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रत्नों को धारण करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान, हो जाएंगे मालामाल - हो जाएंगे मालामाल

प्राचीन काल से ज्योतिष में रत्‍नों के उपयोग को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. रत्‍न धारण करने से जिंदगी में इसका क्या अच्छा और क्या बुरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही रत्नों को राशि के अनुसार या ग्रहों के अनुसार कैसे धारण करना चाहिए.

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रत्नों का महत्व
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Published : Jan 28, 2022, 3:45 PM IST

प्रयागराज: रत्नों को धारण करने के पीछे मात्र उनकी चमक प्रमुख कारण नहीं है, बल्कि अपने लक्ष्य के अनुसार उनका लाभ प्राप्त करना अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि ये रत्न जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य करते किस प्रकार हैं. हम अपने आस-पास व्यक्तियों को कई तरह के रत्न पहने हुए देखते हैं. ये रत्न वास्तव में कार्य कैसे करते हैं और हमारी जन्मकुंडली में बैठे ग्रहों पर क्या प्रभाव डालते हैं. साथ ही किस व्यक्ति को कौन से विशेष रत्न धारण करने चाहिये. ये सब बातें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. पढ़िए...क्या कहती हैं ज्योतिषाचार्य पंडित शिप्रा सचदेव...

क्या रत्न भी बदल देते हैं मनुष्य की तकदीर

कहते हैं कि घूरे के दिन भी बदलते हैं तो इंसान के क्यों‍ नहीं. कहावत सच तो है लेकिन लंबा इंतजार करने से अच्छा है यदि आपकी कुंडली सही है तो रत्न धारण करने से अच्छी सफलता मिल सकती है. लेकिन रत्न धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह जरूर लेना चाहिए. वही कुछ लोग राशि के अनुसार रत्न पहन लेते है जो कभी-कभी नुकसानदायक भी हो सकता है. राशि के साथ ही राशि स्वामी ‍की स्थिति उसके बैठने का स्थान आदि भी बहुत महत्व रखते हैं.

नवरत्न धारण विधि
रत्नों में क्या अच्छाई और क्या बुराईकोई भी रत्न सिर्फ अच्छा या सिर्फ बुरा असर नहीं डालते है. सबका कुछ ना कुछ अच्छा और बुरा असर पड़ता है. जैसे हमारे मित्र जो होते है उनका हम पर ज्यादा से ज्यादा अच्छा और हल्का सा बुरा असर भी पड़ता है, क्योंकि प्रकृति ने हर अच्छाई के साथ कुछ बुराई भी दी है.

रत्न लग्न के अनुसार धारण करे

रत्न हमेशा लग्न के अनुसार धारण किया जाता है, राशि के अनुसार नहीं. क्योंकि लग्न हमारा शरीर होता है और राशि हमारा मस्तिष्क, भावनाएं होते हैं. जब हम अपनी कुंडली बनवाते हैं, तब हमें अपने लग्न के बारे में पता चलता है.

यह भी पढ़ें- Yearly Horoscope 2022 : नए साल में सिंह राशि के जातक रहें सावधान, जानिए बचाव के उपाय

मोती को धारण करने के पहले जानकार से सलाह

कुछ लोगों की धारणा है कि मोती को कोई भी धारण कर सकता है. जिन लोगों को बहुत अधिक गुस्सा आता है या जो व्यक्ति बहुत चिड़चिड़ा होता है. उसे मोती धारण कर लेना चाहिए. लेकिन इसके भी कुछ प्रतिकूल प्रभाव होता है क्योंकि मोती चंद्रमा का कारकेश है. इसलिए मोती को धारण करने के पहले किसी ज्योतिषाचार्य से जानकारी ले लेनी चाहिए.

रत्नों का असर करने में 3 से 4 महीने का समय

कुछ लोगों को लगता है कि शनि का रत्न यानी नीलम धारण नहीं करना चाहिए. या धारण करने के पहले उसे 5 दिन सिर के नीचे या हाथ में बांध कर रखना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं होता, कुछ लग्न के लिए नीलम बहुत अच्छा होता है. लेकिन नीलम, मोती, मूंगा, पुखराज, पन्ना या कोई भी रत्न असर करने में 3 से 4 महीने का समय लेता है. तब तक हमें कोई भी रत्न के बारे में फैसला नहीं करना चाहिए कि इसका अच्छा या बुरा असर हुआ है.

