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यौन उत्पीड़न मामलों को लेकर बंगाली अभिनेत्रियों ने आवाज की बुलंद, सीएम ममता बनर्जी को लिखा 5 पन्नों का पत्र - Sexual Harassment Cases

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By ETV Bharat Entertainment Team

Published : 2 hours ago

Sexual Harassment Cases : बंगाली एक्ट्रेस उषासी रे, अनन्या सेन, तनिका बसु, सौरसेनी मैत्रा, अंगना रॉय और दामिनी बेनी बसु ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है. इन हसीनाओं ने सीएम से आग्रह किया है कि बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए एक समिति गठित करें.

Mamata Banerjee
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी- उत्पीड़न का प्रतीकात्म फोटो (ANI)

हैदराबाद: हेमा कमिटी रिपोर्ट ने पूरे देश में हलचल मचा दी है. इस रिपोर्ट की सच्चाई सामने आने के बाद हर फिल्म इंडस्ट्री के लोग यौन उत्पीड़न मामले की जांच रिपोर्ट को पब्लिक जारी करने की मांग कर रहे हैं. हाल ही में बंगाल की मशहूर हसीनाओं ने बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है. इस मामले को लेकर अभिनेत्रियों ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लंबा-चौड़ा लेटर लिखा है. इस लेटर के जरिए उन्होंने सीएम से यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच रिपोर्ट पब्लिक जारी करने का आग्रह किया है.

21 सितंबर कोबंगाली अभिनेत्रियों उषासी रे, अंगना रॉय, दामिनी बेनी बसु, अनन्या सेन, तनिका बसु और सौरसेनी मैत्रा ने सीएम ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा और हेमा समिति की रिपोर्ट का स्वागत किया. अभिनेत्रियों ने ममता बनर्जी से बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में 'वर्कप्लेस पर उत्पीड़न और लिंग आधारित हिंसा की जांच के लिए' एक स्वतंत्र समिति गठित करने का आग्रह किया है.

सभी अभिनेत्रियों अपने-अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर पांच पन्नों के पत्र की तस्वीरें शेयर की है और कैप्शन में लिखा है, 'हमने अपना पहला पत्र सीएमओ को भेजा है. हम स्क्रीन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपनी सुरक्षा और सम्मान के बारे में पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री के साथ बातचीत शुरू करने के लिए उत्सुक हैं'.

पत्र में लिखा है, 'हम, वूमेन्स फोरम फॉर स्क्रीन वर्कर्स (WFSW+) - फिल्म, टेलीविजन और वेब प्लेटफॉर्म सहित स्क्रीन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक्टर्स, टेक्नीशियन और क्रू मेंबर के रूप में काम करने वाली महिलाओं, यौन और लैंगिक अल्पसंख्यकों का एक समूह - आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कोलकाता में हुए जघन्य बलात्कार और हत्या की घटना के जवाब में एकजुट हुए हैं. अपने दिल में प्रार्थनाओं के साथ, हम ऐसे भयानक अपराधों के पीड़ितों के साथ एकजुटता में खड़े हैं'.

पत्र में आगे लिखा है, 'इस त्रासदी ने न केवल सभी क्षेत्रों में हिंसा, उत्पीड़न और असुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों को संबोधित करने की बढ़ती आवश्यकता को उजागर किया है, बल्कि हमारे उद्योग में काम करने वाली महिलाओं, नाबालिगों और अन्य हाशिए पर पड़े लोगों के बड़े पैमाने पर यौन शोषण और शोषण के खिलाफ खड़े होने के लिए हमें खतरे की घंटी भी बजाई है'.

अभिनेत्रियों ने सीएम से पश्चिम बंगाल के स्क्रीन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में वर्क प्लेस पर उत्पीड़न और लिंग आधारित हिंसा की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति के गठन का अनुरोध किया है. अभिनेत्रियों ने अपने पत्र में फिल्म इंडस्ट्री में नाबालिगों के लिए अनसेफ वर्किंग कंडिशन की ओर ध्यान खींचा है. बता दें, इसी साल अगस्त में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर केस पूरा देश स्तब्ध है.

इससे पहले, एक्ट्रेस रिताभरी चक्रवर्ती ने भी ममता बनर्जी से ऐसी ही एक समिति बनाने का आग्रह किया था. अभिनेत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनके अनुरोध पर बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के मामलों को संबोधित करने के लिए एक समिति का गठन किया, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री से कोई भी सदस्य शामिल नहीं था.

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21 सितंबर कोबंगाली अभिनेत्रियों उषासी रे, अंगना रॉय, दामिनी बेनी बसु, अनन्या सेन, तनिका बसु और सौरसेनी मैत्रा ने सीएम ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा और हेमा समिति की रिपोर्ट का स्वागत किया. अभिनेत्रियों ने ममता बनर्जी से बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में 'वर्कप्लेस पर उत्पीड़न और लिंग आधारित हिंसा की जांच के लिए' एक स्वतंत्र समिति गठित करने का आग्रह किया है.

सभी अभिनेत्रियों अपने-अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर पांच पन्नों के पत्र की तस्वीरें शेयर की है और कैप्शन में लिखा है, 'हमने अपना पहला पत्र सीएमओ को भेजा है. हम स्क्रीन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपनी सुरक्षा और सम्मान के बारे में पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री के साथ बातचीत शुरू करने के लिए उत्सुक हैं'.

पत्र में लिखा है, 'हम, वूमेन्स फोरम फॉर स्क्रीन वर्कर्स (WFSW+) - फिल्म, टेलीविजन और वेब प्लेटफॉर्म सहित स्क्रीन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक्टर्स, टेक्नीशियन और क्रू मेंबर के रूप में काम करने वाली महिलाओं, यौन और लैंगिक अल्पसंख्यकों का एक समूह - आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कोलकाता में हुए जघन्य बलात्कार और हत्या की घटना के जवाब में एकजुट हुए हैं. अपने दिल में प्रार्थनाओं के साथ, हम ऐसे भयानक अपराधों के पीड़ितों के साथ एकजुटता में खड़े हैं'.

पत्र में आगे लिखा है, 'इस त्रासदी ने न केवल सभी क्षेत्रों में हिंसा, उत्पीड़न और असुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों को संबोधित करने की बढ़ती आवश्यकता को उजागर किया है, बल्कि हमारे उद्योग में काम करने वाली महिलाओं, नाबालिगों और अन्य हाशिए पर पड़े लोगों के बड़े पैमाने पर यौन शोषण और शोषण के खिलाफ खड़े होने के लिए हमें खतरे की घंटी भी बजाई है'.

अभिनेत्रियों ने सीएम से पश्चिम बंगाल के स्क्रीन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में वर्क प्लेस पर उत्पीड़न और लिंग आधारित हिंसा की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति के गठन का अनुरोध किया है. अभिनेत्रियों ने अपने पत्र में फिल्म इंडस्ट्री में नाबालिगों के लिए अनसेफ वर्किंग कंडिशन की ओर ध्यान खींचा है. बता दें, इसी साल अगस्त में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर केस पूरा देश स्तब्ध है.

इससे पहले, एक्ट्रेस रिताभरी चक्रवर्ती ने भी ममता बनर्जी से ऐसी ही एक समिति बनाने का आग्रह किया था. अभिनेत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनके अनुरोध पर बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के मामलों को संबोधित करने के लिए एक समिति का गठन किया, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री से कोई भी सदस्य शामिल नहीं था.

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