प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 4 अभ्यर्थियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. सहायक सांख्यिकी अधिकारी के पदों की भर्ती में इन अभ्यर्थियों पर पीजीडीसीए का फर्जी सर्टिफिकेट लगाने का आरोप है. आयोग के अनुभाग अधिकारी एसपी सिंह की तहरीर पर दो महिला व दो पुरुष अभ्यर्थियों के खिलाफ 420 समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है.
जाली दस्तावेज लगाने पर फंसे चार अभ्यर्थी
दरअसल, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जुलाई 2020 में सहायक सांख्यिकी अधिकारी के पद पर चयन के लिए आवेदन करने वाले योग्य अभ्यर्थियों से योग्यता संबंधी दस्तावेज जमा करने को कहा था. जिसके बाद भर्ती से जुड़ी योग्यता रखने वाले 650 अभ्यर्थियों ने ऑफलाइन सर्टिफिकेट जमा किए.अभ्यर्थियों द्वारा जमा किये गए दस्तावेजों का आयोग द्वारा सत्यापन किया जा रहा था तो कुछ अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली. पूरे मामले की जांच पड़ताल के दौरान यह बात सामने आयी कि 4 अभ्यर्थियों ने पीजीडीसीए का फर्जी सर्टिफिकेट जमा किया है. जिसके बाद आयोग की तरफ से इन सर्टिफिकेट से महामाया टेक्निकल यूनिवर्सिटी गौतमबुद्ध नगर के पास सत्यापन करने के लिए भेजा गया.
जाली साबित हुए सर्टिफिकेट
महामाया टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोग की तरफ से भेजे गए दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान पाया गया कि चारों अभ्यर्थियों द्वारा पीजीडीसीए के जिस प्रमाण पत्र को लगाया गया है. उसे यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी ही नहीं किया गया है. चारों अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट यूनिवर्सिटी के सत्यापन में जाली पाये जाने की रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग की तरफ से कूटरचित तरीके से फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हासिल करने का प्रयास करने वाले चारों अभ्यर्थियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की गयी.
यूपी लोकसेवा आयोग के अफसर की तहरीर पर केस दर्ज
यूपी लोकसेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी एसपी सिंह की तरफ से सिविल लाइंस थाने में चारों अभ्यर्थियों के खिलाफ तहरीर दी गयी. पुलिस को दी गयी तहरीर में बताया गया कि चार अभ्यर्थियों ने पीजीडीसीए के जाली सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाने का प्रयास किया है.आयोग की तरफ से दी गयी तहरीर में इन अभ्यर्थियों पर यह भी आरोप लगाया गया कि इन लोगों ने जानबूझकर गलत तरीके से नौकरी हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज तैयार कर उसे सर्टिफिकेट के रूप में आयोग में जमा किया गया है.आयोग के अफसर की तरफ से दी गयी तहरीर पर अजय कुमार गौतम और कुमार गौरव के साथ ही अलका सिंह व कल्पना चौधरी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया है.
जाली दस्तावेज बनाने वाले गिरोह से जुड़े होने की आशंका
इसके साथ ही एफआईआर में यह भी मांग की गई है कि इन सभी अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए इन फर्जी दस्तावेज कहाँ से मिले हैं इसकी विस्तार से जांच की जाए. जिससे यह पता चल सके कि इन लोगों ने जाली दस्तावेजों को कहां से और कैसे तैयार कर हासिल किया है. इनके साथ ही इस तरह के दस्तावेज लगाकर और कितने लोगों ने नौकरी हासिल की है, इसका भी पता लगाया जाए.साथ ही यह भी पता लगाया जाए कि इनके साथ जाली दस्तावेज बनाने वाला कोई गिरोह तो कार्य नहीं कर रहा है.जिसके द्वारा जाली दस्तावेज तैयार करके दिया जाता हो. आयोग की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर सिविल लाइंस थाने में चारों अभ्यर्थियों के खिलाफ 406,420, 465, 468 और 471 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
यूपी लोक सेवा आयोग ने चार अभ्यर्थियों पर दर्ज करवायी एफआईआर - चार अभ्यर्थियों पर दर्ज करवायी एफआईआर
जाली दस्तावेज लगा कर नौकरी हासिल करने के मामले में चार अभ्यर्थियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह एफआईआर यूपी लोक सेवा आयोग के एक अधिकारी की तहरीर पर दर्ज की गई है. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में अजय कुमार गौतम और कुमार गौरव के साथ ही अलका सिंह व कल्पना चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 4 अभ्यर्थियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. सहायक सांख्यिकी अधिकारी के पदों की भर्ती में इन अभ्यर्थियों पर पीजीडीसीए का फर्जी सर्टिफिकेट लगाने का आरोप है. आयोग के अनुभाग अधिकारी एसपी सिंह की तहरीर पर दो महिला व दो पुरुष अभ्यर्थियों के खिलाफ 420 समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है.
