प्रयागराज : जनपद में सरकारी अस्पतालों में बेड भरे हुए हैं. प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती कराने में परेशानी हो रही है. इससे बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में रहकर महामारी से जंग लड़ रहे हैं. होम आइसोलेशन में रहने वाले कई मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने पर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. इसके साथ ही निमोनिया, हार्ट से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों का भी ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. इन मरीजों के परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने के साथ ही ऑक्सीजन भरवाने के लिए सड़कों पर निकल पड़ते हैं. सिलेंडर रिफिल करवाने के लिए वे एक से दूसरे प्लांट के चक्कर काटते हैं, इसके बाद भी लोगों को न तो सिलेंडर मिल रहा है और न ही रिफिल हो पा रहा है.
सरकारी व्यवस्था से नाराज है मरीजों के परिजन
प्रयागराज में सुबह से लेकर रात तक लोग ऑक्सीजन के अलग-अलग प्लांटों का चक्कर काट रहे हैं. बावजूद लोगों को मायूसी ही हाथ लग रही है. ऑक्सीजन न मिलने वाले लोग परेशान होकर प्रशासन के साथ ही सरकार को भी कोसते नजर आ रहे हैं. लोगों का आरोप है कि सरकार सिर्फ अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई व्यवस्था को सुधारने में लगी हैं, जबकि घरों में इलाज करवा रहे लोग भी ऑक्सीजन न मिलने से दम तोड़ रहे हैं.
बीजेपी विधायक के पोस्ट के बाद लोग पहुंचने लगे थे ऑक्सीजन प्लांट
जनपद में बीजेपी विधायक हर्ष वर्धन बाजपेयी ने अप्रैल में कोरोना केस बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की किल्लत बढ़ने पर अपने ऑक्सीजन प्लांट से सभी को ऑक्सीजन देने का एक पोस्ट फेसबुक पर किया था. इसके बाद से ही उनके प्लांट के बाहर लोगों की भीड़ जमा होने लगी. देखते ही देखते प्लांट के बाहर इतनी भीड़ जमा होने लगी कि हालात संभालने के लिए पुलिस तक को बुलाना पड़ गया था. तभी से लोग प्लांट से सिलेंडर लेकर घरों में रखने लगे थे. जिसे देखते हुए प्रशासन ने अस्पतालों को पहले ऑक्सीजन देने का निर्देश दिया.
घर में ऑक्सीजन सिलेंडर रखने से शुरू हुई किल्लत
ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के पीछे एक वजह यह भी है कि जिनके भी घर में होम आइसोलेशन में बुजुर्ग मरीज है, वह सभी अपने घरों में एक दो ऑक्सीजन सिलेंडर भरकर रखने की कोशिश कर रहे हैं. इससे जरुरतमंदों को भी समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है.
अस्पतालों को प्राथमिकता पर दी जा रही है गैस
नैनी इलाके में स्थित भाजपा विधायक के ऑक्सीजन प्लांट के मैनेजर का कहना है कि उनके प्लांट से सभी अस्पतालों को पहले सप्लाई दी जा रही है. अस्पतालों को गैस देने के बाद बचने पर दूसरे जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन दिया जाता है. मैनेजर के मुताबिक, इस प्लांट से रोजाना 1400 से 1500 ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है. इस दौरान लिक्विड गैस मिलने पर प्लांट में 2200 से 2400 लोड हो जाते है.
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नैनी इलाके के घूरपुर गौहनिया और इंडस्ट्रियल एरिया में भी एक ऑक्सीजन प्लांट हैं, लेकिन यहां भी लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से सिलेंडर रिफिल करवाने के लिए लोग नेताओं की मिन्नत करने के साथ ही सारे सोर्स आजमा रहे है.