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ट्रेन टिकट से महंगा हुआ प्लेटफार्म टिकट, 5 गुना हुई बढ़ोतरी

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Published : Mar 13, 2021, 2:11 PM IST

उत्तर मध्य रेलवे ने ट्रेन के टिकट से भी मंहगा प्लेटफॉर्म का टिकट कर दिया है. 11 महीने पहले तक सिर्फ 10 रुपये में बिकने वाला प्लेटफॉर्म टिकट अब पांच गुना मंहगा हो गया है. दस रुपये वाला वही प्लेटफॉर्म टिकट अब पचास रुपये में बिकने लगा है.

यात्री.
यात्री.

प्रयागराज: उत्तर मध्य रेलवे ने ट्रेन के टिकट से भी मंहगा प्लेटफॉर्म का टिकट कर दिया है. 11 महीने पहले तक सिर्फ दस रुपये में बिकने वाला प्लेटफॉर्म टिकट अब पांच गुना मंहगा हो गया है. दस रुपये वाला वही प्लेटफॉर्म टिकट अब पचास रुपये में बिकने लगा है. इस बढ़ोत्तरी के पीछे रेलवे अफसरों का तर्क कोरोना महामारी की वजह से प्लेटफॉर्म पर भीड़ जमा होने से रोकने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट का दाम बढ़ाया गया है. वहीं रेलवे के इस फैसले को कुछ लोग तो सही पर बहुत लोग गलत मान रहे हैं.

जानकारी देते यात्री.

प्लेटफॉर्म टिकट मंहगा होने पर लोगों की अलग-अलग राय
उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी, कानपुर सेंट्रल, मिर्जापुर, इटावा, टूंडला और अलीगढ़ स्टेशनों पर प्लेटफार्म टिकट का रेट बढ़ाकर 50 रुपया कर दिया है. इन सातों रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर मुसाफिरों के साथ उनको छोड़ने के लिए भीड़ न जाए. इस वजह से रेलवे ने इन स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट के दाम को बढ़ा दिया है. प्लेटफॉर्म टिकट का रेट बढ़ने से लोगों की अलग अलग राय है.कुछ लोग कोरोना को देखते हुए इस फैसले को सही मान रहे हैं.तो वहीं बहुत से लोग इस फैसले को रेलवे का मनमाना फैसला बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि भीड़ जुटने से रोकना है तो प्लेटफॉर्म पर जाने ही न दिया जाए.लोगों का सवाल है कि पांच गुना मँहगा टिकट खरीदकर प्लेटफॉर्म पर ज्यादा लोग जाएंगे तो क्या भीड़ नहीं बढ़ेगी.

'कोरोना से बचाव के लिए बढ़ाया दाम'
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार सिंह का कहना है कि प्लेटफॉर्म टिकट का दाम रेलवे ने अस्थायी तौर पर बढ़ाया है. अभी प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत जून महीने तक के लिए बढ़ाई गई है. प्लेटफॉर्म टिकट को मंहगा करने के पीछे रेलवे का मकसद है कि प्लेटफॉर्म पर कोरोना के दौर में भीड़ न जुटे. इसी वजह से प्लेटफार्म टिकट का दाम बढ़ाया गया है. जिससे कि ज्यादा मंहगे दाम की वजह से कम लोग टिकट खरीदकर प्लेटफॉर्म पर जाएंगे. उनके मुताबिक प्लेटफॉर्म टिकट का दाम बढ़ाने का मसकद सिर्फ प्लेटफॉर्म पर भीड़ न जुटने देना है इसी वह से कुछ महीनों के लिए ही टिकट का रेट बढ़ाया गया है.

प्लेटफॉर्म टिकट मंहगा होने से कम जुटेगी भीड़
प्लेटफॉर्म टिकट का रेट बढ़ाकर प्लेटफॉर्म पर भीड़ कम करने के रेलवे के फैसले से कुछ लोग आहत हैं. लोगों का कहना है कि आसपास के जिलों तक जाने का ट्रेन का जितना किराया लगता है उससे ज्यादा महंगा प्लेटफॉर्म टिकट कर दिया गया है. प्लेटफॉर्म टिकट का मनमाना किराया बढ़ाने से सिर्फ गरीब लोग ही अपनों को छोड़ने के लिए प्लेटफॉर्म तक नहीं जा सकेंगे. क्योंकि जिनके पास पैसा है वो तो पचास रुपये की दर से टिकट खरीदकर भीड़ लेकर आसानी से प्लेटफॉर्म पर जा सकते हैं. ऐसे में रेलवे के उस तर्क का क्या होगा. जिसमें रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए प्लेटफॉर्म पर भीड़ न जुटे इसलिए टिकट महंगा किया गया है.

रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट का दाम 10 से बढ़ाकर 50 रुपया कर दिया है. जिससे कि गरीबों को ट्रेन में बैठाने के लिए उनके अपने साथ नहीं जाएंगे. जबकि पैसे वाले मुंहमांगी कीमत देकर प्लेटफॉर्म पर भीड़ ले जा सकते हैं. ट्रेन में सफर करने वाले आम मुसाफिरों का कहना है कि पांच गुना प्लेटफॉर्म टिकट का दाम बढ़ने से नुकसान सिर्फ गरीबों का होगा. क्योंकि 50 रुपया खर्च करके गरीब के परिजन उसे प्लेटफॉर्म तक छोड़ने नहीं जाएंगे. जबकि अमीर लोग अपने लोगों को लेकर टिकट खरीदकर भीड़ के साथ प्लेटफॉर्म तक जा सकेंगे.

