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गैंगरेप मामला: परवेज परवाज की जमानत निरस्त कराने के लिए सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका

परवेज परवाज की जमानत को निरस्त कराने के लिए राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. गैंगरेप में मिली सजा को निलंबित करते हुए हाईकोर्ट ने परवेज परवाज को जमानत दी थी.

इलाहाबाद हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट
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Published : Jul 14, 2023, 10:29 PM IST

प्रयागराज: गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता परवेज परवाज को गैंगरेप के मामले में मिली जमानत रद्द कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. गत दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ही परवेज परवाज की सजा को निलंबित करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार ने यह याचिका उसी पीठ के समक्ष दाखिल की है, जिस पीठ ने जमानत का आदेश दिया था. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने राज्य सरकार की याचिका नियमित क्षेत्राधिकार वाली पीठ के समक्ष सुनवाई पर विचार करने हेतु आदेश सुरक्षित कर लिया है.

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राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव, शासकीय अधिवक्ता एके संड ने पक्ष रखा. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि परवेज परवाज ने अदालत के सामने गलत तथ्य रखकर जमानत हासिल की है. कोर्ट को बताया गया कि परवेज के खिलाफ सिर्फ एक मुकदमा है. जबकि, उसका 14 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है. कोर्ट ने जानना चाहा कि इस पीठ का क्षेत्राधिकार बदल चुका है. क्या अभी भी उसे, राज्य सरकार की इस याचिका पर सुनवाई का अधिकार है. इस प्रश्न पर राज्य सरकार के अधिवक्ताओं का कहना था कि पीठ याचिका पर सुनवाई कर सकती है. फिलहाल इस मुद्दे पर अदालत ने अभी कोई निर्णय नहीं सुनाया है.

यह भी पढ़े-सदर नगर पंचायत प्रत्याशी रहे ओमप्रकाश सिंह हार मानने को नहीं है तैयार, कोर्ट में दाखिल की याचिका

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राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव, शासकीय अधिवक्ता एके संड ने पक्ष रखा. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि परवेज परवाज ने अदालत के सामने गलत तथ्य रखकर जमानत हासिल की है. कोर्ट को बताया गया कि परवेज के खिलाफ सिर्फ एक मुकदमा है. जबकि, उसका 14 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है. कोर्ट ने जानना चाहा कि इस पीठ का क्षेत्राधिकार बदल चुका है. क्या अभी भी उसे, राज्य सरकार की इस याचिका पर सुनवाई का अधिकार है. इस प्रश्न पर राज्य सरकार के अधिवक्ताओं का कहना था कि पीठ याचिका पर सुनवाई कर सकती है. फिलहाल इस मुद्दे पर अदालत ने अभी कोई निर्णय नहीं सुनाया है.

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