प्रयागराज: माघ मेला में मंगलवार को मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर एक करोड़ पांच लाख लोगों ने रात दस बजे तक स्नान कर लिया. मौनी अमावस्या माघ मेले का सबसे बड़ा स्नान पर्व है. इस दिन ही गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मेला क्षेत्र में पहुंचते हैं.
माघ मेला प्रशासन की तरफ से दावा किया गया है कि मौनी अमावस्या के पर्व पर मंगलवार को एक करोड़ पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मेला क्षेत्र में आस्था की डुबकी लगाई है. यही नहीं मौनी अमावस्या पर्व का मुहूर्त सोमवार दोपहर से ही लग गया था, जिस कारण सोमवार को भी 50 लाख लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई. इस तरह से दो दिनों में मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है.
माघ मेले में मौनी अमावस्या के महा स्नान पर्व पर सोमवार से लेकर मंगलवार रात तक डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य और आस्था की डुबकी लगाई. मेला प्रशासन का दावा है कि दो दिनों के दौरान मेला क्षेत्र में आने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने सुरक्षित तरीके से स्नान किया और वापस गए. इस दौरान मेला क्षेत्र में मामूली घटनाओं को छोड़कर किसी तरह की कोई बड़ी घटना नहीं हुई जो मेला प्रशासन के लिए राहत की बात साबित हुई.
कोरोना महामारी के इस काल में एक तरफ जहां भीड़ को जमा होने से रोका जाता है, वहीं प्रयागराज में सोमवार दोपहर से मंगलवार रात तक में डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया. इस दौरान इन श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में संगम तट से लेकर गंगा के अलग-अलग घाटों पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्केनिंग की जा रही थी. मेला के एंट्री प्वाइंट्स पर स्वास्थ विभाग की 21 टीमें लोगों की थर्मल स्केनिंग करने में जुटी हुईं थीं.
डेढ़ करोड़ की इस भीड़ की इन चंद टीमों ने कैसे थर्मल स्केनिंग की होगी इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. इसके साथ ही प्रयागराज में सोमवार को जहां 145 कोरोना संक्रमित मिले थे, वहीं मंगलवार को 193 कोरोना संक्रमित केस ही मिले हैं. सोमवार को 8406 लोगों की कोविड जांच की गयी थी, जबकि मंगलवार को 6816 लोगों की ही कोविड जांच हुई.
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जिले में जिस संख्या में रोज कोविड की जांच की जाती थी. मौनी अमावस्या के पर्व पर भी जांच की संख्या उतने तक ही सीमित रही. बल्कि जिस दिन जिले में एक करोड़ पांच लाख लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंचे उस दिन तो जांच की संख्या और कम होकर 6816 तक ही सीमित रही है, जिससे ये पता चलता है कि स्वास्थ विभाग ने उस दिन भी कितनी सतर्कता बरती होगी. जब जिले में एक करोड़ से अधिक लोग सिर्फ 24 घंटे के भीतर पहुंचे थे.
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