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प्रयागराज: रत्नों को धारण करने के पीछे मात्र उनकी चमक प्रमुख कारण नहीं है, बल्कि अपने लक्ष्य के अनुसार उनका लाभ प्राप्त करना अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि ये रत्न जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य करते किस प्रकार हैं. हम अपने आस-पास व्यक्तियों को कई तरह के रत्न पहने हुए देखते हैं. ये रत्न वास्तव में कार्य कैसे करते हैं और हमारी जन्मकुंडली में बैठे ग्रहों पर क्या प्रभाव डालते हैं. साथ ही किस व्यक्ति को कौन से विशेष रत्न धारण करने चाहिये. ये सब बातें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. पढ़िए...क्या कहती हैं ज्योतिषाचार्य पंडित शिप्रा सचदेव...

क्या रत्न भी बदल देते हैं मनुष्य की तकदीर

कहते हैं कि घूरे के दिन भी बदलते हैं तो इंसान के क्यों‍ नहीं. कहावत सच तो है लेकिन लंबा इंतजार करने से अच्छा है यदि आपकी कुंडली सही है तो रत्न धारण करने से अच्छी सफलता मिल सकती है. लेकिन रत्न धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह जरूर लेना चाहिए. वही कुछ लोग राशि के अनुसार रत्न पहन लेते है जो कभी-कभी नुकसानदायक भी हो सकता है. राशि के साथ ही राशि स्वामी ‍की स्थिति उसके बैठने का स्थान आदि भी बहुत महत्व रखते हैं.

नवरत्न धारण विधि
रत्नों में क्या अच्छाई और क्या बुराईकोई भी रत्न सिर्फ अच्छा या सिर्फ बुरा असर नहीं डालते है. सबका कुछ ना कुछ अच्छा और बुरा असर पड़ता है. जैसे हमारे मित्र जो होते है उनका हम पर ज्यादा से ज्यादा अच्छा और हल्का सा बुरा असर भी पड़ता है, क्योंकि प्रकृति ने हर अच्छाई के साथ कुछ बुराई भी दी है.

रत्न लग्न के अनुसार धारण करे

रत्न हमेशा लग्न के अनुसार धारण किया जाता है, राशि के अनुसार नहीं. क्योंकि लग्न हमारा शरीर होता है और राशि हमारा मस्तिष्क, भावनाएं होते हैं. जब हम अपनी कुंडली बनवाते हैं, तब हमें अपने लग्न के बारे में पता चलता है.

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मोती को धारण करने के पहले जानकार से सलाह

कुछ लोगों की धारणा है कि मोती को कोई भी धारण कर सकता है. जिन लोगों को बहुत अधिक गुस्सा आता है या जो व्यक्ति बहुत चिड़चिड़ा होता है. उसे मोती धारण कर लेना चाहिए. लेकिन इसके भी कुछ प्रतिकूल प्रभाव होता है क्योंकि मोती चंद्रमा का कारकेश है. इसलिए मोती को धारण करने के पहले किसी ज्योतिषाचार्य से जानकारी ले लेनी चाहिए.

रत्नों का असर करने में 3 से 4 महीने का समय

कुछ लोगों को लगता है कि शनि का रत्न यानी नीलम धारण नहीं करना चाहिए. या धारण करने के पहले उसे 5 दिन सिर के नीचे या हाथ में बांध कर रखना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं होता, कुछ लग्न के लिए नीलम बहुत अच्छा होता है. लेकिन नीलम, मोती, मूंगा, पुखराज, पन्ना या कोई भी रत्न असर करने में 3 से 4 महीने का समय लेता है. तब तक हमें कोई भी रत्न के बारे में फैसला नहीं करना चाहिए कि इसका अच्छा या बुरा असर हुआ है.

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