प्रयागराज: हमारे देश में गुरूओं का बहुत सम्मान किया जाता है. क्योंकि एक गुरु ही है जो अपने शिष्य को गलत मार्ग से हटाकर सही रास्ते पर लाता है. पौराणिक काल से संबंधित ऐसी बहुत सी कथाएं सुनने को मिलती हैं, जिससे ये पता चलता है कि किसी भी व्यक्ति को महान बनाने में गुरु का विशेष योगदान रहा है. इसी क्रम में आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय बॉटनी के प्रोफेसर एनबी सिंह ने गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर एक नई पहल की. इस पहल के अंतर्गत उन्होंने अपने शिष्यों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया साथ ही गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर गुरु आशीर्वाद के रूप में पौधों को उपहार स्वरूप दिया. साथ ही पौधों के संरक्षण के लिए शपथ भी दिलाई.
गुरु पूर्णिमा पर आमतौर पर शिष्य गुरु की पूजा करते हैं और गुरु दक्षिणा के रूप में गुरु को कोई भेंट प्रदान करते हैं, लेकिन प्रयागराज में हरियाली गुरु के नाम से विख्यात इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बॉटनी के प्रोफेसर एनबी सिंह ने गुरु पूर्णिमा पर एक अनोखी परंपरा की शुरुआत की है. प्रोफेसर ने देश में कोविड की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए उनको नमन करने आए अपने छात्रों को ऑक्सीजन देने वाले पौधे अपने शिष्यों को दिए और शिष्य दक्षिणा की नई परंपरा शुरु की. प्रोफेसर ने अपने शिष्यों से यह संकल्प भी लिया कि ताउम्र वह इन ऑक्सीजन देने वाले पौधों की रक्षा करेंगे और अपने जानने वालों को भी इसे लेकर प्रेरित करेंगे.
प्रोफसर का कहना है कि वातावरण में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए आज गुरु पूर्णिमा के दिन से एक नई पहल की गई, जिसमें बच्चो को पौधे उपहार स्वरूप दिए गए. इस दौरान अधिक से अधिक पेड़ लगाने की शपथ भी दिलाई गई.
विश्वविद्यालय के शोधकर्ता छात्र वेदांत ने बताया कि लगातार एक परंपरा थी कि गुरु पूर्णिमा के दिन छात्र अपने गुरु से मिलते हैं और उनको कोई न कोई तोहफा देते हैं. आज ये परंपरा बदली है और आज गुरु ने शिष्य को तोहफा दिया है और अपील की कि सभी लोग ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं.