प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस परीक्षा 2018 की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि याचिका आशंकाओं को लेकर दाखिल की गई है. परीक्षा की पारदर्शिता या निष्पक्षता को लेकर कोई ठोस तथ्य नहीं है. जहां तक आरटीआई का प्रश्न है, भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अंक बताए जा सकते हैं. 13 जुलाई से साक्षात्कार होने जा रहा है. प्रक्रिया समाप्त होने के बाद वह आरटीआई डाली जा सकती है और आयोग याची अंक की जानकारी देंगे.
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने अनुज द्विवेदी व 25 अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा कि याचिका केवल संभावना के आधार पर दाखिल की गई है. इसमें ऐसा कोई तथ्य नहीं जिससे चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया जाए. 2016 के परिणाम में पर्सनॉलिटी टेस्ट के अंक भी जोड़े गए हैं, जबकि इस मामले में अभी चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. ऐसे में याचिका में हस्तक्षेप का कोई औचित्य नहीं है. कोर्ट ने याचियों को परीक्षा प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरटीआई से सूचना मांगने की छूट दी है.
याचिका में पीसीएस परिणाम को चुनौती दी गई थी. याची परीक्षा में बैठा था, किन्तु वह सफल नहीं हुआ. स्केलिंग अंक व एकेडमिक अंक को लेकर जानकारी मांगी गई थी. लोक सेवा आयोग ने यह कहते हुए जानकारी नहीं दी कि अभी परीक्षा प्रक्रिया जारी है. अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही दी जा सकती है. याचिका में 2016 व 2017 की परीक्षा के मानकों को लेकर सवाल उठाए गए थे. कोर्ट ने कहा कि आशंका को लेकर दाखिल याचिका पर परीक्षा में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है.