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नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट : मैं सम्मान से जिया, अपमान से नहीं जी पाऊंगा इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के पास से पुलिस को सुसाइड नोट बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में जो लिखा है, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस अभी मामले की हर पहलू से जांच कर रही है.

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Published : Sep 20, 2021, 9:04 PM IST

Updated : Sep 20, 2021, 11:04 PM IST

नरेंद्र गिरि
नरेंद्र गिरि

प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी. उनके निधन के बाद महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच हुए विवाद की याद भी ताजा हो गयी. दरअसल, पुलिस के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ. सुसाइड नोट 6-7 पन्नों का बताया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक इस सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि के बारे में जिक्र है, जिसमें लिखा है -

'मैं सम्मान से जिया, अपमान से नहीं जी पाऊंगा इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं'

महंत नरेंद्र गिरि ने जिस कमरे में सुसाइड किया था, वह अंदर से बंद था. लोगों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर जब अंदर का दृश्य देखा तो हर कोई सन्न रह गया. नरेंद्र गिरि का शव फंदे से झूल रहा था.

जानकारी देते एडीजी लॉ एंड ऑर्डर

आनन-फानन में पुलिस को मामले की जानकारी दी गयी. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों से पूछताछ शुरू कर दी. इस दौरान पुलिस ने जानकारी दी कि नरेंद्र गिरि के पास से 6-7 पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में यह लिखा है कि अपमान से नहीं जी पाऊंगा इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं. वहीं सूत्रों के मुताबिक सुसाइड नोट में संदीप तिवारी और उनके पिता आद्या तिवारी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का जिक्र है. आद्या तिवारी हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी हैं.

मठ बाघम्बरी गद्दी के अंदर से रिपोर्ट

6-7 पन्नों का सुसाइड नोट मिलना कई सवाल खड़े करता है. वहीं नरेंद्र गिरि के शिष्यों का यह भी कहना है कि वह आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते. शिष्यों का यह भी कहना है कि जो शख्स हमेशा दूसरों का हौसला अफजाई करता रहा, वह खुद आत्महत्या कैसे कर सकता है. वहीं शिष्य यह सवाल भी उठाते हैं कि उम्र के इस पड़ाव पर नरेंद्र गिरि ऐसा कदम नहीं उठा सकते. शिष्यों ने उनकी मौत की सीबीआई जांच की भी मांग की है.

शिष्यों की प्रतिक्रिया

सुसाइड नोट में कई और शिष्यों के भी नाम होने की बात कही जा रही है. कुछ शिष्यों का ख्याल रखे जाने की भी बात कही गयी है. पुलिस फिलहाल सुसाइड नोट की जांच कर रही है. अभी सुसाइड नोट की लेखनी की भी जांच होगी कि यह लिखावट नरेंद्र गिरि की ही है या फिर किसी और की. जब तक पुलिस की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक साफ तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है.

नरेंद्र गिरि के शव का मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा है कि नरेंद्र गिरि के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. बाबा रामदेव ने भी कहा है कि नरेंद्र गिरि के मौत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

उच्चस्तरीय जांच की मांग

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र नाथ शास्त्री ने कहा कि उनके अध्यक्ष सुसाइड नहीं कर सकते हैं. उन्होंने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

इसे भी पढ़ें - महंत नरेंद्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन, हिरासत में शिष्य आनंद गिरि

प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी. उनके निधन के बाद महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच हुए विवाद की याद भी ताजा हो गयी. दरअसल, पुलिस के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ. सुसाइड नोट 6-7 पन्नों का बताया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक इस सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि के बारे में जिक्र है, जिसमें लिखा है -

'मैं सम्मान से जिया, अपमान से नहीं जी पाऊंगा इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं'

महंत नरेंद्र गिरि ने जिस कमरे में सुसाइड किया था, वह अंदर से बंद था. लोगों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर जब अंदर का दृश्य देखा तो हर कोई सन्न रह गया. नरेंद्र गिरि का शव फंदे से झूल रहा था.

जानकारी देते एडीजी लॉ एंड ऑर्डर

आनन-फानन में पुलिस को मामले की जानकारी दी गयी. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों से पूछताछ शुरू कर दी. इस दौरान पुलिस ने जानकारी दी कि नरेंद्र गिरि के पास से 6-7 पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में यह लिखा है कि अपमान से नहीं जी पाऊंगा इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं. वहीं सूत्रों के मुताबिक सुसाइड नोट में संदीप तिवारी और उनके पिता आद्या तिवारी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का जिक्र है. आद्या तिवारी हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी हैं.

मठ बाघम्बरी गद्दी के अंदर से रिपोर्ट

6-7 पन्नों का सुसाइड नोट मिलना कई सवाल खड़े करता है. वहीं नरेंद्र गिरि के शिष्यों का यह भी कहना है कि वह आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते. शिष्यों का यह भी कहना है कि जो शख्स हमेशा दूसरों का हौसला अफजाई करता रहा, वह खुद आत्महत्या कैसे कर सकता है. वहीं शिष्य यह सवाल भी उठाते हैं कि उम्र के इस पड़ाव पर नरेंद्र गिरि ऐसा कदम नहीं उठा सकते. शिष्यों ने उनकी मौत की सीबीआई जांच की भी मांग की है.

शिष्यों की प्रतिक्रिया

सुसाइड नोट में कई और शिष्यों के भी नाम होने की बात कही जा रही है. कुछ शिष्यों का ख्याल रखे जाने की भी बात कही गयी है. पुलिस फिलहाल सुसाइड नोट की जांच कर रही है. अभी सुसाइड नोट की लेखनी की भी जांच होगी कि यह लिखावट नरेंद्र गिरि की ही है या फिर किसी और की. जब तक पुलिस की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक साफ तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है.

नरेंद्र गिरि के शव का मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा है कि नरेंद्र गिरि के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. बाबा रामदेव ने भी कहा है कि नरेंद्र गिरि के मौत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

उच्चस्तरीय जांच की मांग

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र नाथ शास्त्री ने कहा कि उनके अध्यक्ष सुसाइड नहीं कर सकते हैं. उन्होंने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

इसे भी पढ़ें - महंत नरेंद्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन, हिरासत में शिष्य आनंद गिरि

Last Updated : Sep 20, 2021, 11:04 PM IST
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