर अपनी साइट पर अपलोड करती थी. इससे इस साइट के झांसे में आकर लोग अपने लड़के-लड़कियों के लिए अच्छे रिश्ते की तलाश में हजारों रुपये देकर रजिस्ट्रेशन करवा लेते थे.

लोगों को कैसे देते थे धोखा

मैट्रिमोनी लाइफ पार्टनर वेबसाइट पर जो भी लोग अच्छे वर-वधु की तलाश में रजिस्ट्रेशन करवाते थे. उन्हें डिटेल्स के साथ जो संपर्क नंबर दिया जाता था, वह उनके गैंग के मेंबर का रहता था. ये लोग लड़के-लड़की वाले बनकर कुछ दिन बातचीत करने के बाद नापसंद होने की बात कहकर फोन काट देते थे. वहीं एक रिश्ते से इंकार होने पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले जब दूसरे रिश्ते के लिए डिटेल्स मांगते तो ऑफिस की तरफ से अतिरिक्त पैसों की मांग कर लोगों को टाल दिया जाता था. एक परिवार को अपना शिकार बनाने के बाद ये फर्जी वेबसाइट दोबारा उनका रजिस्ट्रेशन नहीं करती थी.

पूरी तैयारी के साथ की छापेमारी

छापेमारी के दौरान महिला थाने की टीम और इलाके की पुलिस के साथ ही साइबर सेल के एक्सपर्ट भी टीम में शामिल थे. पुलिस ने छापेमारी कर मैट्रिमोनी लाइफ पार्टनर के दफ्तर में मिले कम्प्यूटर, लैपटॉप के साथ ही दूसरे दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया है. इसके साथ ही पुलिस ने इस फर्जी साइट के दफ्तर को सील कर दिया है. छापेमारी के दौरान वहां काम करने वाली 7 महिला कर्मचारी दफ्तर में मिलीं. पुलिस की टीम ने एक-एक कर सभी महिलाकर्मियों से की पूछताछ की. इस दौरान सभी महिलाकर्मियों ने फर्जीवाड़े की जानकरी होने से इंकार किया है.

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महिला कर्मियों से पुलिस ने की पूछताछ.

इस दफ्तर में काम करने वाली सभी सात महिलाकर्मियों को मात्र 5 से 6 हजार रुपये में नौकरी दी गयी थी. काम करने वाली सभी महिला कर्मचारी बेहद गरीब घरों से जुड़ी हुई हैं. इस दौरान पुलिस की पड़ताल में काम करने वाली किसी भी कर्मचारी ने कंपनी के मालिक से मुलाकात न होने की जानकारी दी है. इन कर्मचारियों के मुताबिक इस दफ्तर का सारा काम ऑनलाइन होता था और प्रोफाइल में फोटो और डिटेल्स भी मालिकों के द्वारा ही अपडेट किया जाता था.

इस गिरोह को पकड़ने के लिए महिला थाने की टीम ने योजना बनाकर काम किया. इसके तहत महिला इंस्पेक्टर में से एक ने मां तो एक कांस्टेबल ने बेटी का रोल किया. दोनों ने मां-बेटी बनकर इस तरह का किरदार निभाया कि फर्जी साइट चलाने वालों को उनके इस नाटक की भनक तक नहीं लगी और वह पुलिस टीम के इस नाटक में फंस गए और महिला पुलिस टीम को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई.

प्रयागराज: पुलिस ने फर्जी तरीके से चलाई जा रही एक मेट्रोमोनियल साइट का खुलासा किया है. महिला थाने की पुलिस टीम ने शादी कराने वाली फर्जी वेबसाइट के दफ्तर पर छापा मारा. पुलिस टीम मैट्रिमोनी लाइफ पार्टनर नाम की इस वेबसाइट के दफ्तर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की. इसके बाद ऑफिस के लैपटॉप और कम्प्यूटर को कब्जे में लेकर दफ्तर को सील कर दिया गया. साथ ही पुलिस टीम ने ऑफिस में काम करने वाली सात महिलाकर्मियों से भी पूछताछ की.

जानकारी देते एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह.

पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि इस कंपनी को वीरेंद्र कुमार नामक व्यक्ति चला रहा है, जो छत्तीसगढ़ का रहने वाला है. फिलहाल पुलिस फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों को ठगने वाले मास्टरमाइंड वीरेंद्र कुमार की तलाश में जुट गई है. इसके साथ ही पुलिस इस गिरोह में शामिल लोगों का भी पता लगा रही है.

