प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जवाहर नवोदय विद्यालय दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ के हिंदी अध्यापक को राहत देने से इंकार कर दिया है. बर्खास्तगी आदेश को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है. छात्रा का सेक्सुअल उत्पीड़न करने के आरोप में नवोदय विद्यालय समिति नोएडा के कमिश्नर ने याची अध्यापक को बर्खास्त कर दिया है.यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की खंडपीठ ने कमलेश कुमार मिश्र की याचिका पर दिया है.
नवोदय विद्यालय समिति की तरफ से अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी का कहना था कि विद्यालय की 14लडकियों ने उनके साथ भी याची अध्यापक द्वारा छेड़छाड़ करने का बयान दिया है. संक्षिप्त जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्त किया गया है.बर्खास्तगी आदेश को कैट प्रयागराज में याचिका दाखिल कर चुनौती दी और कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों पर सी सी एस रूल्स लागू होता है. बिना जांच प्रक्रिया अपनाये की गई बर्खास्तगी अवैध है.
इसके जवाब में समिति की तरफ से कहा गया कि रूल 95में छात्रा के सेक्स उत्पीड़न मामले में तीन माह का वेतन देकर सेवा समाप्त की जा सकती है. कैट ने याचिका खारिज कर दी. जिस पर यह याचिका दायर की गई थी. याची के खिलाफ जवाहर नवोदय विद्यालय तूफानगंज कूचविहार पश्चिम बंगाल में कार्यरत रहने के दौरान छात्रा के सेक्स उत्पीड़न की कार्यवाही की गयी. संक्षिप्त विचारण में दोषी करार देते हुए सेवा समाप्ति आदेश दिया गया. याची का कहना था कि उसकी पत्नी के साथ प्रधानाचार्य के छेड़छाड़ की शिकायत करने के कारण उसे झूठे केस गढ़कर फंसाया गया है. लड़कियों का फर्जी बयान लिया गया है.
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