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प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार, NDRF की टीम तैनात

प्रयागराज में खतरे के निशान को पार कर चुकी गंगा की वजह से खराब हो रहे हालात को काबू करने के लिए शहर में एनडीआरएफ (NDRF) की टीम पहुंच चुकी है, ताकि लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो.

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गंगा व यमुना
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Published : Aug 26, 2022, 5:34 PM IST

प्रयागराज: संगम नगरी में गंगा और यमुना का जल स्तर अब रौद्र रूप धारण करने लगा है. जी हां तेजी से बढ़ती हुई गंगा ने प्रयागराज में जहां खतरे के निशान को पार कर लिया है तो वहीं, यमुना भी डेंजर लेवल तक पहुंचने के बाद उसे पार करने वाली है. आलम यह है कि गंगा यमुना डेंजर लेवल 84.734 मीटर, गंगा 84.78 मीटर और यमुना 84.73 मीटर तक पहुंच गई है. वहीं, हालात न बिगड़े इसको लेकर अब शहर में एनडीआरएफ (NDRF) की टीम पहुंच चुकी है.

दरअसल, पहाड़ी इलाकों से छोड़ा गया पानी अब मैदानी इलाकों में भी लोगों की मुसबीत बढ़ाने लगा है. संगम के शहर में कई ऐसे इलाके है जहां पर कॉलोनियों और बस्तियों में बने हजारों घरों को गंगा यमुना ने जलमग्न कर दिया है, जिससे उन इलाकों में बने तमाम घरों में रहने वाले लोगों ने अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण ली है. जबकि बहुत से ऐसे लोग हैं, जो ग्राउंड फ्लोर के डूबने के बाद ऊपरी मंजिलों पर शरण लिए हुए हैं. साथ ही घरों की छत पर जरूरत और कीमती सामानों रखा हुआ हैं.

यह भी पढ़ें- प्रयागराज में उफान पर गंगा यमुना, गलियों में पानी भरने से लोगों को हो रही परेशानी

वहीं, प्रयागराज में बाढ़ से बिगड़ते हालात को काबू में करने के लिए प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया है. एनडीआरएफ की पूरी टीम ने दारागंज के बक्शी बांध इलाके में पहुंचकर कैम्प बना लिया है. साथ ही एनडीआरएफ की ये टीम बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रही है और बाढ़ में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का काम कर रही है. इतना ही नहीं राहत शिविर में रहने वाले लोगों को प्रशासन की तरफ से खाने पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है, जिससे इन लोगों को खाने-पीने के लिए परेशान न होना पड़े. जबकि बाढ़ में फंसे हुए लोगों का कहना है कि उन्हें किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिल रही है. जबकि वह तीन-चार दिनों से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं.

शहर के बघाड़ा इलाके में बना प्राथमिक विद्यालय ढरहरिया पूरी तरह से जल मग्न हो गया है. गंगा का पानी भर जाने की वजह से निचले इलाकों में बने स्कूल में जाने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने लगी है. जी हां छोटा बघाड़ा, सलोरी,चांदपुर तेलियरगंज, दारागंज करेली तमाम ऐसे इलाके हैं, जहां की सड़कों और गलियों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. इस वजह से इन इलाकों में रहने वाले लोगों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में बघाड़ा के ढर हरिया प्राथमिक विद्यालय के पानी में डूबने की वजह से वहां पढ़ने जाने वाले छात्र छात्राओं का स्कूल जाना बंद हो गया है. स्कूल में पढ़ने वाली खुशी नाम की छात्रा का कहना है कि कई दिनों से स्कूल में पानी भर गया है, इस वजह से उनका स्कूल आना जाना बंद हो गया है.

यह भी पढ़ें- पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह का दावा, 2024 में जीतेंगे सभी 80 सीटें

प्रयागराज: संगम नगरी में गंगा और यमुना का जल स्तर अब रौद्र रूप धारण करने लगा है. जी हां तेजी से बढ़ती हुई गंगा ने प्रयागराज में जहां खतरे के निशान को पार कर लिया है तो वहीं, यमुना भी डेंजर लेवल तक पहुंचने के बाद उसे पार करने वाली है. आलम यह है कि गंगा यमुना डेंजर लेवल 84.734 मीटर, गंगा 84.78 मीटर और यमुना 84.73 मीटर तक पहुंच गई है. वहीं, हालात न बिगड़े इसको लेकर अब शहर में एनडीआरएफ (NDRF) की टीम पहुंच चुकी है.

दरअसल, पहाड़ी इलाकों से छोड़ा गया पानी अब मैदानी इलाकों में भी लोगों की मुसबीत बढ़ाने लगा है. संगम के शहर में कई ऐसे इलाके है जहां पर कॉलोनियों और बस्तियों में बने हजारों घरों को गंगा यमुना ने जलमग्न कर दिया है, जिससे उन इलाकों में बने तमाम घरों में रहने वाले लोगों ने अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण ली है. जबकि बहुत से ऐसे लोग हैं, जो ग्राउंड फ्लोर के डूबने के बाद ऊपरी मंजिलों पर शरण लिए हुए हैं. साथ ही घरों की छत पर जरूरत और कीमती सामानों रखा हुआ हैं.

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वहीं, प्रयागराज में बाढ़ से बिगड़ते हालात को काबू में करने के लिए प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया है. एनडीआरएफ की पूरी टीम ने दारागंज के बक्शी बांध इलाके में पहुंचकर कैम्प बना लिया है. साथ ही एनडीआरएफ की ये टीम बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रही है और बाढ़ में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का काम कर रही है. इतना ही नहीं राहत शिविर में रहने वाले लोगों को प्रशासन की तरफ से खाने पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है, जिससे इन लोगों को खाने-पीने के लिए परेशान न होना पड़े. जबकि बाढ़ में फंसे हुए लोगों का कहना है कि उन्हें किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिल रही है. जबकि वह तीन-चार दिनों से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं.

शहर के बघाड़ा इलाके में बना प्राथमिक विद्यालय ढरहरिया पूरी तरह से जल मग्न हो गया है. गंगा का पानी भर जाने की वजह से निचले इलाकों में बने स्कूल में जाने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने लगी है. जी हां छोटा बघाड़ा, सलोरी,चांदपुर तेलियरगंज, दारागंज करेली तमाम ऐसे इलाके हैं, जहां की सड़कों और गलियों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. इस वजह से इन इलाकों में रहने वाले लोगों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में बघाड़ा के ढर हरिया प्राथमिक विद्यालय के पानी में डूबने की वजह से वहां पढ़ने जाने वाले छात्र छात्राओं का स्कूल जाना बंद हो गया है. स्कूल में पढ़ने वाली खुशी नाम की छात्रा का कहना है कि कई दिनों से स्कूल में पानी भर गया है, इस वजह से उनका स्कूल आना जाना बंद हो गया है.

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