प्रयागराज: जिले में अप्रैल महीने के दौरान जहां कोरोना से सैंकड़ो लोगों की जान गयी. वहीं दसूरी तरफ इससे कई गुना ज्यादा लोगों की जान अचानक से बीमार होने की वजह से गयी है. तेज बुखार व डायरिया, हार्ट अटैक जैसे कारणों से भी लोगों की मौत में इजाफा हुआ है. लेकिन इन दिनों हुई ज्यादातर मौतों पर कोरोना का साया छाया हुआ था, जिस वजह से मुस्किल भरे इस दौर में महामारी की ऐसी दहशत है कि लोग अपनो के अंतिम समय मे अर्थी को भी कंधा देने से परहेज कर रहे हैं, जिस वजह से श्मसान घाट तक अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की संख्या में अचानक से कमी आ गयी है.
कोरोना का कहर, चार कंधे की जगह अब चार पहिये पर अर्थी - कोरोना से मौत
कोरोना के इस दौर में लोगों की मौत के बाद उन्हें चार कंधे भी नसीब नहीं हो रहे हैं. प्रयागराज में महामारी की ऐसी दहशत है कि लोग अर्थी को भी कंधा देने से भी कतरा रहे हैं. यही वजह है कि कई बार लोग परिवार के दो तीन सदस्यों के साथ एम्बुलेंस से शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए घाट तक जा रहे हैं.
प्रयागराज: जिले में अप्रैल महीने के दौरान जहां कोरोना से सैंकड़ो लोगों की जान गयी. वहीं दसूरी तरफ इससे कई गुना ज्यादा लोगों की जान अचानक से बीमार होने की वजह से गयी है. तेज बुखार व डायरिया, हार्ट अटैक जैसे कारणों से भी लोगों की मौत में इजाफा हुआ है. लेकिन इन दिनों हुई ज्यादातर मौतों पर कोरोना का साया छाया हुआ था, जिस वजह से मुस्किल भरे इस दौर में महामारी की ऐसी दहशत है कि लोग अपनो के अंतिम समय मे अर्थी को भी कंधा देने से परहेज कर रहे हैं, जिस वजह से श्मसान घाट तक अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की संख्या में अचानक से कमी आ गयी है.