प्रयागराज: राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य दिवस सप्ताह मनाया जा रहा है. जिससे मानसिक अवसाद के चलते लोग आत्महत्या ना करें और इसे मानसिक बीमारी समझकर गलत दवाइयों का प्रयोग न करें. इसके तहत प्रदेश भर में रैली गोष्ठी और काउंसलिंग के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी के तहत शनिवार को प्रयागराज में मानव श्रृंखला आयोजित की गई. जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अलावा पैरामेडिकल से जुड़े छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया.
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10 अक्टूबर को मनाया जाता है राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस
इस अवसर पर मौजूद लोगों को मस्तिष्क संबंधी बीमारियों और इसके चलते आने वाली आत्महत्या जैसी प्रवृत्तियों को नियंत्रण करने के बारे में बताया गया. मानव श्रृंखला में शामिल छात्र-छात्राओं और चिकित्सकों को हरे रंग का बैच लगाकर उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की जानकारी दी गई. बता दें कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाता है. उसके परिपेक्ष में 7 अक्टूबर से लेकर 13 अक्टूबर तक प्रयागराज में मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.
दिव्यागं लोगों को दिये गये प्रमाणपत्र
इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम, गोष्ठी और कैंप आयोजित किए गए. जिसमें प्रयागराज के करछना और बहरिया विकास खंड में दो बड़े कैंपों का आयोजन किया गया. इसमें मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों का इलाज कर उनके प्रमाण पत्र भी जारी किये गये. विकासखंड करछना में 20 और बहरिया में 71 दिव्यांग जनों को प्रमाण पत्र जारी किये गये.
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मानव श्रृंखला में शामिल मुख्य चिकित्सा अधिकारी गिरजा शंकर बाजपेयी ने बताया कि आज मानव श्रृंखला के माध्यम से लोगों को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की सलाह दी जा रही है. इसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह कैसे स्वस्थ रह सकते हैं. इसका उद्देश्य यह है कि अगर हम इस माध्यम से ऐसी भी जिंदगी बचा रहे हैं जो किसी न किसी कारण से आत्महत्या की ओर बढ़ रहे हैं.