जाली दस्तावेज लगाने पर फंसे चार अभ्यर्थी
दरअसल, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जुलाई 2020 में सहायक सांख्यिकी अधिकारी के पद पर चयन के लिए आवेदन करने वाले योग्य अभ्यर्थियों से योग्यता संबंधी दस्तावेज जमा करने को कहा था. जिसके बाद भर्ती से जुड़ी योग्यता रखने वाले 650 अभ्यर्थियों ने ऑफलाइन सर्टिफिकेट जमा किए.अभ्यर्थियों द्वारा जमा किये गए दस्तावेजों का आयोग द्वारा सत्यापन किया जा रहा था तो कुछ अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली. पूरे मामले की जांच पड़ताल के दौरान यह बात सामने आयी कि 4 अभ्यर्थियों ने पीजीडीसीए का फर्जी सर्टिफिकेट जमा किया है. जिसके बाद आयोग की तरफ से इन सर्टिफिकेट से महामाया टेक्निकल यूनिवर्सिटी गौतमबुद्ध नगर के पास सत्यापन करने के लिए भेजा गया.
जाली साबित हुए सर्टिफिकेट
महामाया टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोग की तरफ से भेजे गए दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान पाया गया कि चारों अभ्यर्थियों द्वारा पीजीडीसीए के जिस प्रमाण पत्र को लगाया गया है. उसे यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी ही नहीं किया गया है. चारों अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट यूनिवर्सिटी के सत्यापन में जाली पाये जाने की रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग की तरफ से कूटरचित तरीके से फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हासिल करने का प्रयास करने वाले चारों अभ्यर्थियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की गयी.
यूपी लोकसेवा आयोग के अफसर की तहरीर पर केस दर्ज
यूपी लोकसेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी एसपी सिंह की तरफ से सिविल लाइंस थाने में चारों अभ्यर्थियों के खिलाफ तहरीर दी गयी. पुलिस को दी गयी तहरीर में बताया गया कि चार अभ्यर्थियों ने पीजीडीसीए के जाली सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाने का प्रयास किया है.आयोग की तरफ से दी गयी तहरीर में इन अभ्यर्थियों पर यह भी आरोप लगाया गया कि इन लोगों ने जानबूझकर गलत तरीके से नौकरी हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज तैयार कर उसे सर्टिफिकेट के रूप में आयोग में जमा किया गया है.आयोग के अफसर की तरफ से दी गयी तहरीर पर अजय कुमार गौतम और कुमार गौरव के साथ ही अलका सिंह व कल्पना चौधरी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया है.
जाली दस्तावेज बनाने वाले गिरोह से जुड़े होने की आशंका
इसके साथ ही एफआईआर में यह भी मांग की गई है कि इन सभी अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए इन फर्जी दस्तावेज कहाँ से मिले हैं इसकी विस्तार से जांच की जाए. जिससे यह पता चल सके कि इन लोगों ने जाली दस्तावेजों को कहां से और कैसे तैयार कर हासिल किया है. इनके साथ ही इस तरह के दस्तावेज लगाकर और कितने लोगों ने नौकरी हासिल की है, इसका भी पता लगाया जाए.साथ ही यह भी पता लगाया जाए कि इनके साथ जाली दस्तावेज बनाने वाला कोई गिरोह तो कार्य नहीं कर रहा है.जिसके द्वारा जाली दस्तावेज तैयार करके दिया जाता हो. आयोग की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर सिविल लाइंस थाने में चारों अभ्यर्थियों के खिलाफ 406,420, 465, 468 और 471 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.