महिला पुलिस ने किया खुलासा

अफसरों के निर्देश पर महिला थाने की इंस्पेक्टर अपनी एक महिला सिपाही को लेकर शादी कराने वाली इस वेबसाइट के ऑफिस पहुंची. यहां महिला सिपाही को अपनी बेटी बताकर उसके लिए एक अच्छे रिश्ते की डिटेल्स और फोटो मांगी. इसके बाद साइट में रजिस्ट्रेशन के नाम पर उनसे 6 हजार रुपये लिए गए. रजिस्ट्रेशन के बाद पुलिस टीम को उनकी पसंद के मुताबिक लड़के वालों का संपर्क नंबर दिया गया. इस नंबर पर शुरुआती बातचीत के बाद लड़के की तरफ से शादी से इंकार करते हुए नंबर को बंद कर दिया गया.

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मैट्रिमोनी लाइफ पार्टनर नाम से हो रहा था वेबसाइट का संचालन.

चोरी की फोटो पर चलाते थे वेबसाइट

पुलिस को जांच में यह जानकारी मिली कि मैट्रिमोनी लाइफ पार्टनर नाम की यह वेबसाइट शादी के दूसरे वेबसाइट से लड़के-लड़कियों की फोटो और डिटेल्स चोरी कर अपनी साइट पर अपलोड करती थी. इससे इस साइट के झांसे में आकर लोग अपने लड़के-लड़कियों के लिए अच्छे रिश्ते की तलाश में हजारों रुपये देकर रजिस्ट्रेशन करवा लेते थे.

लोगों को कैसे देते थे धोखा

मैट्रिमोनी लाइफ पार्टनर वेबसाइट पर जो भी लोग अच्छे वर-वधु की तलाश में रजिस्ट्रेशन करवाते थे. उन्हें डिटेल्स के साथ जो संपर्क नंबर दिया जाता था, वह उनके गैंग के मेंबर का रहता था. ये लोग लड़के-लड़की वाले बनकर कुछ दिन बातचीत करने के बाद नापसंद होने की बात कहकर फोन काट देते थे. वहीं एक रिश्ते से इंकार होने पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले जब दूसरे रिश्ते के लिए डिटेल्स मांगते तो ऑफिस की तरफ से अतिरिक्त पैसों की मांग कर लोगों को टाल दिया जाता था. एक परिवार को अपना शिकार बनाने के बाद ये फर्जी वेबसाइट दोबारा उनका रजिस्ट्रेशन नहीं करती थी.

पूरी तैयारी के साथ की छापेमारी

छापेमारी के दौरान महिला थाने की टीम और इलाके की पुलिस के साथ ही साइबर सेल के एक्सपर्ट भी टीम में शामिल थे. पुलिस ने छापेमारी कर मैट्रिमोनी लाइफ पार्टनर के दफ्तर में मिले कम्प्यूटर, लैपटॉप के साथ ही दूसरे दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया है. इसके साथ ही पुलिस ने इस फर्जी साइट के दफ्तर को सील कर दिया है. छापेमारी के दौरान वहां काम करने वाली 7 महिला कर्मचारी दफ्तर में मिलीं. पुलिस की टीम ने एक-एक कर सभी महिलाकर्मियों से की पूछताछ की. इस दौरान सभी महिलाकर्मियों ने फर्जीवाड़े की जानकरी होने से इंकार किया है.

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महिला कर्मियों से पुलिस ने की पूछताछ.

इस दफ्तर में काम करने वाली सभी सात महिलाकर्मियों को मात्र 5 से 6 हजार रुपये में नौकरी दी गयी थी. काम करने वाली सभी महिला कर्मचारी बेहद गरीब घरों से जुड़ी हुई हैं. इस दौरान पुलिस की पड़ताल में काम करने वाली किसी भी कर्मचारी ने कंपनी के मालिक से मुलाकात न होने की जानकारी दी है. इन कर्मचारियों के मुताबिक इस दफ्तर का सारा काम ऑनलाइन होता था और प्रोफाइल में फोटो और डिटेल्स भी मालिकों के द्वारा ही अपडेट किया जाता था.

इस गिरोह को पकड़ने के लिए महिला थाने की टीम ने योजना बनाकर काम किया. इसके तहत महिला इंस्पेक्टर में से एक ने मां तो एक कांस्टेबल ने बेटी का रोल किया. दोनों ने मां-बेटी बनकर इस तरह का किरदार निभाया कि फर्जी साइट चलाने वालों को उनके इस नाटक की भनक तक नहीं लगी और वह पुलिस टीम के इस नाटक में फंस गए और महिला पुलिस टीम को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई.

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