प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी ड्रग तस्करी के मामले में शामिल नाइजीरियाई नागरिक माइकल बेनसन की यूपी पुलिस को तलाश है. उधर, माइकल की पत्नी रिबेका लहनेमाकिम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस उनको गिरफ्तार करके ले गई. तबसे माइकल का कुछ अता पता नहीं है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में यूपी पुलिस से जवाब तलब किया था. पुलिस की ओर से बताया गया कि माइकल का नाम पहली बार उनके सामने उसकी पत्नी द्वारा याचिका दाखिल करने के बाद आया. जबकि उसके नाम से पंजीकृत कार 17 मई 2023 को ड्रग्स के साथ पकड़े गयी नाइजीरियाई नागरिकों के पास से बरामद हुई थी. पुलिस का कहना है कि उनको ऐसी आशंका है कि माइकल इन तस्करों में शामिल था. इसलिए पुलिस उसकी तलाश कर रही है. मगर उसे पुलिस ने कभी भी गिरफ्तार नहीं किया. पुलिस द्वारा दी गई इस जानकारी के बाद मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति अजहर हुसैन इरशाद की खंडपीठ ने रिबेका की ओर से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी है.
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मामले के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस को कुछ विदेशी नागरिकों द्वारा ड्रग की सप्लाई में लिप्त होने की जानकारी मिली थी. इसके आधार पर पुलिस ने 17 मई 2023 को नोएडा में एक कार में ड्रग ले जा रहे दो नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया था. इन लोगों के पास से 46 किलो 200 ग्राम कोकीन बरामद की गई. दोनों नाइजीरियाई नागरिकों की निशानदेही पर पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में एक स्थान पर छापा मारकर ड्रग बनाने की फैक्ट्री, बड़ी मात्रा में कच्चा रसायन और सामान के साथ-साथ सात नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया. इन सब से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने एक और स्थान पर छापा मारकर ड्रग बनाने की फैक्ट्री पकड़ी. पुलिस ने कुल 77 किलो कोकीन बरामद की थी. जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में लगभग 600 करोड़ों रुपये बताई गई. पुलिस का दावा है कि उत्तर प्रदेश में यह अब तक की गई सबसे बड़ी बरामदगी है.