प्रयागराज: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते ऑनलाइन क्लासेस की मांग बढ़ गई है. अब बच्चे स्कूल के क्लासरूम की बजाय घर पर मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. जिससे बच्चों कि आंखों पर मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन की लाइट का बुरा असर पड़ रहा है. साथ ही ऑनलाइल क्लास की वजह से बच्चों का स्क्रीन टाइम भी काफी बढ़ गया है. इससे बच्चों के आंखों के साथ-साथ स्ट्रेस और एग्जाइटी भी हो रही हैं
कोरोना वायरस के चलते स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सहित सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में ऑनलाइन ही पढ़ाई की जा रही है. खासकर स्कूल स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लास 3 से 4 घंटे तक लगातार पढ़ाया जा रहा है. जिसका नतीजा यह हो रहा है कि बच्चे मायोपिया जैसी समस्या तक पहुंच रहे हैं. साथ ही आंखों में तनाव, सिर में दर्द, ड्राई आई जैसी समस्या भी बच्चों में देखने को मिल रही है.
क्या-क्या हो रही हैं समस्याएं
कई बार बच्चे आंखों को स्क्रीन पर गड़ाकर रखते हैं और पलकें झपकाना भूल जाते हैं. इसकी वजह से आंखों से पानी आने, पलके झपकाने का पैटर्न खराब होने और आंखों को मसलना, सिर में दर्द जैसी कुछ समस्याएं हो सकती है. आंखें न झपकाने की वजह से आंखों का पानी सूख सकता है. इसलिए कंप्यूटर या स्क्रीन पर देखते समय बच्चों को बीच-बीच में पलकें झपकाना सिखाएं. इससे आंखों पर कम दबाव पड़ता है.
खाने में क्या दें बच्चों को
बच्चों को संतुलित आहार देना बहुत जरूरी है. आहार में मौजूद कुछ पोषक तत्व जैसे कि विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, ल्यूटिन, जिएंथिन और ओमेगा फैटी एसिड शरीर के साथ-साथ आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं. गाजर, चुकंदर, आम, पपीता, खट्टे फलों, आंवला, हरी पत्तेदार सब्जियों, बादाम, अखरोट, अंडे और मछली आदि में ये सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं.
इन समस्याओं से ऐसे बचा जा सकता है
- बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित किया जाए
- यदि ऑनलाइन स्टडी चल रही है तो हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड के लिए आंखों को आराम दें.
- डॉक्टर के बताए अनुसार आंखों को घुमाने आदि जैसी एक्सरसाइज करते रहें.
- जब बच्चे स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हों तो पलकें झपकाना ना भूलें.
- स्क्रीन का इस्तेमाल करते वक्त उससे जितना दूर हो सके, उतना दूर बैठ कर काम करें.
इसे भी पढे़ं- कोरोना इफैक्ट: बढ़े फल और सब्जियों के दाम