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मुकुल गोयल को प्रदेश का पुलिस महानिदेशक नियुक्त करने के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल हुई जनहित याचिका

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को प्रदेश का पुलिस महानिदेशक नियुक्त करने के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका दाखिल की गई है. इस जनहित याचिका के जरिये उनकी नियुक्ति की वैधानिकता को चुनौती दी गई है.

हाईकोर्ट में दाखिल हुई जनहित याचिका
हाईकोर्ट में दाखिल हुई जनहित याचिका
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Published : Aug 5, 2021, 9:39 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करके वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को प्रदेश का पुलिस महानिदेशक नियुक्त करने की वैधानिकता को चुनौती दी गई है. यह जनहित याचिका अविनाश प्रकाश पाठक ने दाखिल की है. इस याचिका में कहा गया है कि वर्तमान पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल पर वर्ष 2005 में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे थे. जिसको लेकर उनके विरुद्ध अभियोग भी पंजीकृत किया गया था.

याची अविनाश प्रकाश पाठक ने अपनी याचिका में बताया कि मुकुल गोयल के विरुद्ध लखनऊ के महानगर थाने में अभियोग भी पंजीकृत हुआ था. वर्ष 2007 में तत्कालीन राज्य सरकार के आदेश से उस समय के डीजीपी विक्रम सिंह ने प्रकरण की जांच भ्रष्टाचार निवारण संस्थान को सौंपी थी. याची ने मामले की शिकायत वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रेषित की थी. जिस पर 23 फरवरी 2018 को गृह मंत्रालय में आईपीएस सेक्शन सचिव मुकेश साहनी ने भ्रष्टाचार की जांच के लिए उत्तर प्रदेश के तत्कालीन प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखा था और निर्देशित किया था कि भ्रष्टाचार की जांच कर शिकायतकर्ता अविनाश पाठक को कृत कार्रवाई से अवगत कराएं. साथ ही गृह मंत्रालय को भी उसकी सूचना दें.

लगातार पत्राचार के बावजूद उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई और वर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त रहे मुकुल गोयल को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्त किया गया जो अवैधानिक है. इस कारण उसे मजबूर होकर जनहित याचिका दाखिल करना पड़ा.

इसे भी पढ़ें- तीन अभियुक्तों को सीबीआई कोर्ट ने भेजा न्यायिक हिरासत में, फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का लोन लेने का है आरोप

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करके वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को प्रदेश का पुलिस महानिदेशक नियुक्त करने की वैधानिकता को चुनौती दी गई है. यह जनहित याचिका अविनाश प्रकाश पाठक ने दाखिल की है. इस याचिका में कहा गया है कि वर्तमान पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल पर वर्ष 2005 में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे थे. जिसको लेकर उनके विरुद्ध अभियोग भी पंजीकृत किया गया था.

याची अविनाश प्रकाश पाठक ने अपनी याचिका में बताया कि मुकुल गोयल के विरुद्ध लखनऊ के महानगर थाने में अभियोग भी पंजीकृत हुआ था. वर्ष 2007 में तत्कालीन राज्य सरकार के आदेश से उस समय के डीजीपी विक्रम सिंह ने प्रकरण की जांच भ्रष्टाचार निवारण संस्थान को सौंपी थी. याची ने मामले की शिकायत वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रेषित की थी. जिस पर 23 फरवरी 2018 को गृह मंत्रालय में आईपीएस सेक्शन सचिव मुकेश साहनी ने भ्रष्टाचार की जांच के लिए उत्तर प्रदेश के तत्कालीन प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखा था और निर्देशित किया था कि भ्रष्टाचार की जांच कर शिकायतकर्ता अविनाश पाठक को कृत कार्रवाई से अवगत कराएं. साथ ही गृह मंत्रालय को भी उसकी सूचना दें.

लगातार पत्राचार के बावजूद उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई और वर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त रहे मुकुल गोयल को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्त किया गया जो अवैधानिक है. इस कारण उसे मजबूर होकर जनहित याचिका दाखिल करना पड़ा.

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