इसे भी पढे़ं- प्रेमी ही निकला प्रेमिका के बेटे का हत्यारा, जानें क्या है पूरा मामला

प्रयागराज: उत्तर मध्य रेलवे ने ट्रेन के टिकट से भी मंहगा प्लेटफॉर्म का टिकट कर दिया है. 11 महीने पहले तक सिर्फ दस रुपये में बिकने वाला प्लेटफॉर्म टिकट अब पांच गुना मंहगा हो गया है. दस रुपये वाला वही प्लेटफॉर्म टिकट अब पचास रुपये में बिकने लगा है. इस बढ़ोत्तरी के पीछे रेलवे अफसरों का तर्क कोरोना महामारी की वजह से प्लेटफॉर्म पर भीड़ जमा होने से रोकने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट का दाम बढ़ाया गया है. वहीं रेलवे के इस फैसले को कुछ लोग तो सही पर बहुत लोग गलत मान रहे हैं.

जानकारी देते यात्री.

प्लेटफॉर्म टिकट मंहगा होने पर लोगों की अलग-अलग राय
उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी, कानपुर सेंट्रल, मिर्जापुर, इटावा, टूंडला और अलीगढ़ स्टेशनों पर प्लेटफार्म टिकट का रेट बढ़ाकर 50 रुपया कर दिया है. इन सातों रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर मुसाफिरों के साथ उनको छोड़ने के लिए भीड़ न जाए. इस वजह से रेलवे ने इन स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट के दाम को बढ़ा दिया है. प्लेटफॉर्म टिकट का रेट बढ़ने से लोगों की अलग अलग राय है.कुछ लोग कोरोना को देखते हुए इस फैसले को सही मान रहे हैं.तो वहीं बहुत से लोग इस फैसले को रेलवे का मनमाना फैसला बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि भीड़ जुटने से रोकना है तो प्लेटफॉर्म पर जाने ही न दिया जाए.लोगों का सवाल है कि पांच गुना मँहगा टिकट खरीदकर प्लेटफॉर्म पर ज्यादा लोग जाएंगे तो क्या भीड़ नहीं बढ़ेगी.

'कोरोना से बचाव के लिए बढ़ाया दाम'
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार सिंह का कहना है कि प्लेटफॉर्म टिकट का दाम रेलवे ने अस्थायी तौर पर बढ़ाया है. अभी प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत जून महीने तक के लिए बढ़ाई गई है. प्लेटफॉर्म टिकट को मंहगा करने के पीछे रेलवे का मकसद है कि प्लेटफॉर्म पर कोरोना के दौर में भीड़ न जुटे. इसी वजह से प्लेटफार्म टिकट का दाम बढ़ाया गया है. जिससे कि ज्यादा मंहगे दाम की वजह से कम लोग टिकट खरीदकर प्लेटफॉर्म पर जाएंगे. उनके मुताबिक प्लेटफॉर्म टिकट का दाम बढ़ाने का मसकद सिर्फ प्लेटफॉर्म पर भीड़ न जुटने देना है इसी वह से कुछ महीनों के लिए ही टिकट का रेट बढ़ाया गया है.

प्लेटफॉर्म टिकट मंहगा होने से कम जुटेगी भीड़
प्लेटफॉर्म टिकट का रेट बढ़ाकर प्लेटफॉर्म पर भीड़ कम करने के रेलवे के फैसले से कुछ लोग आहत हैं. लोगों का कहना है कि आसपास के जिलों तक जाने का ट्रेन का जितना किराया लगता है उससे ज्यादा महंगा प्लेटफॉर्म टिकट कर दिया गया है. प्लेटफॉर्म टिकट का मनमाना किराया बढ़ाने से सिर्फ गरीब लोग ही अपनों को छोड़ने के लिए प्लेटफॉर्म तक नहीं जा सकेंगे. क्योंकि जिनके पास पैसा है वो तो पचास रुपये की दर से टिकट खरीदकर भीड़ लेकर आसानी से प्लेटफॉर्म पर जा सकते हैं. ऐसे में रेलवे के उस तर्क का क्या होगा. जिसमें रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए प्लेटफॉर्म पर भीड़ न जुटे इसलिए टिकट महंगा किया गया है.

रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट का दाम 10 से बढ़ाकर 50 रुपया कर दिया है. जिससे कि गरीबों को ट्रेन में बैठाने के लिए उनके अपने साथ नहीं जाएंगे. जबकि पैसे वाले मुंहमांगी कीमत देकर प्लेटफॉर्म पर भीड़ ले जा सकते हैं. ट्रेन में सफर करने वाले आम मुसाफिरों का कहना है कि पांच गुना प्लेटफॉर्म टिकट का दाम बढ़ने से नुकसान सिर्फ गरीबों का होगा. क्योंकि 50 रुपया खर्च करके गरीब के परिजन उसे प्लेटफॉर्म तक छोड़ने नहीं जाएंगे. जबकि अमीर लोग अपने लोगों को लेकर टिकट खरीदकर भीड़ के साथ प्लेटफॉर्म तक जा सकेंगे.

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